दर्शकों को 'सरदार उधम' नहीं 'सनक' पसंद है और ये बात एक बार फिर साबित हो गई!
बॉलीवुड में मसालेदार फ़िल्में क्यों बनती है इस सवाल का जवाब सरदार उधम (Sardar Udham) और सनक (Sanak) को मिली व्यूअरशिप से समझा जा सकता है.
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शूजित सरकार के निर्देशन में हर लिहाज से लाजवाब बनी सरदार उधम की तारीफों का सिलसिला ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा. काफी समय बाद ऐसा देखने को मिला है जब किसी फिल्म के बारे में समीक्षक और दर्शकों की राय लगभग एक जैसी है. दोनों दिल खोलकर प्यार लुटाते दिख रहे. ऐसे दर्शक जिन्होंने सरदार उधम देखी तारीफ़ की करते मिलेंगे. आईएमडीबी पर चले जाइए. विक्की कौशल स्टारर फिल्म की सर्वश्रेष्ठ रेटिंग दिखती है. 10 में से पूरे 9.2 यानी ये आउटस्टैंडिंग है जो बॉलीवुड के इतिहास में अब तक दिखाई नहीं देती. लेकिन सरदार उधम को मिली तारीफों और रेटिंग के आधार पर अगर कोई यह राय बनाए कि सरदार उधम को सबसे ज्यादा व्यूज मिले (यानी ज्यादा देखना) तो गलत हो सकता है.
व्यूज के मामले में सरदार उधम के साथ रिलीज हुई अन्य फिल्मों और शोज ने बाजी मारी है. इसमें वो फ़िल्में भी शामिल हैं जिन्हें सुधी समीक्षकों ने "ऐतिहासिक कूड़ा" मानते हुए दुनियाभर की लानतें भेजी. मास ऑडियंस का अपना चरित्र है. उसकी अपनी पसंद का विषय. और शायद इसी वजह से उसका झुकाव सरदार उधम की बजाय दूसरे कंटेंट में ज्यादा रहा. FilmCompanion ने हाल ही में ऑरमैक्स मीडिया के हवाले से ओटीटी स्ट्रीमिंग को लेकर एक रिपोर्ट में व्यूअरशिप के साप्ताहिक आंकड़े बताए हैं. आंकड़े सामान्य और स्वाभाविक हैं. मगर इस लिहाज से दिलचस्प हैं कि ये व्यापक दर्शक वर्ग की रुचियों को शीशे की तरह साफ़ कर देते हैं. इससे पता चलता है कि आखिर बॉलीवुड में मसालेदार फिल्मों के निर्माण पर निर्माता हमेशा क्यों जोर देते हैं.
दशहरा के मौके पर 14 से 16 अक्टूबर के बीच बहुत सारा फ्रेश कंटेंट अलग-अलग डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम हुआ. 14 अक्टूबर को मशहूर यूट्यूबर भुवन बाम का ढिंढोरा, 15 अक्टूबर को जी 5 पर तापसी पन्नू की रश्मि रॉकेट और डिजनी प्लस हॉटस्टार पर विद्युत जामवाल की सनक को स्ट्रीम किया गया. 16 अक्टूबर को अमेजन प्राइम वीडियो पर विक्की कौशल स्टारर क्रांतिकारी उधम सिंह की बायोपिक सरदार उधम आई. इन सभी में सरदार उधम की चर्चा सबसे ज्यादा हुई. हाल फिलहाल देखने को नहीं मिला था जब दर्शकों ने किसी फिल्म के बारे में सोशल मीडिया पर इतनी ज्यादा समीक्षाएं की हों. लेकिन व्यूअरशिप के आंकड़ों में सरदार उधम की तस्वीर दूसरी है. 5.1 मिलियन व्यूज के साथ फिल्म तीसरे नंबर पर है. और पीछे किससे है?
सरदार उधम से सनक का आगे रहना बॉलीवुड की सच्चाई है.
6.8 मिलियन व्यूज के साथ पहले नंबर पर सनक है. यह वही फिल्म है जिसे समीक्षाओं में कूड़ा माना गया. यूट्यूब पर स्ट्रीम हो रहा ढिंढोरा 5.6 मिलियन व्यूज के साथ दूसरे नंबर पर है. तापसी की रश्मि रॉकेट बहुत पीछे है और 2.6 मिलियन व्यूज के साथ पांचवें नंबर पर है. चौथे नंबर पर नेटफ्लिक्स का शो लिटिल थिंग्स का सीजन 4 है. स्ट्रीमिंग के ये आंकड़े 18 से 24 अक्टूबर के बीच के हैं. इन्हें देखकर मोटे तौर पर दर्शकों की व्यापक रूचि का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है. पहले नंबर पर जो शो है उसकी समीक्षाएं भले ही औसत आई मगर हकीकत तो यही है कि हेा खूब देखा गया. यानी खूब बिका. बिकने में ही निर्माताओं की कमाई है. जिन दर्शकों ने देखा उन्हीं के विचार फिल्म इंडस्ट्री में कंटेंट की दिशा और आधार तय करते हैं. दर्शकों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि सिनेमाई कसौटी पर आप किस तरह की फ़िल्में बनाते हैं? आप सरदार उधम बनाए या फिर रश्मि रॉकेट. दर्शकों को तो बस रफ-टफ मनोरंजन चाहिए. वे हर बार भावुक होकर फ़िल्में देखने नहीं जाते.
उन्हें दो घंटे ऐसा मनोरंजन चाहिए जिसमें हर चीज हो. मारधाड़, हैरान करने वाले एक्शन, नाचगाना और तमाम दूसरी भड़कीली चीजें. उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका सिनेमा, दुनिया के सामने कहां जाकर खड़ा होता है. भाड़ में जाए दुनियादारी. उसे तो बस ये चाहिए कि फिल्म ऐसी हो जिसे देखते हुए आराम से दो-ढाई घंटे सीटियां बजाते गुजार ले जाए. जाहिर सी बात है कि किसी फिल्म पर करोड़ों रुपये लगाने वाला निर्माता बस यही चाहेगा कि ज्यादा से ज्यादा लोग उसकी फिल्म देखें. और फिल्म में वो सबकुछ डालना चाहेगा जो बहुतायत दर्शकों को पसंद है.
सरदार उधम में ये चीजें नहीं हैं. इस वजह से सरदार उधम ऑडियंस के लिए क्लास फिल्म है और सनक मास फिल्म बन गई. सनक ही सही मगर बॉलीवुड की हकीकत यही है.
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