खतरनाक है इंसान को भगवान बना देना, चाहें पीएम मोदी हों या सोनू सूद
आप आसाराम को भूल गए या रामरहीम को भूल गए. वे भी खुद को भगवान कहते थे. पीएम नरेंद्र मोदी को भी भक्त अपना भगवान मानते हैं और अब सोनू सूद इस लिस्ट में शामिल हैं.
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भगवान ही सबका मालिक है. जो लोग भी धरती पर हैं उनमें से कोई भी भगवान नहीं है. आजकल एक ट्रेंड चला है किसी को भी भगवान (Sonu sood income tax raid) बनाने का. पहले नेता, अभिनेता अच्छा काम करने पर महान नेता बनते थे, महानायक बनते थे. आजकल पहले फरिश्ता बनते हैं फिर सीधे भगवान ही बन जाते हैं.
अगर ऐसे ही लोग भगवान बनते रहे तो इंसान और भगवान में अंतर क्या रह जाएगा? भला कोई भी इंसान और भगवान के बीच कैसे आ सकता है? हम तो आंख बंद करते हैं और अपने अराध्य के दर्शन कर लेते हैं. ऐसे में जो पाखंडी बाबा खुद को भगवान का देवदूत बताते हैं असल में वे एजेंट का काम करते हैं. वे भगवान से आपका मिलन नहीं कराते बल्कि आपका बटुआ खाली करने की फिराक में रहते हैं.
आप आसाराम को भूल गए या रामरहीम को भूल गए. वे भी खुद को भगवान कहते थे. पीएम नरेंद्र मोदी को भी भक्त अपना भगवान मानते हैं और अब सोनू सूद इस लिस्ट में शामिल हैं.
इस धरती पर कोई भी इंसान भगवान नहीं है
इंसान ऐसा प्राणी है जिससे गलतियां होती रहती हैं. तो अगर आप किसी इंसान को भगवान बना देंगे तो फिर आपको उसकी गलतियां दिखाई नहीं देंगी. उसकी कही हर बात आपके लिए लकीर की फकीर होगी. आप यही सोचेंगे कि यह भगवान की कोई लीला होगी. असल में लोगों को समझना होगा कि आस्था और अंधविश्वास में अंतर होता है. ये ढोंग भगवान ने नहीं बल्कि भगवान के नाम पर अपना धंधा चलाने वाले ढोंगी बाबाओं ने बनाए हैं.
ठीक इसी तरह गरीब, लाचार लोगों की मदद करने वाला भी भगवान नहीं बन जाता. लोग उसे पूजने लगते हैं. उसका मंदिर बनवाते हैं और इस तरह उसकी गलतियों पर किसी की नजर नहीं जाती.
भगवान तो अपने लिए कुछ करते नहीं है, लेकिन ये शो कॉल्ड भगवान सिर्फ अपनी ही झोली भरने में लगे रहते हैं. आपको नहीं लगता कि चाहें कोई ढोंगी बाबा हो, पीएम मोदी हों या सोनू सूद या कोई और...किसी को भी भगवान नहीं समझना चाहिए.
लोगों की मदद करने से, देश की सेवा करने से, लोगों के लिए शुभ कामना करने से कोई भगवान तो नहीं बन जाता. ये सारे काम तो कोई नेक इंसान ही करता है और उससे गलतियां भी होती हैं. उसकी गलतियों पर हम टोक भी सकते हैं.
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इसलिए अगर कोई गलत है तो उसकी जांच होनी चाहिए उसे भगवान समझकर उसकी गलतियों पर पर्दा तो नहीं डाल सकते? अगर वह सही है तो फिर डर किस बात का है? क्या कभी किसी ने पीएम मोदी या सोनू सूद से पूछा कि हम आपको भगवान बना रहे हैं, आपको कोई ऐतराज तो नहीं?
ऐसे ना जाने कितने लोग हैं जो गुमनामी के अंधेरे में रहकर लोगों की मदद करते आए हैं. सदियों से एक इंसान दूसरे इंसान की मदद करते आया है. राजा ने हमेशा से ही प्रजा की सेवा की है और इसे अपना धर्म माना है. साधू-संत ने कभी भी खुद को भगवान नहीं माना...अगर कोई खुद को भगवान समझ रहा है यह सबसे ज्यादा खतरनाक है. ऐसे तो धीरे-धीरे सब भगवान हो जाएंगे तो बचेगा कौन? इन शो कॉल्ड भगवान को गलत कहने की हिम्मत किसमें है? याद रखिए भक्ति और अंधभक्ति में अंतर होती है.
पीएम मोदी भक्त जरा सी भी उनकी आलोचना बर्दाश्त नहीं कर पाते. जबकि पीएम का कहना है कि वो इन आलोचनाओं से सीखते हैं. अंध भक्त लोग आज भी पर्स में आसाराम की तस्वीर लेकर घूमते हैं, उनके लिए आसाराम ही भगवान है. अब हैं सोनू सूद जिन्हें लोगों ने पहले मसीहा बनाया और अब भगवान.
20 करोड़ टैक्स चोरी का आरोप लगने के बाद लोगों का कहना है कि सोनू सूद हमारे भगवान हैं चाहें वे गलत हों या सही, हमें फर्क नहीं पड़ता. वे गलत हैं तो हमारे लिए यह गलत ही सही है. उनकी लाख गलतियां माफ हैं. वे हमारे फरिश्ता है, हमारे भगवान है और भगवान गलत नहीं होते...जबकि कानून सबके लिए एक समान होता है.
लोग जिस इंसान को भगवान बना लेते हैं उसकी हर बात उन्हें सही लगती है, क्योंकि वे अपने अंधभक्ति में सही और गलत के अंतर को पहचान नहीं पाते. इसलिए वे सब जानते हुए भी भगवान की भक्ति में लीन रहते हैं. शो कॉल्ड भगवान ने मायाजाल ही कुछ ऐसा फैलाया होता है...कि अगले दिन लोग उसके दरबार पहुंच ही जाते हैं.
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