Samantar 2 Web Series Review: पौराणिक पृष्ठभूमि पर 'रोमांस' और 'रोमांच' की रचना!
स्वप्निल जोशी (Swwapnil Joshi), नीतिश भारद्वाज (Nitish Bharadwaj), सई ताम्हणकर (Sai Tamhankar) और तेजस्विनी पंडित स्टारर वेब सीरीज 'समांतर' सीजन 2 (Samantar 2) में पौराणिक पृष्ठभूमि पर बदले की भावना के बीच एक ऐसी आधुनिक कहानी रची गई है, जिसमें रोमांस और रोमांच दोनों है.
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'एक व्यक्ति का अतीत दूसरे का भविष्य होता है'. एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हुई वेब सीरीज समांतर सीजन 2 के कथानक के केंद्र में यह वाक्य है. वर्तमान में रहते हुए भूत और भविष्य के बारे में जानने की दिलचस्पी हर इंसान के अंदर होती है. फर्ज कीजिए यदि आपको ये पता चल जाए कि आप जो जिंदगी जी रहे हैं, वो पहले कोई दूसरा जी चुका है. उस व्यक्ति का भूत, आपका भविष्य है. क्या होगा यदि आपको ये पता चल जाए कि आपके पास अपना भविष्य जानने का एक तरीका वह व्यक्ति है. ऐसे में निश्चित तौर पर आपकी दिलचस्पी उस व्यक्ति में बढ़ जाएगी. आप अपना भविष्य जानने की कोशिश करेंगे. कुछ इसी तरह की दिलचस्पी वेब सीरीज के नायक कुमार महाजन में भी है, जिसे यह पता चलता है कि वो वर्तमान में एक ऐसा जीवन जी रहा है, जिसे सुदर्शन चक्रपाणि नामक एक शख्स जी चुका है.
स्वप्निल जोशी, नीतीश भारद्वाज, सई ताम्हणकर और तेजस्विनी पंडित स्टारर वेब सीरीज 'समांतर' सीजन 2 (Samantar 2) में पौराणिक पृष्ठभूमि पर बदले की भावना के बीच एक ऐसी आधुनिक कहानी रची गई है, जिसमें रोमांस और रोमांच दोनों है. कहते हैं कि इंसान अपनी क़िस्मत ख़ुद लिखता है. इस वेब सीरीज में बताया और दर्शाया गया है कि इंसान की किस्मत उसके कर्मों से बनती है. हम जैसा कर्म करते हैं, हमारी किस्मत भी वैसी ही होती है. लेकिन दूसरी तरफ इसमें यह भी कहने की कोशिश की गई है कि इंसान किसी भी परिस्थिति में अपना भाग्य नहीं बदल सकता है. उसकी किस्मत में जो लिखा है, वो होकर ही रहता है. इन दोनों ही विचारों के बीच रहस्य, रोमांच और रोमांस का ऐसा जाल बुना गया है कि यदि आप इस वेब सीरीज को देखने एक बार बैठ गए तो पूरे एपिसोड देखने के बाद ही उठेंगे.
वेब सीरीज 'समांतर 2' की कहानी सुहास शिरवलकर के उपन्यास समांतर पर आधारित है.
कहानी
मूलत: मराठी थ्रिलर वेब सीरीज 'समांतर' की कहानी कुमार महाजन (स्वप्निल जोशी) और सुदर्शन चक्रपाणि (नीतिश भारद्वाज) की जिंदगी के बारे में हैं. चक्रपाणि का भूत महाजन का भविष्य है. पहले सीजन में अपनी जिंदगी से हताश-परेशान कुमार महाजन अपने एक दोस्त के साथ एक तांत्रिक के पास जाता है. इन चीजों में भरोसा न होने के बावजदू तांत्रिक की कही कुछ बातें उसे सच लगने लगती है. इसके बाद वो अपने भविष्य को जानने के लिए चक्रपाणि की तलाश करता है. दोनों की मुलाकात होती है. इसके बाद चक्रपाणी महाजन को तीन डायरी देता है, जिसमें उसके जीवन की कहानी है, जो कुमार का भविष्य है. इस डायरी को पाने के बाद कुमार अपना भविष्य जानकर उसमें सुधार कर लेता है. इस तरह उसे अपनी खोई हुई नौकरी प्रमोशन के साथ मिल जाती है. नाराज बीवी मानकर उसके साथ रहने लगती है.
दूसरे सीजन में कुल 10 एपिसोड हैं. शुरू के 4 एपिसोड तक कुमार महाजन को बहुत ही खुशहाल दिखाया गया है. प्रमोशन के बाद वो डिविजनल मैनेजर बन जाता है. कंपनी रहने के लिए बंगला और चलने के लिए कार देती है. पत्नी निमी (तेजस्विनी पंडित) अपने बेटे के साथ मुंबई से आकर कोल्हापुर में अपने पति के साथ रहने लगती है. कुमार हर रोज डायरी से अपने भविष्य को देखकर उसमें जो गलत होने वाला होता है, उसे सुधार लेता है. लेकिन एक दिन डायरी से उसे पता चलता है कि उसकी जिंदगी में दूसरी महिला आने वाली है. वह पूरी कोशिश करता है कि अपरिचित महिलाओं से दूर रहे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाता. नाटकीय घटनाक्रम के बीच पत्नी अपने बच्चे को लेकर वापस मुंबई चली जाती है. इसी बीच कुमार एक शादीशुदा महिला मीरा (सई ताम्हणकर) के करीब होने लगता है. एक रात अपने पति की दवा मंगाने के बहाने मीरा उसे अपने घर बुलाती है. दवा देने के बाद दोनों के बीच शारीरिक संबंध बनते हैं.
