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Updated: 14 सितम्बर, 2022 08:37 PM
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''यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता'' यानी जहां नारी की पूजा की जाती है, उसका सम्मान किया जाता है, वहां देवताओं का वास होता है. बहुत पुराने समय से हिंदुस्तान में ये बात कही जाती रही है. लेकिन हकीकत ये है कि यहां हर रोज 86 महिलाओं की इज्जत लूटी जाती है. हर घंटे 49 महिलाएं किसी न किसी अपराध का शिकार होती है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत में कुल 31,677 रेप केस दर्ज हुए हैं. इसमें 6,337 केस के साथ राजस्थान पहले पायदान पर है. 2,947 केस के साथ मध्य प्रदेश दूसरे, 2,845 केस के साथ यूपी तीसरे, 2,496 केस के साथ महाराष्ट्र चौथे और 1733 केस के साथ असम पांचवें स्थान पर है. इतना ही नहीं देश भर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,28,278 केस दर्ज किए गए हैं.

ये आंकड़े हैरान करते हैं. क्योंकि हम 21वीं सदी में जीने की बात कर रहे हैं, जहां महिलाओं और पुरुषों को बराबरी का हक मिलता है. न केवल काम करने का, बल्कि सम्मान से जीने का भी. साल 2012 में हुआ निर्भया कांड किसको याद नहीं होगा. एक लड़की के साथ जिस तरह से छह लोगों ने मिलकर बर्बरता की थी, उससे पूरा देश सहम गया था. निर्भया की दर्द में शरीक होकर उसके लिए इंसाफ की मांग करते हुए सड़कों पर उतर गया था. निर्भया तो नहीं बची, लेकिन रेप केस में कड़े कानून जरूर बना दिए गए. इसके बावजूद आज भी वहशी दरिंदे परिणाम की परवाह किए बिना महिलाओं को निशाना बना रहे हैं. महिलाओं के ऊपर होने वाले इस बर्बर अपराध को लेकर बॉलीवुड में कई फिल्में बन चुकी हैं. उसी फेहरिस्त में मनीष मुंद्रा द्वारा निर्देशित विनीत कुमार सिंह और पूजा पांडे की फिल्म 'सिया' भी शामिल है.

फिल्म 'सिया' को 16 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज किया जाएगा. इसके कुछ दिनों बाद ही इसे ओटीटी पर देखा जा सकता है. इस फिल्म को लेकर कोई खास प्रमोशन तो नहीं हो रहा है, लेकिन अपने विषय की वजह से चर्चा में बनी हुई है. फिल्म के ट्रेलर के लॉन्च होने के बाद तो लोगों की उत्सुकता ज्यादा बढ़ गई है. क्योंकि ट्रेलर में 17 साल की एक लड़की का दर्द और उसके परिजनों की कड़ी परीक्षा को जिस तरह से दिखाया गया है, हर किसी का दिल झकझोर देता है. समाज और सिस्टम से लाचार पीड़िता इंसाफ के लिए दर-दर भटकती है. फिल्म के जरिए पुलिस और प्रशासन की भी पोल खोली गई है, जो आज भी अमीर-गरीब का भेद करती है.

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सिया' से पहले रिलीज हुई इन फिल्मों के जरिए रेप पीड़िता और उसके परिवार के दर्द को समझा जा सकता है...

1. आर्टिकल 15

कहां देख सकते हैं- नेटफ्लिक्स

जी स्टूडियोज और बनारस मीडिया वर्क्स के बैनर तले बनी फिल्म 'आर्टिकल 15' का निर्देशन अनुभव सिन्हा ने किया है. फिल्म में आयुष्मान खुराना, कुमुद मिश्रा, मनोज पाहवा, जीशान अयूब, सयानी गुप्ता और ईशा तलवार जैसे कलाकार लीड रोल में हैं. फिल्म का टाइटल 'आर्टिकल 15' संविधान से लिया गया है. इसमें धर्म, जाति, भाषा, रंग या लिंग के आधार पर भेदभाव की सख्त मनाही है. फिल्म की कहानी यूपी के बदायूं गैंगरेप केस से प्रेरित है. साल 2014 में हुए इस रेप और डबल मर्डर केस नें पूरी दुनिया को झकझोर दिया था. ये मामला संयुक्त राष्ट्र संघ में गूंजा था. इस केस को सीबीआई के हवाले कर दिया गया था. पुलिस से लेकर सीबीआई ने, हर जांच एजेंसी इस केस को हल करने की कोशिश की, अलग-अलग लोगों को दोषी ठहराया. लेकिन असल दुश्मन यहां की जाति व्यवस्था थी, जिसमें अपर कास्ट के लोग लोअर कास्ट के बहू-बेटियों पर अपना हक समझते थे. उनके साथ गलत करते थे. विरोध करने पर ठिकाने लगा देते हैं.

