बॉलीवुड की इन 4 बुराईयों को खत्म करके ही सुशांत सिंह राजपूत को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है!
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत के एक साल पूरे हो चुके हैं. सीबीआई, ईडी और एनसीबी जैसी बड़ी एजेंसियों की जांच के बावजूद अभी तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आ सका है. सुशांत तो नहीं रहे, लेकिन जिन वजहों से उनकी मौत हुई, वो आज भी फिल्म इंडस्ट्री में मौजूद हैं.
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14 जून, 2021 को बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत को एक साल पूरे हो गए. पिछले साल इसी तारीख को मुंबई स्थित उनके अपार्टमेंट में उनका शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था. इसे मुंबई पुलिस ने आत्महत्या बताया था, लेकिन फैंस और परिजन आज भी हत्या मानते हैं. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद मौत की जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) को सौंप दी गई, जो अभी तक किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई है. इसके साथ ही एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) इस मामले को फाइनेनशियल और ड्रग्स के एंगल से देख रही हैं. CBI का तो पता नहीं, लेकिन NCB हर रोज नए-नए खुलासे करती है.
सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच के दौरान नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बॉलीवुड के एक ऐसे काले सच का खुलासा किया, जिससे हर कोई हैरान रह गया. फिल्म इंडस्ट्री में ड्रग्स का जाल इस कदर बिछी हुई है, उसे समझने में NCB भी चकरा गई. इस मामले कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसके अलावा सुशांत की मौत के पीछे बॉलीवुड में नेपोटिज्म और कैंप कल्चर को भी जिम्मेदार बताया गया. आरोप लगा कि करण जौहर से अनबन होने के बाद एक्टर के हाथ से कई फिल्में चली गईं. एक साजिश के तहत उनको बर्बाद किया गया. काम न होने की वजह से वो भयंकर आर्थिक संकट का सामना कर रहे थे. इसकी वजह से डिप्रेशन में चले गए थे.
इतना ही नहीं सुशांत के पिता केके सिंह ने वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के खिलाफ केस भी दर्ज कराया था. उन्होंने रिया पर सुशांत को खुदकुशी के लिए उकसाने और उनके बैंक खाते से 15 करोड़ रुपए की हेराफेरी का केस दर्ज कराया था, जो बाद में CBI को सौंप दिया गया. CBI का सहयोग कर रहा एम्स मामले में हत्या की आशंका से इनकार कर चुका है. ये रिपोर्ट जांच एजेंसी को सौंपी जा चुकी है. हालांकि, अभी CBI की जांच जारी है. सुशांत की मौत की पहली बरसी पर सच्ची श्रद्धांजलि तभी दी जा सकती है, जब बॉलीवुड में व्याप्त उन बुराईयों का खात्मा कर दिया जाए, जिनकी वजह से अभिनेता की जान गई.
सुशांत सिंह राजपूत की मौत और उनसे जुड़े वजहों की जांच सीबीआई, ईडी और एनसीबी के जिम्मे है.
बॉलीवुड में व्याप्त इन 4 बुराईयों को खत्म करके ही SSR को दी जा सकती है सच्ची श्रद्धांजलि...
1. नेपोटिज्म का जड़ से खात्मा
बॉलीवुड में नेपोटिज्म यानि फिल्म इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद की जड़े बहुत गहरी हैं. इसका खात्मा इतना आसान नहीं है. ज्यादातर फिल्म मेकर्स अपने बच्चों और रिश्तेदारों को ही अपनी फिल्मों में काम करने का मौका देते रहे हैं. यही वजह है कि इंडस्ट्री के बाहर के कलाकारों को बेहतर टैलेंट के बावजूद कई वर्षों तक संघर्ष करना पड़ता है. कई एक्टर तो ऐसे हैं, जिन्होंने एक-दो दशक तक अपनी काबिलियत पर भरोसा करके अच्छे दिनों का इंतजार किया. सुशांत सिंह राजपूत की मौत से पहले इसके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत किसी में नहीं थी, लेकिन 14 जून 2020 के बाद इस पर सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चा शुरू हो गई.
