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Updated: 13 फरवरी, 2022 08:19 PM
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भारत का पहला बिजनेस रियलिटी टीवी शो 'शार्क टैंक इंडिया' अपने अनोखे कॉन्सेप्ट की वजह से तेजी से लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है. दिलचस्प बात ये है कि यह टीवी शो सेट इंडिया पर 20 दिसंबर 2021 से 4 फरवरी 2022 के बीच प्रसारित हुआ था. उस वक्त तो लोगों ने इसे देखा ही, लेकिन शो के पहले सीजन के खत्म होने के बाद भी इसकी लोकप्रियता चरम पर है. यहां तक कि लोग इंटरनेट पर इसके एपिसोड सर्च करके देख रहे हैं. यह अमेरिकी टेलीविजन शो 'शार्क टैंक' की भारतीय फ्रेंचाइजी है. इसके कॉन्सेप्ट के साथ ही इसके जज भी लोगों को लुभा रहे हैं. क्योंकि पैनल में शामिल हर जज अपने-अपने क्षेत्र का लीडर है.

बिजनेस रियलिटी शो 'शार्क टैंक इंडिया' की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये एंटरप्रेन्योरशिप के प्रति युवाओं को आकर्षित करता है. इसमें भारत में अपने स्टार्ट-अप को आगे बढ़ाने के इच्छुक उद्यमी अपने बिजनेस मॉडल को निवेशकों के एक पैनल के सामने पेश करते हैं. उन्हें अपने बिजनेस आइडिया में पैसा लगाने के लिए राजी करते हैं. पांच लोगों के पैनल में बैठे जजों को यदि उनका बिजनेस आइडिया पसंद आता है, तो वो उसमें अपना पैसा निवेश करते हैं. इस तरह दोनों को ही फायदा होता है. एक तरफ स्टार्ट-अप शुरू किए उद्यमी को अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए पैसा मिल जाता है, तो दूसरी तरफ जजों को उनके फायदे में हिस्सा मिलता है.

sti_650_021222073032.jpgबिजनेस रियलिटी टीवी शो 'शार्क टैंक इंडिया' का पहला सीजन खत्म हो चुका है.

इस शो के जज भी अपनी मेहनत, लगन और रचनात्मकता के दम पर अपना मुकाम हासिल किए हैं. जजों के पैनल में भारत पे के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर, शादी डॉट कॉम, मकान डॉट कॉम और पीपल ग्रुप के संस्थापक अनुपम मित्तल, शुगर कॉस्मेटिक्स की सह-संस्थापक और सीईओ विनीता सिंह, बोएट के सह-संस्थापक और सीएमओ अमन गुप्ता, लेंसकार्ट के सह-संस्थापक और सीईओ पीयूष बंसल, एमक्योर फार्मास्युटिकल्स की कार्यकारी निदेशक नमिता थापर और मामाअर्थ के सह-संस्थापक गजल अलघ का नाम शामिल है. बताया जा रहा है कि इस शो के दौरान कुल 198 आइडियाज आए, जिनमें 67 फंड जुटा पाने में कामयाब हुए हैं.

इसमें सबसे दिलचस्प बात ये है कि शो में फंड पाने में कामयाब हुई नई स्टार्ट-अप कंपनियों में से 67 फीसदी ऐसी रहीं, जिनके को-फाउंडर की उम्र 25 साल से कम है. इनमें से 59 कंपनियों के फाउंडर्स के पास आईआईटी या आईआईएम जैसे संस्थानों की डिग्री भी नहीं है. यहां तक कि फंड जुटाने वाली कंपनियों में से 40 को तो इससे पहले फंडिंग मिली ही नहीं थी. वो अपने दम पर अभी तक सर्वाइव कर रही थी. इनमें 29 कंपनियां ऐसी भी हैं, जिनमें कम-से-कम एक महिला को-फाउंडर शामिल हैं. इस शो में कामयाबी की कहानी लिखने वाली पाने वाली 20 स्टार्टअप कंपनियां छोटे शहरों या ग्रामीण इलाकों की हैं. जो कि अपने आप में आश्चर्यजनक है.

टेलीविजन पर ज्यादातर शोज लोगों के मनोरंजन के लिए पेश किए जाते हैं. डांस, सिंगिंग, क्विज और कॉमेडी के ज्यादातर रियलिटी शो व्यक्तिगत प्रतिभा को आगे बढ़ाने और प्रोत्साहित करने का काम करते हैं. लेकिन 'शार्क टैंक इंडिया' अपने अनोखे कॉन्सेप्ट की वजह से सभी रियलिटी शोज से बिल्कुल अलग हैं. सबसे पहली बात तो ये कि इस शो के जज से लेकर सहभागी तक, किसी का भी मनोरंजन जगत से कोई लेना-देना नहीं है. यहां बिजनेस मॉडल पेश करने वाले हर उद्यमी की अपनी एक अनोखी कहानी है. उसका आइडिया अनोखा है. जो लोगों खासकर युवाओं को प्रेरित करता है. सही मायने में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देता है.

सबसे बड़ी बात ये कि इस शो के हर जज की जीवन यात्रा भी अपने आप में अनोखी है. इनमें कोई भी किसी बड़े बिजनेसमैन का बेटा नहीं है. लेकिन अपनी काबिलियत और सोच के दम पर उसने अपना बिजनेस खड़ा किया है. यदि शो के जजों की बात करें तो 'भारत पे' के प्रबंध निदेशक और सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली से स्नातक की पढ़ाई की है. उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए भी किया है. साल 2018 में उन्होंने भारतपे की स्थापना की थी. एमक्योर फार्मास्युटिकल्स की कार्यकारी निदेशक, नमिता थापर ने ड्यूक यूनिवर्सिटी के फुक्वा स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए की डिग्री हासिल की है.

पीपल ग्रुप के संस्थापक और सीईओ अनुपम मित्तल ने बोस्टन यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. उन्होंने साल 2004 में अपनी कंपनी की स्थापना की थी. बोट के सह-संस्थापक और सीएमओ अमन गुप्ता ने दिल्ली पब्लिक स्कूल से अपनी पढ़ाई के बाद सीए किया है. इसके अलावा बीबीए और एमबीए भी किया है. उन्होंने बोट की स्थापना साल 2015 में की थी. महज सात वर्षों में ये एक लोकप्रिय इलेक्ट्रॉनिक ब्रांड बन चुका है. लेंसकार्ट के संस्थापक और सीईओ पीयूष बंसल ने मैकगिल यूनिवर्सिटी, मॉन्ट्रियल, कनाडा से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. आईआईएम बैंगलोर से एमबीए किया है. उन्होंने लेंसकार्ट की स्थापना साल 2010 में की थी.

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