बॉलीवुड में सफलता का नया मंत्र है सलमान खान
यह बॉलीवुड के उस सलमान युग में पहुंचने की दास्तां हैं जो कभी राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन जैसे सितारों के युग में उन्हें मिली सफलता के दौरान देखने-सुनने को मिलती थी. बॉलीवुड के लिए सलमान हैं तो सुकून है नहीं तो सब सून है.
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प्रेम 15 वर्षों बाद वापस लौटा तो लोगों को बेचैन होना ही था. इतने लंबे इंतजार के बाद प्रेम से मिलने की बेसब्री, उसके अंदाज का फिर से दीदार करने की हसरत और लिए उसके प्रेम में लोग इस कदर दीवाने हुए कि सिर्फ 3 दिनों में ही बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ का कलेक्शन कराके प्रेम की वापसी को यादगार बना दिया.
जी हां, सूरज बड़जात्या के प्रेम यानी सलमान खान की फिल्म प्रेम रतन धन पायो ने अपनी रिलीज के पहले तीन दिनों में ही 100 करोड़ का कलेक्शन कर बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया है. पिछले कुछ वर्षों से बॉलीवुड में कमाई के बेताज बादशाह बने सलमान की सुपरहिट्स फिल्मों की लंबी लिस्ट में प्रेम रतन का भी नाम जुड़ गया है. लेकिन प्रेम रतन की इस रिकॉर्डतोड़ कामयाबी और सलमान की अनवरत जारी सफलता के बीच एक बात हैरान करती है और वह है इस फिल्म की औसत कहानी.
सूरज बड़जात्या ने सलमान के साथ मैंने प्यार किया, हम आपके हैं कौन और हम साथ-साथ जैसी जबर्दस्त ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं लेकिन उन फिल्मों और प्रेम रतन के बीच जो सबसे बड़ा अंतर है वह है कहानी का. वे सभी फिल्में सिर्फ सलमान की वजह से नहीं बल्कि अपनी दमदार स्क्रिप्ट की वजह से चली थीं. लेकिन प्रेम रतन को ज्यादातर समीक्षकों द्वारा बहुत अच्छी रेटिंग न दिए जाने के बावजूद मिल रही सफलता दिखाती है कि अब फिल्मों के चलने के लिए अच्छी स्क्रिप्ट से ज्यादा सलमान खान की मौजूदगी जरूरी है. मतलब अब बॉलीवुड की फिल्मों के लिए सलमान का होना मतलब फिल्म की सफलता की गारंटी. सलमान की फिल्मों के साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. बल्कि सलमान पिछले कुछ वर्षों से यह जादू कई बार दोहराते आए हैं. तो क्या वाकई अब बॉलीवुड के लिए सफलता का मतलब सलमान खान है?
फिर छाई सूरज और सलमान की जोड़ीः
सूरज बड़जात्या और सलमान खान जब भी साथ आए इतिहास रचा. मैंने प्यार किया की सफलता से शुरू हुआ यह सफर हम आपके हैं कौन से लेकर हम साथ-साथ हैं और अब 'प्रेम रतन..' तक लगातार जारी है. हम आपके हैं कौन को तो भारतीय सिनेमा की सबसे कामयाब फिल्मों में शुमार किया जाता है. इस फिल्म का जादू तो लोगों के सिर आज भी इस कदर चढ़कर बोलता है कि आज भी शायद ही किसी भारतीय शादी में हम आपके हैं कौन में दिखाई गई रस्मों को कॉपी करने की कोशिश न की जाती हो. राजश्री प्रोडक्शंस को हमेशा से ही परिवार, दोस्ती और समाजिक मुद्दों से जुड़ी बेहतरीन फिल्में देने के लिए जाना जाता रहा है. 60 से 80 के दशक के बीच इस प्रोडक्शन हाउस ने दोस्ती, उपहार, अंखियों के झरोखों से और सारांश जैसी कई यादगार फिल्में दीं. 90 के दशक में सूरज बड़जात्या ने राजश्री प्रोडक्शन के इस फॉर्मूले में प्रेम (सलमान) का भी तड़का लगाया और मैंने प्यार किया, हम आपके हैं कौन और हम साथ-साथ हैं जैसी फिल्मों के साथ कामयाबी की नई दास्तां लिख दीं. लेकिन प्रेम रतन.. की स्क्रिप्ट के मामले में सूरज पहली बार कुछ कमजोर पड़ते दिखाई पड़े हैं. फिल्म की भव्यता और जबर्दस्त स्टारकास्ट के चक्कर में बड़जात्या फिल्म की स्क्रिप्ट के साथ वह जादू नहीं जगा पाए हैं जिसके लिए उन्हें जाना जाता है. प्रेम रतन.. को ठीक-ठाक फिल्म तो कहा जा सकता है लेकिन उसमें सूरज बड़जात्या का वह जादुई टच नजर नहीं आता जिसके लिए राजश्री प्रोडक्शंस जाना जाता है.
सफलता मतलब सलमान खानः
दीवाली के दूसरे दिन रिलीज हुई प्रेम रतन धन पायो ने पहले ही दिन 40 करोड़ की कमाई करके बॉलीवुड की सबसे बड़ी ओपनिंग करने का रिकॉर्ड बनाया. अगले दिन फिल्म ने 31 करोड़ की कमाई की और बॉलीवुड की किसी भी फिल्म के दूसरे दिन के कमाई के रेकॉर्ड के मामले में किक और बजरंगी भाईजान जैसी सलमान की ही फिल्मों को पीछे छोड़ दिया. तीसरे दिन फिल्म ने 30 करोड़ से ज्यादा की कमाई के साथ 100 करोड़ के क्लब में एंट्री कर ली. 100 करोड़ के क्लब में एंट्री करने वाली यह सलमान खान की नौंवी फिल्म है. ये आंकड़ें बताते हैं कि बॉलीवुड में सफलता का नया मंत्र हैं सलमान खान. सलमान ने सिर्फ प्रेम रतन के साथ ही नहीं बल्कि उससे पहले दबंग, बॉडीगार्ड, रेडी, दबंग-2, किक जैसी फिल्मों की औसत कहानियों के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर कमाई के रिकॉर्ड बनाए थे. उन सभी फिल्मों की एक ही यूएसपी थी और वह थी, सलमान खान. लोगों को कहानी से ज्यादा भाई का अंदाज, उनका एक्शन, उनके डॉयलॉग, उनका डांस, उनका रोमांस या यूं कहें सलमान की हर अदा भाती है. फिल्म की स्क्रिप्ट बाकी के स्टार्स के लिए सफलता के लिए जरूर हो सकती है लेकिन सलमान के फैंस के लिए फिल्म में उनकी मौजूदगी ही काफी है.
यह बॉलीवुड के उस सलमान युग में पहुंचने की दास्तां हैं जो कभी राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन जैसे सितारों के युग में उन्हें मिली सफलता के दौरान देखने-सुनने को मिलती थी. सलमान की सफलता दिलीप कुमार, राजेश खन्ना और अमिताभ से भी बड़ी इसलिए बन जाती है क्योंकि अपने युग में ये सितारे बेताज बादशाह थे लेकिन सलमान के सामने रोमांस किंग शाहरुख से लेकर मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान और खिलाड़ी कुमार अक्षय सहित कई और स्टार्स की चुनौतिया हैं, बावजूद इसके उनकी कामयाबी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है. यानी बॉलीवुड के लिए सलमान हैं तो सुकून है नहीं तो सब सून है.
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