रणबीर कपूर की शमशेरा के भविष्य पर बॉक्स ऑफिस मेहरबान नहीं, शर्मनाक है पहले दिन का कलेक्शन!
शमशेरा का पहले दिन का कलेक्शन सामने आ चुका है. पहले दिन के कलेक्शन से तो यही संकेत मिल रहा कि शमशेरा का टिकट खिड़की पर डूबना तय है. रणबीर कपूर संजय दत्त स्टारर फिल्म को 4375 स्क्रीन पर रिलीज किया गया था. स्क्रीन के हिसाब से फिल्म को पहले दिन कम से कम 18 से 25 करोड़ के रेंज में कमाई करना था.
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करण मल्होत्रा के निर्देशन में बनी पीरियड ड्रामा शमशेरा बहुत शोर शराबे के बावजूद दर्शकों को प्रभावित करने में नाकाम साबित होती दिख रही है. यशराज फिल्म्स ने रिलीज की हर संभव पुख्ता तैयारियां की थीं, लेकिन टिकट खिड़की पर पहले दिन का बिजनेस सबूत है कि आदित्य चोपड़ा के बैनर पर फिलहाल बॉक्स ऑफिस बिल्कुल भी मेहरबान नहीं है. फिल्म ने पहले दिन मात्र 10.15 करोड़ रुपये का कारोबार किया. यह कलेक्शन अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं कहा जा सकता. पहले दिन का कलेक्शन यह भी साफ़ कर रहा कि बॉक्स ऑफिस पर यशराज फिल्म्स का सूखा जल्द ख़त्म होता नहीं दिख रहा. उन्हें अब किसी नई फिल्म से कोशिश करनी होगी.
शमशेरा के पहले दिन का कलेक्शन हर लिहाज से शर्मनाक कहा जा सकता है. किसी चमत्कार के भरोसे ही यशराज की फिल्म अब वीकएंड में 40 करोड़ की कमाई का आंकड़ा पार कर सकती है. वीकएंड के बाद भी बॉक्स ऑफिस बहुत-बहुत बेहतर बना रहा तो पहले हफ्ते में 60-70 करोड़ की कमाई हो सकती है. मगर यह दूर की कौड़ी लगती है. शमशेरा को लेकर जो निगेटिव वर्ड ऑफ़ माउथ बन रहा है उसे देखकर यह भी तय नहीं कहा जा सकता कि फिल्म वीकएंड में 40 करोड़ का आंकड़ा पार ही कर ले जाए.
पहले दिन के कलेक्शन के आधार पर फिल्म वीकएंड में ज्यादा से ज्यादा 30-35 करोड़ की कमाई ही करती दिख रही है. दूसरे हफ्ते में जॉन अब्राहम और अर्जुन कपूर "एक विलेन" जैसी रोमांटिक थ्रिलर का टिकट खिड़की पेर होना शमशेरा के बिजनेस की संभावनाओं को लगभग ख़त्म कर ही देगा.
शमशेरा में रणबीर दोहरी भूमिका निभा रहे हैं. 150 करोड़ का बजट, 4375 स्क्रीन, शमशेरा को पहले दिन 18 करोड़ से ज्यादा कमाना था
शमशेरा का स्केल बड़ा है. बताया जा रहा कि फिल्म को करीब-करीब 150 करोड़ के बजट में बनाया गया है. जबकि कोरोना महामारी के बाद फिल्म को सिनेमाघरों में रिकॉर्ड 4375 स्क्रीन्स मिले हैं. फिल्म क्लैश में भी नहीं है. एक तरह से सोलो रिलीज कह सकते हैं. स्क्रीन्स के लिहाज से पहले दिन कम से कम 18 से 25 करोड़ के रेंज में कमाई करना था. पहले दिन का कलेक्शन अगर 15-20 करोड़ के रेंज में भी होता तो निर्माताओं को लागत वसूलने में आसानी होती. मगर जिस तरह से कलेक्शन निकलकर आया है, उसमें टिकट खिड़की के भरोसे लागत वसूलना तो अब लगभग असंभव ही है. ये दूसरी बात है कि निर्माता अन्य माध्यमों (ओटीटी, डिजिटल, टीवी) पर फिल्म बेंचकर मनमर्जी पैसा वसूल करने को स्वतंत्र हैं.
यशराज फिल्म्स के लिए कोरोना महामारी के बाद से हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे. इससे पहले भारी भरकम बजट में बनी बैनर की फिल्म सम्राट पृथ्वीराज भी बॉक्स ऑफिस पर चारो खाने चित हो गई थी. जबकि फिल्म की कहानी भारत के महान और पराक्रमी हिंदू राजाओं में शुमार पृथ्वीराज चौहान की थी. अक्षय कुमार जैसा सुपरस्टार मुख्य भूमिका निभा रहा था. द कश्मीर फाइल्स के तूफ़ान में 'बच्चन पांडे' के अपवाद को छोड़ दिया जाए तो पिछले कुछ सालों में एक्टर की यह पहली फिल्म नजर आती है जिसका बिजनेस भयावह था. सिर्फ सम्राट पृथ्वीराज ही नहीं उससे पहले रणवीर सिंह स्टारर सोशल कॉमेडी ड्रामा 'जयेशभाई जोरदार' के साथ 'बंटी और बबली 2' का भी बिजनेस यशराज फिल्म्स के लिए हादसा ही साबित हुआ.
लोगों को पसंद नहीं आई YRF की शमशेरा की कहानी
जहां तक शमशेरा की बात है लोगों को फिल्म टुकड़ों में पसंद आ रही है. खासकर रणबीर और संजय दत्त का काम तो दर्शकों को अच्छा लगा है. इसके साथ ही फिल्म के कई विजुअल्स भी सराहे जा रहे हैं. मगर स्वतंत्रता संग्राम की कहानी के रूप में शमशेरा की स्टोरीलाइन और स्क्रीनप्ले से दर्शकों को बहुत शिकायतें हैं. धार्मिक वजहों से भी फिक्शनल कहानी आलोचनाओं के केंद्र में है. लोगों का आरोप है कि यशराज ने एक फिक्शनल कहानी में जबरदस्ती ऐसी चीजों को दिखाने का प्रयास किया है जिनका देशकाल में मतलब नहीं था. सनातन प्रतीकों के साथ खिलवाड़ भी किया गया है. लोगों के आरोप तो यहां तक हैं कि कहानी असल में अंग्रेजी उपनिवेशवाद और भारतीयता के संघर्ष की है मगर इसे भारतीय समाज में जाति व्यवस्था के आतंरिक संघर्ष के रूप में परोसा गया है.
सोशल मीडिया पर तो फिल्म के विषय पर लोग तीखे सवाल उठा रहे हैं. रिलीज के पहले से ही फिल्म शमशेरा के बहिष्कार की मांग हो रही है. माना जा सकता है कि फिल्म के खिलाफ जारी निगेटिव कैम्पेन का भी असर शमशेरा के बिजनसे पर पड़ा है. बॉक्स ऑफिस पर शमशेरा के लिए कायदे से एक हफ्ते का ही समय है और अगर इस दौरान फिल्म के कलेक्शन में उल्लेखनीय ग्रोथ नहीं दिखी तो यशराज को टिकट खिड़की पर लगातार चौथे कारोबारी डिजास्टर से जूझना तय है.
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