Special Ops 1.5 Review: जासूसी उपन्यासों का मजा हिम्मत सिंह की रोचक कहानी में
Special Ops 1.5 web series Review In Hindi: ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर वेब सीरीज 'स्पेशल ऑप्स 1.5' स्ट्रीम हो रही है. इसमें अभिनेता के के मेनन (Kay Kay Menon), आफताब शिवदासानी, विनय पाठक, ऐश्वर्या सुष्मिता, आदिल खान और परमीत सेठी अहम रोल में हैं.
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जासूसी की कहानियां हमेशा से ही आकर्षित करती रही हैं. पहले जासूसी उपन्यास बहुत पढ़े जाते थे और अब इस पर आधारित फिल्मे और वेब सीरीज खूब देखे जाते हैं. मनोज बाजपेयी की वेब सीरीज 'द फैमिली मैन' की सफलता इस बात की गवाह है. इसके दो सीजन ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो चुके हैं. तीसरे की तैयारी चल रही है. इसी तर्ज पर पिछले साल डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर एक वेब सीरीज 'स्पेशल ऑप्स' आई थी. इसमें भारतीय खुफिया विभाग रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी रॉ के एक अफसर हिम्मत सिंह की जाबांजी दिखाई गई थी. इसे दर्शकों ने खूब पसंद किया था. हिम्मत सिंह के किरदार में अभिनेता केके मेनन तो हर तरफ छा गए थे. इसी वेब सीरीज का सीक्वल 'स्पेशल ऑप्स 1.5' डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर आज से स्ट्रीम हो रहा है.
वेब सीरीज 'स्पेशल ऑप्स 1.5' अभिनेता के के मेनन के साथ आफताब शिवदासानी, विनय पाठक, ऐश्वर्या सुष्मिता, आदिल खान और परमीत सेठी अहम रोल में हैं. नीरज पांडे और शिवम नायर के निर्देशन में बनी इस वेब सीरीज की कहानी दीपक किंगरानी और बेनजीर अली फिदा ने लिखी है. सच कहें तो कहानी ही इस वेब सीरीज की जान है, जिसके साथ केके मेनन जैसे उम्दा कलाकार ने अपनी अदाकारी से चार चांद लगा दिया है. पहले एपिसोड के पहले सीन से लेकर आखिरी एपिसोड के आखिरी सीन तक दर्शकों को बांधें रखने की क्षमता इस वेब सीरीज में है. यदि आप एक बार इसे देखने बैठ गए तो यकीन कीजिए 45-45 मिनट चार एपिसोड खत्म करने के बाद ही अपनी सीट से उठ पाएंगे. इतना ही नहीं वेब सीरीज के अगले सीक्वल का बेसब्री से इंतजार भी करेंगे.
स्पेशल ऑप्स 1.5 वेब सीरीज में के के मेनन, आफताब शिवदासानी, विनय पाठक लीड रोल में हैं.
Special Ops 1.5 की कहानी
रॉ अफसर हिम्मत सिंह (केके मेनन) एजेंसी के नियमों और प्रोटोकॉल का पालन करने में यकीन नहीं करता है. वो अपनी मर्जी से अपना काम अंजाम देने की कोशिश करता है. उसके अंदर देशभक्ति कूट-कूट कर भरी है, लेकिन अनुशासन बिल्कुल भी नहीं है. यही वजह है कि उसके विभाग के कई लोग उसे पसंद नहीं करते हैं. उसका रिटायरमेंट होने वाला है. लेकिन उसके ऊपर लगे कई सनसनीखेज आरोपों की वजह से विभाग एक जांच कमेटी बनाती है, जो उसके बारे जानकारी एकत्र करके रिपोर्ट सौंपने वाली है. इस रिपोर्ट के आधार पर ही तय होना है कि हिम्मत सिंह को रिटायरमेंट के बाद क्या आर्थिक फायदे दिए जाने हैं. चड्ढा (परमीत सेठी) और बनर्जी (काली प्रसाद मुखर्जी) को जांच कमेटी का मेंबर बनाया जाता है. दोनों हिम्मत सिंह से जुड़े लोगों से पूछताछ करके जानकारी लेते हैं.
