अहान शेट्टी तड़प से स्टार बन गए, सनी देओल के बेटे की फिल्म का पता भी नहीं चला!
सनी देओल के बेटे करण देओल की दूसरी फिल्म वेल्ले सिनेमाघरों में आई मगर कोई जादू दिखाने में नाकाम रही. दो लगातार सफलताओं के बाद करण की राह काफी मुश्किल हो जाएगी.
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बॉक्स ऑफिस के लिए शुक्रवार नई चीजों को तय करता है. टिकट खिड़की पर सितारों की किस्मत तय होती है. कोई कितना आगे जाएगा इसका फैसला शुक्रवार ही करता है. पिछले हफ्ते इसी शुक्रवार ने बॉलीवुड को एक नया सितारा दिया. सुनील शेट्टी के बेटे अहान शेट्टी ने तड़प के साथ डेब्यू किया. सिनेमाघरों में अच्छी फिल्मों के होने के बावजूद दर्शकों ने तड़प को हाथों हाथ लिया गया और फिल्म ने पहले हफ्ते में उम्मीदों के अनुरूप ही प्रदर्शन किया. हालांकि शुक्रवार सबके लिए बेहतर नहीं होता. नए हफ्ते में इसने एक और स्टार पुत्र को बहुत बुरी तरह से नकार दिया है.
बात सनी देओल के बेटे करण देओल की हो रही है. 10 दिसंबर को करण की दूसरी फिल्म वेल्ले (Velle Movie) रिलीज हुई. फिल्म के साथ चंडीगढ़ करे आशिकी भी रिलीज हुई. हालांकि करण देओल की फिल्म और और वीकएंड में डिब्बाबंद हो गई किसी को पता तक नहीं चला. मल्टीप्लेक्स में फिल्म को गिने-चुने स्क्रीन मिले. वेल्ले की टिकट खिड़की पर दर्शकों का टोटा साफ़ दिख रहा है. कह सकते हैं कि सनी देओल के बेटे की दूसरी फिल्म ने भी बॉक्स ऑफिस पर दम तोड़ दिया. इससे पहले करण की डेब्यू फिल्म "पल पल दिल के पास" का भी अंजाम बहुत ही बुरा देखने को मिला था.
वेल्ले टीनएज स्टोरी है. कॉलेज के तीन दोस्तों की कहानी. निश्चित ही फिल्म का सेलिंग चेहरा करण देओल थे. करण के अलावा उनके चाचा अभय देओल भी कॉलेज स्टोरी में थे जो दूसरा बड़ा आकर्षण थे. साल 2019 में तेलुगु में फिल्म आई थी ब्रोचेबरुरा. वेल्ले असल में उसी मूवी की आधिकारिक रीमेक है. लेकिन इस रीमेक ने दर्शकों को वैसे प्रभावित नहीं किया जिस तरह से RX 100 की रीमेक तड़प के जरिए अहान शेट्टी ने किया. ज्यादातर समीक्षकों ने वेल्ले पर ध्यान ही नहीं दिया. जिन्होंने ध्यान दिया उन्हें लिखने के लिए कुछ मिला ही नहीं. ज्यादातर समीक्षकों ने कई लिहाजा से करण देओल की फिल्म को कमजोर पाया.
करण देओल की फिल्म वेल्ले 10 दिसंबर को रिलीज हुई थी.
हालांकि करण देओल के लिहाजा से समीक्षाओं में एक चीज बेहतर निकलकर सामने आई. वह है- करण देओल की एक्टिंग. लोगों को करण देओल की एक्टिंग पल पल दिल के पास के मुकाबले इम्प्रूव लगी. आईएमडीबी पर जरूर जबरदस्त रेटिंग देखने को मिल रही है. फिल्म को 10 में से 9.5 रेट किया गया है. करीब तीन हजार से ज्यादा रजिस्टर्स यूजर्स ने रेट किया है. आईएमडीबी की रेटिंग रिव्यू में भी तमाम लोगों को फिल्म ठीक ठाक लगी. लेकिन जबरदस्त रेटिंग या फिर इम्प्रूव एक्टिंग का क्या ही मतलब जब लोगों के बीच में करण देओल के फिल्म को लेकर ठीक से चर्चा भी नहीं हो पाई. साफ़ दिख रहा है कि करण देओल की फिल्म कई मोर्चों पर विफलता की वजह से तबाह हो गई.
रिलीज से पहले देवेन मुंजाल के निर्देशन में बनी वेल्ले का बड़ा कैम्पेन नहीं दिखा. चूंकि चर्चा ही नहीं हुई तो आम दर्शकों ने फिल्म को लेकर कोई रूचि नहीं दिखाई. जबकि मूल फिल्म की कहानी काफी रोचक थी और कॉलेज ऑडियंस को प्रभावित करने वाली भी थी. करण देओल जैसा सेलिंग चेहरा भी फिल्म के साथ जुड़ा था. इससे पहले देखने में आ चुका है कि ऐसी ना जाने कितनी टीन एज कहानियों को नए नवेले चेहरों के बावजूद दर्शकों ने हाथों हाथ लिया है. शायद प्रमोशनल कैम्पेन ठीक से चलाया गया होता तो वेल्ले को लेकर दर्शकों के बीच एक पॉजिटिव माहौल बनता. फिल्म का कैम्पेन कितना कमजोर है- इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं.
धर्मेंद्र के पोते सनी देओल के बेटे की फिल्म शूट हो गई, बन कर सिनेमाघरों में रिलीज हो गई और लोगों को ठीक से इसकी जानकारी भी नहीं हुई. लगातार दो असफलताओं के बाद एक्टर के रूप में करण देओल की बॉलीवुड राह काफी मुश्किल नजर आ रही है.
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