अगले दिन सुबह कुमार घर पहुंचता है, तो उसकी पत्नी मुंबई से आ चुकी होती है. इधर, उसी रात मीरा के पति की मौत हो जाती है. पुलिस हत्या के शक में कुमार को गिरफ्तार कर लेती है. कोर्ट में ट्रायल होने के बाद कुमार इस केस में बच जाता है, लेकिन उसके अवैध संबंध का खुलासा हो जाता है. इस बात को जानकर कुमार की पत्नी और दोस्त दोनों नाराज होकर उसे छोड़कर चले जाते हैं. इधर कंपनी भी कुमार को बाहर निकाल देती है. कुमार एक बार फिर सड़क पर आ जाता है. अपना भविष्य जानने की छटपटाहट में चक्रपाणी के पास जाता है, लेकिन वो कुछ नहीं बताता. इसके बाद कुमार तय करता है कि वो भविष्य और भूत की चिंता को छोड़कर सिर्फ में वर्तमान में जिएगा. इसी बीच उसकी पत्नी निमी मुंबई में खुदकुशी कर लेती है. उसकी पूरी दुनिया उजड़ जाती है. निमी की मौत के बाद क्या कुमार मीरा के पास जाएगा? क्या कुमार को चक्रपाणी उसका भविष्य बताएगा? क्या कुमार के दिन वापस बहुरेंगे, वो अपनी खुशहाल जिंदगी वापस पाएगा? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए आपको एमएक्स प्लेयर पर वेब सीरीज समांतर 2 देखनी होगी.
समीक्षा
सुहास शिरवलकर के उपन्यास समांतर पर आधारित इस वेब सीरीज 'समांतर' का पहला सीज़न सतीश राजवाड़े ने निर्देशित किया गया था, जबकि दूसरा सीजन समीर विदवान ने निर्देशित किया है. समीर ने दूसरे सीजन में भी रोमांच बनाए रखने की पूरी कोशिश है, लेकिन रोमांस का सहारा ज्यादा लिया है. पहले सीजन के मुकाबले इसमें रोमांटिक सीन की भरमार है. निर्देशन के मोर्चे पर एक कमी यह भी है कि कहानी को आगे बढ़ाने के लिए बहुत सारे फ्लैशबैक दृश्यों का सहारा लेना पड़ता है. यह कहानी की स्पीड को प्रभावित करता है, जिससे दृश्यों की पुनरावृत्ति होती है. हालांकि, दूसरे सीजन की शुरूआत धमाकेदार होती है. पहले चार एपिसोड एक तेज गति से आगे बढ़ते हैं, लेकिन उसके बाद के तीन एपिसोड में कहानी बहुत धीमी हो जाती है. अंतिम तीन एपिसोड में रोमांच और रुचि पैदा होती है और दूसरे सीजन का समापन भी धमाकेदार ही होता है. संपादन और बेहतर हो सकता था. इसे 10 की बजाए 7 से 8 एपिसोड में ही दिखाया जा सकता था. सिनेमैटोग्राफी अच्छी है.
संवाद शानदार हैं. बैकग्राउंड स्कोर भी आकर्षक है. जहां तक अदाकारी की बात है, तो पहले सीजन की ही तरह कुमार महाजन के किरदार में स्वप्निल जोशी ने दमदार अभिनय किया है. जबकि कुमार महाजन का उनका किरदार बहुत अधिक जटिल है. नीतीश भारद्वाज सीजन के सबसे इंटेंस सीन में भी खीरे की तरह शांत नजर आते हैं. वह संयमित दिखते हैं, क्योंकि उनका किरदार भी उन्हें ऐसा होने की मांग करता है. कुमार महाजन की पत्नी के रोल में तेजस्विनी पंडित जंचती हैं. सुंदरा और मीरा की अपनी दोहरी भूमिका में, सई ताम्हणकर ने तो आग लगा दी है. वो जब भी रुपहले पर्दे पर आती है, माहौल रूमानी हो जाता है. इस सीजन में बस एक बात खटकती है, वो है जरूरत से ज्यादा अंतरंग दृश्य और शराब-सिगरेट का सेवन दिखाना. पिछले सीजन में रोमांच जितना था, इसमें उतना ही रोमांस भर दिया गया है. कुल मिलाकर समांतर एक बेहतरीन वेब सीरीज है, जो दर्शकों का समय खराब किए बिना भरपूर मनोरंजन देने में समक्ष है. इसे जरूर देखना चाहिए.
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