2. मॉम

कहां देख सकते हैं- नेटफ्लिक्स

रवि उदयावर के निर्देशन में बनी फिल्म 'मॉम' मशहूर अभिनेत्री श्रीदेवी की 300वीं फिल्म थी. साल 2017 में फिल्म की रिलीज के वक्त श्रीदेवी की उम्र 53 साल थी. लेकिन उम्र के उस पड़ाव में भी उन्होंने जो दमदार अभिनय किया, वो आज भी लोगों के जेहन में जिंदा है. फिल्म में श्रीदेवी के साथ नवाजुद्दीन सिद्दिकी, सजल अली, अक्षय खन्ना, अदनान सिद्दिकी और अभिमन्यु सिंह जैसे कलाकार लीड रोल में है. फिल्म की कहानी के केंद्र में एक बायोलॉजी टीचर देवकी (श्रीदेवी) होती है. उसकी सौतेली बेटी आर्या (सजल अली) उसे प्यार नहीं करती. लेकिन देवकी उसे बहुत मानती है. एक रात पार्टी गई आर्या के साथ रेप हो जाता है. अपराधी उसे अधमरी हालत में सड़क पर छोड़ जाते हैं. पुलिस अफसर मैथ्यू फ्रांसिस (अक्षय खन्ना) केस की तहकीकात करते हैं. कोर्ट केस में सबूतों के अभाव में आरोपी केस जीत जाता है. लेकिन एक मां को ये फैसला नागवार गुज़रता है, वो डिटेक्टिव दयाशंकर (नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी) की मदद से गुनहगारों को सजा सिखाने में कामयाब रहती है.

3. काबिल

कहां देख सकते हैं- डिज्नी प्लस हॉटस्टार

रिवेंज ड्रामा फिल्म काबिल का निर्देशन संजय गुप्ता ने किया है. फिल्म में मुख्य भूमिका में रितिक रोशन, यामी गौतम और रोहित रॉय हैं. फिल्म 25 जनवरी 2017 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. इसे बॉक्स ऑफिस पर बहुत अच्छा रिस्पांस मिला था. फिल्म एक ऐसे कपल की कहानी है जो देख नहीं पाते. बहस के बाद नाराज हुए कुछ गुंडे यामी गौतम के किरदार को अपनी हवस का शिकार बना लेते हैं. कानूनी कार्यवाही में देर करवाने के लिए गुंडे कपल को किडनैप कर लेते हैं. पुलिस कपल पर लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए केस बंद कर देती है. इसके बाद यामी गौतम सुसाइड कर लेती हैं. रितिक का किरदार अपनी प्रेमिका की मौत का बदला लेता है. वो नेत्रहीन होत हुए भी वो सबकुछ कर लेता है, जो कि साधारण इंसान के वश की बात नहीं है. फिल्म में रितिक द्वारा किए गए एक्शन की तारीफ हुई थी.

4. अ थर्सडे

कहां देख सकते हैं- डिज्नी प्लस हॉटस्टार

आरएसवीपी और ब्लू मंकी फिल्म्स के बैनर तले बनी बॉलीवुड थ्रिलर ड्रामा फिल्म 'अ थर्सडे' का निर्देशन बेहज़ाद खाम्बाटा ने किया है. इस फिल्म में यामी गौतम लीड रोल में हैं. उनके साथ नेहा धूपिया, डिंपल कपाड़िया और अतुल कुलकर्णी जैसे कलाकार भी अहम किरदारों में हैं. फिल्म की कहानी के केंद्र में स्कूल टीचर नैना जायसवाल (यामी गौतम) है. वो एक प्ले स्कूल चलाती है. बच्चों के अभिभावक और कर्मचारी सभी उसे बहुत मानते हैं. लेकिन एक दिन अचानक वो स्कूल के 16 बच्चों को अगवा कर लेती है. इसके बाद पुलिस को फोन करके एक सुपरकॉप जावेद खान (अतुल कुलकर्णी) से बातें करनी की मांग करती है. सुपरकॉप और महिला टीचर के साथ हुई रेप की वारदात कनेक्शन है, जिसे फिल्म देखने के दौरान जानना ही उचित होगा. बहरहाल ये फिल्म दर्शकों के रौंगटे खड़े कर देने का मादा रखती है.

5. दामिनी

कहां देख सकते हैं- प्राइम वीडियो

'तारीख पे तारीख...तारीख पे तारीख…तारीख पे तारीख और तारीख पे तारीख मिलती रही है…लेकिन इंसाफ़ नहीं मिला माई लॉर्ड इंसाफ़ नहीं मिला…मिली है तो सिर्फ़ ये तारीख'...साल 1993 में रिलीज हुई फिल्म दामिनी का ये डायलॉग अमर है. जब भी किसी केस में कोई परेशान होता है, तो यही डायलॉग बोलता है. राजकुमार संतोषी की ये फिल्म रियल कोर्ट से अलग कुछ नाटकीयता लिए हुए था, लेकिन फिर भी इसके संवेदनशील संवादों की वजह से दर्शकों ने इस फिल्म को खूब पसंद किया. फिल्म एक घरेलू नौकरानी के रेप के मामले के इर्द-गिर्द घूमती है. इस घटना की मुख्य गवाह 'दामिनी' यानी मीनाक्षी शेषाद्रि को किन मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. इसमें सनी देओल और अमरीश पुरी वकील की भूमिका में है. अदालत में दोनों के बीच जब जिरह होती है, तो लोग सांस थामे उनकी बातें सुनते रहते हैं.

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