इसके बाद कंगना रनौत, अंकिता लोखंडे, प्रकाश राज, अनुपम खेर, शेखर सुमन, प्रीतीश नंदी और शेखर कपूर जैसी दिग्गज हस्तियों ने बॉलीवुड में नेपोटिज्म और कैंप कल्चर के खिलाफ आवाज उठाई. लेकिन सही मायने में फिल्म इंडस्ट्री में आज भी 10 प्रमुख लोगों का दबदबा है. ये लोग जो चाहते हैं, जैसा चाहते हैं, वैसा करते और कराते हैं. इनमें करण जौहर (धर्मा प्रोडक्शन), आदित्य चोपड़ा (यशराज फिल्म्स), साजिद नाडियाडवाला (नाडियाडवाला ग्रैंडसन), भूषण कुमार (टीसीरीज), संजय लीला भंसाली (भंसाली प्रोडक्शन) और एकता कपूर (बालाजी टेलीफिल्म्स) जैसे मठाधीशों का नाम शामिल है. यही लोग तय करते हैं कि कौन हीरो बनेगा और कौन जीरो?
2. ड्रग्स और नशाखोरी पर रोक
बॉलीवुड में ड्रग्स और नशाखोरी का जाल किस कदर फैला हुआ है, इसका खुलासा भी सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उसकी जांच के दौरान हुआ. इस मामले में जांच कर रहे नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने अपना आरोप-पत्र दाखिल कर दिया है. 12000 से अधिक पन्नों की चार्जशीट में 33 आरोपियों को नामजद किया गया है, जिसमें अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शौविक शामिल हैं. इस मामले में सुशांत के दोस्त सिद्धार्थ पिठानी सहित कई ड्रग्स पैडलर एनसीबी की गिरफ्त में हैं. इस केस में जांच के दौरान सबसे चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ, जब लोगों को ये पता चला कि सुशांत के साथ रिया और उसके दोस्त ड्रग्स लेने के आदी थे.
इतना ही नहीं कई नामचीन सितारे भी नशाखोरी के जाल में जकड़े हुए हैं. एनसीबी की पूछताछ के दौरान रिया चक्रवर्ती ने 25 सिलेब्स के नाम का खुलासा किया था. इसमें फिल्म एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण, सारा अली खान, रकुलप्रीत सिंह और श्रद्धा कपूर का नाम प्रमुख है, जिनसे पूछताछ के लिए समन भी जारी किया गया था. रिया ने खुद एनसीबी को बताया था कि सारा अली खान अपने हाथ से गांजे की सिगरेट का रोल बनाया करती थीं. वो गांजे की ज्वाइंट भी उनके शेयर करती थीं. इससे पहले करण जौहर के घर एक पार्टी में विक्की कौशल, रणबीर कपूर, दीपिका पादुकोण और रणबीर सिंह जैसे सितारों को नशे में झूमते देखा गया था.
एनसीबी की पूछताछ के दौरान रिया चक्रवर्ती ने 25 सिलेब्स के नाम का खुलासा किया था.
3. टैलेंट की कद्र, बराबरी के मौके
अपने देश में टैलेंट की कमी नहीं है. कला, खेल या व्यापार हर क्षेत्र में अपने टैलेंट के दम पर लोग सफलता के शिखर पर हैं. जहां तक बॉलीवुड की बात है, तो यहां एक से बढ़कर एक कलाकार हुए हैं. लेकिन आउटसाइडर्स को टैलेंट होने के बावजूद लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ता है. वहीं, फिल्मी खानदान से ताल्लुक रखने वाले लोगों के सामने ढेरों अवसर होते हैं. कई बार तो ऐसा भी हुआ है कि कुछ कलाकार अपने टैलेंट के दम पर आगे बढ़े, लेकिन वो या तो किसी कैंप में शामिल कर लिए गए या फिर उनको साजिश का शिकार बना दिया गया. सुशांत सिंह राजपूत के मामले में भी यही हुआ था. वो काफी टैलेंटेड थे, इसलिए उन्हें बहुत जल्दी नेम फेम मिल गया था.
