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Updated: 19 जुलाई, 2021 09:33 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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जो लोग घोड़ों की रेस से वाकिफ होंगे. जानते होंगे कि, रेस की दुनिया का दस्तूर है, लोग हारे या घायल पर नहीं जीतते घोड़े पर बाजी लगाते हैं. उम्मीद ये होती है कि घोड़ा उनकी किस्मत पलट देगा, दुनिया बदल देगा. बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद का भी हाल इन दिनों कुछ ऐसा ही है. सोनू, कोरोना काल में किसी मसीहा के रूप में उभर कर बाहर क्या आए उनके तो दिन ही पलट गए हैं. सोनू, जिनसे मेन स्ट्रीम बॉलीवुड ने दूरी बना रखी थी और जो साउथ की अधिकांश फिल्मों में, विलेन की भूमिका में नजर आते थे अब उनके पास काम की भरमार है और दिलचस्प ये कि ज्यादातर रोल उनके पास लीड एक्टर के हैं. कहा जा रहा है कि ये उनकी नेकी का नतीजा है. लेकिन क्या वाकई ऐसा है? जवाब है नहीं. नेकी के चलते सोनू को काम मिल रहा है इससे बड़ा झूठ या फ्रॉड तो कोई हो ही नहीं सकता. बात बस इतनी है कि सोनू को अपने से जोड़ने वाले प्रोड्यूसर डायरेक्टर इस बात को जानते हैं कि सोनू 'दिख' रहे हैं और बॉलीवुड का उसूल है. जो दिखता है, वही बिकता है.

Sonu Sood, Film, Film Industry, Coronavirus, Lockdown, Help, Migrant Workers, Actorबॉलीवुड समझ गया है सोनू सूद पर पैसे लगाना फायदे का सौदा है

फिल्मों में भले ही हमने सोनू सूद को एक विलेन के रूप में देखा हो, लेकिन इस कोरोनाकाल में सोनू सूद ने वो काम किया जो हमारी सरकार या ये कहें कि राजनेताओं को करना चाहिए. सोनू को उनके अच्छे कामों का सिला भी मिला और उनकी लोकप्रियता ने दिन दूनी और रात चौगुनी तरक्की की. ये चीज प्रोड्यूसर्स से कहां छुपने वाली थी. वो प्रोड्यूसर्स जिन्होंने अलग अलग कारणों का हवाला देकर सोनू से दूरी बना रखी थी वर्तमान में यही चाहते हैं कि सोनू उनकी फिल्मों के हीरो बने.

ध्यान रहे एक ऐसे समय में जब देश और देश की जनता कोरोना वायरस के साथ ज़िन्दगी गुजर बसर करना सीख चुकी है. कोरोनाकाल में मसीहा की भूमिका में बाहर आए सोनू सूद को बड़ा फायदा हुआ है. कैसे उनकी ज़िंदगी बदली है इसपर चर्चा उन्होंने खुद की है. सोनू ने बताया है कि कैसे उनके सामाजिक कार्यों के चलते उनकी प्रोफेशनल लाइफ प्रभावित नहीं हुई. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि कैसे वह जरूरतमंदों के लिए 24/7 उपलब्ध होने के बावजूद अपने परिवार के साथ समय बिताते हैं.

गौरतलब है कि अभी हाल ही में हुई एक बातचीत के दौरान सोनू सूद ने इस बात को स्वीकार किया है कि 'सामाजिक कार्य मेरे काम का ही विस्तार है. यह कुछ अलग नहीं है. जिस तरह मैं अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ के बीच संतुलन बनाए रखता हूं, उसी तरह मेरा सामाजिक कार्य भी मेरे रूटीन काम में व्यवस्थित रूप से शामिल हो जाता है. यह मेरे जीवन का हिस्सा है और मैं इसे करता रहूंगा.'

जैसे अपनी रहमदिली से सोनू ने असंभव को संभव कर दिखाया फैंस ने इस बात पर जोर दिया कि अब वो समय आ गया है जब निर्माता निर्देशकों को फिल्मों में सोनू की छवि बदलनी चाहिए. ऐसे में अपने काम और फैंस की उम्मीदों के बारे में बात करते हुए सोनू ने कहा है कि, 'मुझे अपने प्रोफेशनल से प्यार है. मुझे कई फिल्में और महत्वपूर्ण भूमिकाएं मिल रही हैं जो जीवन से बड़ी हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं उन सभी को करूंगा.'

बातचीत में आगे सोनू ने ये भी कहा है कि 'मैं फिल्में तभी चुनता हूं, जब मुझे उनसे पूरी तरह प्यार हो जाता है. दर्शकों ने हमेशा मुझ पर और मेरे द्वारा चुने गए प्रोजेक्ट पर अपना प्यार बरसाया है. इसलिए, मुझे आशा है कि आगे भी वे ऐसा ही करते रहेंगे.' वहीं सोनू ने ये भी कहा है कि वो जैसे आज लोगों की मदद कर रहे हैं ठीक ऐसी ही मदद वो भविष्य में भी करेंगे.

जैसा कोरोना के इस संकट में हमने सोनू को देखा है हमारा पूरा विश्वास है कि सोनू द्वारा उपलब्ध कराई जा रही मदद लोगों को यूं ही मिलती रहेगी। लेकिन जो हमारा सवाल है वो ये कि क्या सोनू के अपकमिंग प्रोजेट्स वाक़ई उनकी नेकदिली का नतीजा हैं? फैंस द्वारा उठाया गया ये सवाल हम यूं भी पूछ रहे हैं क्योंकि चाहे वो सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला हो. या फिर नेपोटिज्म पूर्व में कई ऐसे मौके आ चुके हैं बॉलीवुड हमें अपना चाल, चरित्र और चेहरा दिखा चुका है. 

बॉलीवुड के मद्देनजर पहले ही इस बात को तस्दीख हो चुकी है कि वहां जो कुछ है फेक है और कम ही मौके आते हैं जब इसके द्वारा रियल लोगों को पसंद किया गया है. सोनू फेक नहीं रियल हैं साथ ही दिख रहे हैं और जैसा इतिहास रहा है बॉलीवुड और उसके पुरोधाओं ने हमेशा उन घोड़ों पर बाजी लगाई है जिनके अंदर ये सलाहियत है कि वो हारी बाजी जीत सकें.

अंत में हम एक फैन होने के नाते सोनू से बस ये कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि उन्हें बॉलीवुड के मौका परस्त प्रोड्यूसर डायरेक्टर से सावधान होकर चलने की जरूरत है. ये लोग न तो कभी किसी के सगे हुए हैं और न ही कभी होंगे। एक एक्टर एक्टर के रूप में इन्होंने सोनू को सिर्फ इसलिए हाथों हाथ लिया है क्योंकि अभी उनका वक़्त है और वक़्त का हर शय गुलाम है.

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लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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