सबसे पहले हिम्मत सिंह के सबसे करीबी अफसर शेख अब्बास (विनय पाठक) को बुलाया जाता है. अब्बास दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर है, जो संसद हमले के बाद से हिम्मत सिंह के साथ काम कर रहा होता है. चड्ढा-बनर्जी कमेटी के सामने अब्बास हिम्मत सिंह के जाबांज रॉ अफसर हिम्मत सिंह बनने की कहानी सुनाता है. यही कहानी वेब सीरीज का आधार है, जो फ्लैशबैक में दिखाया जाता है. यानी हिम्मत सिंह के जवानी के दिनों के बहादुरी के किस्से दिखाए जाते हैं. फ्लैशबैक में दिखाया जाता है कि अलग-अलग देशों में तैनात कई भारतीय अफसरों की हत्या कर दी जाती है. कई अफसरों को हनी ट्रैप में फंसाकर उनसे खुफिया जानकारियां मांगी जाती हैं. इन घटनाओं से परेशान रॉ के सीनियर अफसर पहले से बर्खास्त चल रहे हिम्मत सिंह से मदद मांगते हैं.
हिम्मत सिंह को विजय (आफताब शिवदासानी) के साथ हत्यारों और खुफिया जानकारी मांगने वालों का पता लगाने का जिम्मा सौंपा जाता है. हिम्मत-विजय की जोड़ी काम में लग जाती है. कहानी दिल्ली से होती हुई श्रीलंका, ब्रिटेन, रूस और यूक्रेन तक जाती है. दुश्मन बाहर तो हैं, सिस्टम के अंदर भी हैं. कुछ बिक गए हैं. कुछ को फंसा लिया गया है. सबसे खतरनाक है मनिंदर सिंह (आदिल खान) क्योंकि एक समय वह रॉ के एजेंट के रूप में हिम्मत के साथ काम कर चुका है. वह हिम्मत की खूबियां-खामियां जानता है. इसी बीच हिम्मत की लव स्टोरी और विजय की शादीशुदा जिंदगी की कहानी का रोमांस भी चलता है, जो आगे चल बेहद चौंकाने वाला टर्न लेता है. धीमी रफ्तार से शुरू होने वाली स्पेशल ऑप्स 1.5 जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, दर्शक को बांधती चलती है.
Special Ops 1.5 की समीक्षा
वेब सीरीज स्पेशल ऑप्स 1.5 में कलाकारों का अभिनय प्रदर्शन इसकी कहानी की तरह अप्रत्याशित है. खासकर केके मेनन, विनय पाठक और आफताब शिवदासानी ने तो गजब का काम किया है. इनकी बॉडी लैंग्वेज देखकर लगता ही नहीं कि ये अभिनय कर रहे हैं, बल्कि वो अपने किरदार को सहजता से जीते हुए दिखाई देते हैं. उदाहरण के लिए विनय पाठक को लें, उनके चेहरे को देखें, आप यह नहीं पता लगा सकते हैं कि यह आदमी वास्तव में सच कह रहा है, या हिम्मत सिंह से मिलकर कोई और चाल चल रहा है. के के मेनन की तो बात निराली है. वो अपना काम बखूबी जानते हैं. उनके अभिनय प्रदर्शन में एक भी खामी नहीं है. हिम्मत सिंह का किरदार जितनी मेहनत के साथ बुना गया है, उतनी मेहनत और ईमानदारी से उसे के के मेनन ने निभाया है.
सबसे ज्यादा आफताब शिवदासानी ने चौंकाया है. क्लीनसेव रहने वाले आफताब मूंछों भी उतने ही जम रहे हैं. एक्टिंग से लुक तक, उनका हर पहलू लाजवाब है. हालांकि, स्क्रीन स्पेस कम मिला है, लेकिन जितनी देर रहे हैं छाए रहे हैं. गौतमी कपूर और आदिल खान ने भी अपना काम बेहतरीन तरीके से किया है. दोनों नेगेटिव किरदारों में हैं और अपनी एक्टिंग से कहानी को मजबूत बनाया है. सीरीज लेखन-निर्देशन की बागडोर नीरज पांडे ने अपने हाथों में थामे रखी है लेकिन शिवम नायर उनके साथ मजबूती से खड़े हैं. शिवम नायर ने तीसरा एपिसोड निर्देशित भी किया है. यहां एडिटिंग, कैमरा वर्क और बैकग्राउंड म्यूजिक ने सीरीज को खूबसूरत बनाने में अहम भूमिका निभाई है. वैसे भी नीरज पांडे एक बेहतरीन क्रिएटर हैं. दर्शकों को आकर्षित करने के सूत्र को जानते हैं.
कुल मिलाकर, 'स्पेशल ऑप्स 1.5' एक बेहतरीन वेब सीरीज है. इसे रोचक कहानी और के के मेनन जैसे कलाकार के दमदार अभिनय के लिए जरूर देखा जाना चाहिए.
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