सुशांत को बड़ी संख्या में बाहर की फिल्में ऑफर होने लगीं, लेकिन एक कैंप से एग्रीमेंट के चलते वो उन फिल्मों को चाहकर भी साइन नहीं कर पा रहे थे. इस तरह पेशेवर गुटबाजी के कारण वे डिप्रेशन में आ गए थे. यहां तक कि उनको 7 फिल्मों से बाहर निकाल दिया गया था और दो फिल्में रिलीज नहीं होने दी गई थीं. कुछ ऐसा ही इस वक्त फिल्म 'प्यार का पंचनामा' फेम एक्टर कार्तिक आर्यन के साथ हो रहा है. कार्तिक एक शानदार अभिनेता हैं, जिसकी वजह से फैंस के बीच उनकी लोकप्रियता बहुत ज्यादा है. हालही में करण जौहर के साथ अनबन होने पर कार्तिक आर्यन को धर्मा प्रोडक्शन की फिल्म 'दोस्ताना 2 से बाहर कर दिया गया है. इतना ही नहीं उसके बाद शाहरूख खान की फिल्म कंपनी रेडचीली के एक प्रोजेक्ट से भी कार्तिक बाहर कर दिए गए हैं. बॉलीवुड को ऐसे टैलेंट की कद्र करके बराबरी का मौका देना चाहिए.
4. महिला कलाकारों का शोषण
सुशांत सिंह राजपूत की जिस तरह संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी, कुछ वैसी ही मौत बॉलीवुड एक्ट्रेस जिया खान की भी हुई थी. जिया ने खुदकुशी की थी, लेकिन उसके सुसाइड नोट ने फिल्म इंडस्ट्री की कलई खोल दी थी. एक महिला कलाकार के लिए बॉलीवुड में काम करना कितना मुश्किल होता है, ये जिया की जिंदगी से समझा जा सकता है. फिल्म 'हाउसफुल' जिया खान की आखिरी फिल्म थी. इसके निर्देशक साजिद खान थे, जिन पर यौन शोषण के कई आरोप लग चुके हैं. जिया की बहन करिश्मा ने हालही में खुलासा किया है, 'रिहर्सल के समय जिया स्क्रिप्ट पढ़ रही थी. तभी साजिद आए. जिया से टॉप और ब्रा उतारने को कहने लगे. मेरी बहन को समझ में नहीं आया कि क्या करना चाहिए. उसने कहा कि फिल्म की शूटिंग अभी शुरू भी नहीं हुई है और ये सब हो रहा है. वो घर आई. रोने लगी.'
वो तो शुक्रिया अदा करना चाहिए तनुश्री दत्ता का, जिनकी वजह से बॉलीवुड में मीटू मूवमेंट शुरू हुआ, जिसके बाद महिलाओं की स्थिति में सुधार हुआ है. वरना फिल्म इंडस्ट्री में पुरुषों का ही राज था, वो महिलाओं का किसी वस्तु की तरह इस्तेमाल किया करते थे. फिल्म में काम के बदले इज्जत का सौदा किया करते थे. जो विरोध करता, उसे कुचल कर इंडस्ट्री से बाहर कर दिया जाता था. नाना पाटेकर, आलोक नाथ, विकास बहल, पीयूष मिश्रा, सुभाष घई, रजत कपूर, वरुण ग्रोवर और साजिद खान जैसे दिग्गज लोगों पर जब यौन शोषण का आरोप लगा, तो ऐसा करने वाले लोग सतर्क हो गए. कास्टिंग काउच का काला खेल तो सबको पता है, जिसमें नए टैलेंट को काम दिलाने के नाम पर उसकी इज्जत लूटी जाती रही है. फिल्म इंडस्ट्री में महिला कलाकारों का शोषण बंद करके उचित सम्मान दिया जाना जरूरी है.
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