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Updated: 04 सितम्बर, 2021 10:56 PM
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मुंबई की माया नगरी में बाहर से तमाम चीजें भले ही शांत और साफ़ सुथरी दिखती हैं असल में उसके अंदर उतना ही खालीपन होता है. शोहरत के शिखर पर हंसते-खिलखिलाते और दुनियाभर के ऐशो आराम में डूबे सितारों की मुस्कुराहट में बेइंतहा तनाव और दबाव छिपा होता है. ग्लैमर इंडस्ट्री में सितारे तनाव के साथ एक अलग ही तरह के फ्रस्टेशन को झेलते रहते हैं. ऐसा भी नहीं है कि बेकार और सबसे कम मशहूर सितारे ही इसका सामना करते हैं. यहां तो बहुत काम पाने वाले और शोहरत की बुलंदी पर नजर आने वाले सितारों को भी फ्रस्टेशन और तनाव झेलना पड़ता है. सबके लेबल अलग-अलग होते हैं और कई बार उनका यह तनाव फटकर बाहर दिख जाता है.

ठीक वैसे ही जैसे सिद्धार्थ शुक्ला के अंतिम संस्कार में संभावना सेठ के वीडियो में दिखा. सिद्धार्थ शुक्ला के तमाम दोस्तों करीबियों की तरह संभावना सेठ भी पति अविनाश द्विवेदी के साथ एक्टर के अंतिम दर्शन को श्मशान घाट पहुंची थीं. यहां उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई. सोशल मीडिया पर वाकये का वीडियो भी है जिसमें संभावना और उनके पति पुलिसकर्मियों के साथ उलझी देखी जा सकती हैं. संभावना पुलिस पर पति को थप्पड़ मारने का आरोप लगा रही हैं. जबकि पुलिसकर्मी इनकार करता सुना जा सकता है.

वीडियो में संभावना के साथ के कुछ लोग आगबबूला नजर आ रहे हैं. एक शख्स संभावना को संभालने की कोशिश करता दिख रहा है. एक अधेड़ सा नजर आ रहा व्यक्ति हाथ जोड़कर संभवत: संभावना सेठ से शांत रहने की गुजारिश करता नजर आ रहा है. चूंकि मामला अंतिम संस्कार के दौरान का है तो वहां हुई अप्रत्याशित घटना ने हर किसी का ध्यान खींचा.

पुलिस से झड़प का वीडियो नीचे देख सकते है:-

 
 
 
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गुस्से, तनाव फ्रस्टेशन में क्यों होते हैं सितारे?

फिल्म इंडस्ट्री में सितारे अलग-अलग तरह के प्रेशर और तनाव का सामना करते ही हैं. यहां हर शख्स करियर की चिंता और खुद को रेस में बनाए रखने को लेकर जद्दोजहद में है. इंडस्ट्री का ढांचा ही ऐसा है कि यहां कई बार प्रतिभा से ज्यादा दूसरी चीजें अहम नजर आती हैं. हो सकता है कि आप सम्बंधित काम में दक्ष हों, किसी फिल्म इंस्टीट्यूट से ठीक ठाक तैयार होकर निकले हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आपको मुंबई में जाते ही कम मिल जाएगा. हो सकता है कि जाते ही काम मिल जाए और ये भी हो सकता है कि पहले मौके के लिए लंबा इतजार करना पड़े. पहला मौका मिले भी तो वो आपकी उम्मीदों से बिल्कुल उलट हो.

मीटिंग करते हैं, ऑडिशन देते हैं, स्किल दिखाते हैं बावजूद खारिज कर दिए जाते हैं. कई बार बड़े मौके मिलने पर भी प्रोजेक्ट असरदार नहीं बन पाता. फ्लॉप हो जाते हैं. सपने का पीछा करने वालों के लिए ये चीजें परेशानियां देती हैं. आप गुमनामी से निकलकर सुपरस्टार भी बन जाते हैं तो दूसरे तरह के दबाव का सामना करना पड़ता है. आपको जो जगह मिली है उसे बरकरार रखना है. लंबी शिफ्टों में काम करते हैं. थकाऊ शेड्यूल से होकर गुजरते हैं. कुछ खोने का डर अंदर बैठा रहता है. दुनिया के लिए आप हीरो-हीरोइन हैं तो आपको दुनिया से कट जाना पड़ता है. इस तरह एक सीमित दुनिया गढ़ते जाते हैं जो व्यावहारिक होने की अपेक्षा पेशेवर ज्यादा है. आप घर में ही रहकर घर में नहीं रहते.

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फिट रहने, काम पाने के प्रेशर का किया क्या जाए?

काम की आपाधापी और स्टारडम सितारों को एक अलग ही दुनिया में पहुंचा देता है जहां उनका हाल-चाल जानने वाले चुनिंदा लोग ही हैं. ऊपर से बढ़ती उम्र के साथ खुद को 'गुड लुकिंग' बनाए रखने का एक अलग ही लोचा. सिद्धार्थ की मौत के बाद उनके दोस्त समीर सोनी ने हमारे सहयोगी चैनल आजतक से ठीक ही कहा शायद- "अच्छा और फिट दिखने का प्रेशर होता ही है. यह इंडस्ट्री बाहर से अच्छी दिखती है लेकिन ऐसा है नहीं. आपको दिमागी रूप से ठीक दिखना पड़ता है. आपको सोना ही पड़ता है जिससे आपका चेहरा अच्छा दिखे और आपको काम मिल सके. सभी पर अच्छा दिखने का प्रेशर होता है, खासकर यंग एक्टर्स पर. मैं यंग एक्टर्स और बच्चों को इंडस्ट्री का हिस्सा होना अच्छा नहीं मानता हूं."

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