Rohit Shetty की जिंदगी का सफर हर किसी के लिए मिसाल है!
Rohit Shetty Birthday: 'चेन्नई एक्सप्रेस', 'गोलमाल', 'सिंघम', 'सिंबा' और 'सूर्यवंशी' जैसी मशहूर फिल्मों का निर्देशन करने वाले रोहित शेट्टी का आज जन्मदिन है. बॉलीवुड में अपनी एक्शन और कॉमेडी फिल्मों के जरिए एक अलग पहचान बनाने वाले रोहित न सिर्फ बेहतरीन फिल्म मेकर हैं, बल्कि एक शानदार इंसान भी हैं. पूरी फिल्म इंडस्ट्री में उनकी अलग छवि है.
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पिता हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर एक्शन डायरेक्टर थे. मां फिल्मों में जूनियर आर्टिस्ट का काम करती थी. इतना ही नहीं नानी अपने जमाने की मशहूर अदाकारा थी. ऐसे परिवार में पैदा हुए बच्चे के लिए भला किस चीज की कमी हो सकती है. लेकिन नहीं जनाब वक्त के आगे किसी की नहीं चलती है. समय किसी भी इंसान को अर्श से फर्श पर ला सकता है. कुछ ऐसा ही बॉलीवुड के मशहूर फिल्म मेकर रोहित शेट्टी के साथ हुआ था. आज वो अरबों रुपए से खेल रहे हैं. उनकी फिल्में हजारों करोड़ रुपए कमा रही हैं. लेकिन एक वक्त था, जब उनको एक-एक रुपए के लिए मोहताज रहना पड़ता था. ये सबकुछ उनके पिता एमबी शेट्टी के असामयिक मौत के बाद हुआ था.
रोहित शेट्टी तब महज 9 साल के साल के थे, जब उनके सिर से पिता का साया उठ गया था. मां ने घर तो संभाला, लेकिन परिवार बहुत बड़ा था. गुजारे के लिए पैसे कम पड़ जाते थे. अपने घर की हालत देख रोहित ने अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी. चूंकि माता-पिता फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए थे. इसलिए यहीं काम तलाशना शुरू किया. पहले स्पॉटब्वॉय का काम मिला. बहुत कम लोगों को पता है कि वह एक्ट्रेस काजोल के स्पॉटब्वॉय हुआ करते थे. साल 1995 में एक फिल्म आई थी 'हकीकत', इसमें एक्ट्रेस तब्बू लीड रोल में थी. इसकी शूटिंग के दौरान रोहित तब्बू की साड़ियां प्रेस किया करते थे. 17 साल की उम्र में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर फिल्म 'फूल और कांटे' से अपना करियर शुरू किया.
कई मशहूर फिल्मों का निर्देशन करने वाले रोहित शेट्टी का आज जन्मदिन है.
फिल्मी परिवार में जन्में लेकिन तंगी के बीच अपना रास्ता खुद बनाया
रोहित शेट्टी ने एक इंटरव्यू में अपने जीवन के संघर्षों के बारे में बताया था, "जब मैंने काम शुरू किया तब घर चलाने के लिए पैसे कमाना चाहता था. पिताजी के निधन के बाद मैंने कॉलेज छोड़ दिया था, क्योंकि मैं जानता था कि किताबों और कपड़ो के लिए पैसे कहां से आएंगे. मुझे पता नहीं था कि ये सब कौन देगा. इसलिए मैंने काम करना शुरू कर दिया. मेरी पहली कमाई 35 रुपए थी. मेरी बड़ी बहने मुझे भाग्यशाली कहती हैं, क्योंकि इतने अभाव के बाद भी मैंने फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाई. मुझे मेरे फैन्स से बहुत सपोर्ट मिला. यही वजह रही कि मेरी मेहनत काम आई. मेरी फिल्मों ने अच्छा प्रदर्शन किया. सबकुछ जादू की तरह है. मुझे फैन्स और मीडिया से बहुत प्यार मिला है."
मुंबई की गलियों की खाक छानी, लेकिन कभी जिंदगी से हार नहीं मानी
फिल्म इंडस्ट्री में आने के बाद के संघर्षों के बारे फिल्म मेकर कहते हैं, "वास्तव में यह एक आसान यात्रा नहीं थी. लोगों को लगता है कि चूंकि मैं फिल्म इंडस्ट्री से हूं तो मेरे लिए यह आसान रहा होगा. जब मैंने काम करना शुरू किया, तो मुझे बहुत कम पैसे मिलते थे. इतना कम कि कई बार ऐसा हुआ है कि मुझे खाने और ट्रैवल के बीच चुनना पड़ता था. क्योंकि पैसे इतने कम होते थे कि खाना लिया तो आने-जाने के लिए पैसे नहीं बच पाते थे. इसलिए मैं पैदल चलता था. मैं कई बार मलाड से अंधेरी पैदल जाता था. मुझे धूप में डेढ़, दो घंटे लग जाते थे. मैं गलियां जानता हूं इसलिए अब जब मैं अपने ड्राइवर से कहता हूं 'यह रास्ता लो, वह नहीं', तो वह रियरव्यू मिरर में मेरी तरफ देखने लगता है.''
'लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती'
रोहित शेट्टी के जीवन संघर्षों पर सोहनलाल द्विवेदी की ये कविता सटीक बैठती है, ''लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती; नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर सौ सौ बार फिसलती है; मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना नहीं अखरता है; आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती''. साल 2003 में उन्होंने 30 साल की उम्र में अपनी पहली फिल्म 'जमीन' का निर्देशन किया था, जो खास कमाल नहीं कर पाई. इस फिल्म के बाद उनके साथ कोई काम तक करने को तैयार था. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. अपने मुकाम को हासिल करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की. इसी दौरान उनकी अभिनेता अजय देवगन से गहरी दोस्ती हो गई.
रोहित और अजय के पिता स्टंटमैन थे, इसलिए दोनों के अंदर एक्शन जन्मजात मिला हुआ था. उनके विचार भी आपस में बहुत मिलते थे. पहली फिल्म की असफलता के तीन साल बाद रोहित ने अपने दोस्त अजय को लेकर साल 2006 में फिल्म 'गोलमालः फन अनलिमिटेड' बनाई. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई. अब तक 'गोलमाल' सीरीज की 4 फिल्में बन चुकी हैं. चारों ही बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही हैं. बतौर डायरेक्टर रोहित शेट्टी ने अपने दोस्त अजय देवगन के साथ 10 फिल्में बनाई हैं.
बेहतरीन फिल्म मेकर, शानदार इंसान, जो हर किसी का ख्याल रखता है
रोहित शेट्टी को यदि राजकपूर के बाद बॉलीवुड का शोमैन कहा जाए तो गलत नहीं होगा. क्योंकि उन्होंने जिस तरह और खराब से खराब हालात के बावजूद सफलताएं हासिल की हैं वो बेमिसाल है. उनका एक खास फॉर्मूला है, वो मास एंटरटेनर फिल्में बनाते हैं. उसके लिए वो कुछ भी कर सकते हैं. उनकी फिल्मों एक्शन, कॉमेडी, मसाला और कलर सहित वो हर चीज होती है, जो दर्शकों का मनोरंजन करती है. कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन के बाद जब सिनेमाघरों की हालत बहुत ज्यादा खराब थी, बॉलीवुड के निर्माता फिल्मों की रिलीज से बच रहे थे, उसक वक्त रोहित ने अपनी फिल्म 'सूर्यवंशी' रिलीज की थी, ताकि वो फिल्म इंडस्ट्री को सर्वाइव करा सके. इतना ही नहीं कलाकारों को काम मिल सके, इसके लिए उन्होंने फिल्म 'सर्कस' बनाई थी. इस फिल्म में करीब दो दर्जन कलाकारों को कास्ट किया गया था, जो किसी न किसी रूप में रोहित से जुड़े रहे हैं.
पहली सैलरी 35 रुपए मिली, लेकिन आज नेटवर्थ हजारों करोड़ रुपए है
'गोलमाल', 'सिंघम', 'बोल बच्चन', 'सिंबा' और 'सूर्यवंशी' जैसी मशहूर फिल्मों का निर्देशन करने वाले रोहित शेट्टी ने कई टेलीविजन रियलिटी शोरियलिटी शो को भी होस्ट किया है. कलर्स टीवी पर दिखाए जाना वाला उनका शो 'खतरों के खिलाड़ी' बहुत मशहूर है. 35 रुपए सैलरी से अपने करियर की शुरूआत करने वाले इस डायरेक्टर का नेटवर्थ आज 280 करोड़ रुपए है. उनकी आय का प्राथमिक स्रोत फिल्मों में निर्देशन है. इसके साथ ही कई फिल्मों के निर्माता भी रहे हैं. वह रोहित शेट्टी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड नामक एक प्रोडक्शन हाउस के मालिक भी हैं, जिसको साल 2016 में शुरू किया गया था. एक जमाने में पैसे बचाने के लिए फिल्म सिटी पैदल जाने वाले रोहित आज कई शानदार लग्जरी कारों के मालिक हैं. उनके पास बीएमडब्ल्यू, रेंज रोवर और बेंज जैसी कारे हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में है. रोहित की जिंदगी का सफर हर किसी के लिए मिसाल की तरह है.
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