Taapsee Pannu: एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के बॉलीवुड एक्ट्रेस बनने की दिलचस्प दास्तान
पिंक, मुल्क, थप्पड़ और हसीन दिलरुबा जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में नजर आ चुकीं एक्ट्रेस तापसी पन्नू ने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर ग्लैमर इंडस्ट्री में कदम रखा था. कभी दिल्ली में किराए के मकान में ज्वाइंट फैमिली के बीच रहने वाली तापसी बचपन से ही बहुत जिद्दी हैं. हमेशा लीक से अलग हटकर काम किया है.
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फिल्म 'मुल्क' की आरती मोहम्मद, 'पिंक' की मीनल अरोड़ा, 'हसीन दिलरुबा' की रानी कश्यप और 'थप्पड़' की अमृता सभ्भरवाल, जैसे कई किरदारों को रूपहले पर्दे पर बड़ी संजीदगी से जीने वाली एक्ट्रेस तापसी पन्नू आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. एक वक्त था, जब उनको 'गॉडेज ऑफ फ्लॉप हीरोज' माना जाता था, क्योंकि उन्होंने साउथ की फिल्मों में ज्यादातर ऐसे एक्टर्स के साथ काम किया था, जिन्हें फ्लॉप माना जाता था. लेकिन अपने अभिनय के दम पर एक्ट्रेस ने बहुत जल्द साबित कर दिया कि वो अपने दमदार अभिनय की बदौलत पूरी फिल्म को अपने कंधों पर उठा सकती हैं. यही वजह है कि उनको ज्यादातर ऐसी फिल्मों में देखा गया है, जो नायिका प्रधान हैं. इतना ही नहीं हिंदी, तमिल, तेलुगू और मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय तापसी की फिल्मों में एक सोशल मैसेज भी छिपा होता है.
टिपिकल मीडिल क्लास फैमिली से संबंध रखने वाली तापसी पन्नू का जन्म 1 अगस्त 1987 में दिल्ली में हुआ था. उनके पिता का नाम दिलमोहन सिंह पन्नू है और मां का नाम निर्मलजीत पन्नू है. उनकी एक बहन भी है, जिसका नाम है शगुन पन्नू, जो उनके बहुत ज्यादा क्लोज है. स्कूली शिक्षा लेने के बाद तापसी ने गुरु तेग बहादुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. उनको मैथ और फिजिक्स बहुत पसंद था. इसलिए उन्होंने बीटेक करने का फैसला किया. उस वक्त कंप्यूटर साइंस का बहुत ज्यादा क्रेज था, इसलिए उन्होंने भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का फैसला किया. लेकिन दाखिले के दूसरे साल उनको लगा कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई उनके लिए नहीं बनी है. फिर उन्होंने एमबीए करने के बारे में सोचा. इसी बीच कुछ लोगों ने सुझाव दिया कि उनको मॉडलिंग करनी चाहिए.
फिल्म एक्ट्रेस तापसी पन्नू बचपन से ही बहुत बोल्ड और बिंदास हैं, जीवने के फैसले खुद लेती रही हैं.
एक लाइफ है, बहुत कुछ करना है. ऐसा सोचने वाली तापसी ने सबसे पहले अपना फोटो शूट करवाया, उसके अगले दिन ही उनके पास मॉडलिंग के ऑफर आने शुरू हो गए. लेकिन जब मॉडलिंग शुरू की तो उनको वो भी अच्छा नहीं लगा. उनको लगता था कि यहां उनके दिमाग का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. दूसरे के बताए और सिखाए काम को करना है. यही वजह है कि 6-7 मॉडलिंग प्रोजेक्ट करने के बाद ही उन्होंने इसे छोड़ दिया. इसके बाद एमबीए की तैयारी शुरू कर दी. चूंकि उनके फोटोग्राफ्स मार्केट में जा चुके थे, इसलिए उनको साउथ फिल्म इंडस्ट्री से फिल्मों में काम करने के ऑफर आने शुरू हो गए. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होते ही उन्होंने एक तमिल और तेलुगू फिल्म साइन कर ली. शूटिंग के लिए मदुरई पहुंच गईं. उनकी पहली फिल्म हिट हो गई. उनको लगा कि शायद ये ईश्वर का ही संकेत है.
तापसी पन्नू ने साल 2010 में तेलुगू रोमांटिक फिल्म झुमंडी नादम से एक्टिंग डेब्यू किया था. इसके बाद एक्ट्रेस को तीन और तेलुगू फिल्मों का ऑफर मिल गया. आदूकलन से 2011 में तापसी ने तमिल सिनेमा में डेब्यू किया. इसी साल पन्नू को पहली हाई बजट फिल्म वीरा मिली थी. इसके बाद साल 2013 में डेविड धवन की फिल्म चश्मे बद्दूर से उन्होंने अपना बॉलीवुड डेब्यू किया. पहली फिल्म में उनके साथ सिद्धार्थ, ऋषि कपूर, दिव्येंदु शर्मा और अली जफर जैसे शानदार कलाकार थे. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई, तो उनके अभिनय की हर जगह तारीफ होने लगी. इसके बाद उनको बेबी, नाम शबाना और पिंक जैसी फिल्में मिलने लगी. इन फिल्मों को करने के बाद बॉलीवुड में उनकी छवि नायिका प्रधान फिल्में करने वाली एक्ट्रेस के तौर पर बन गई, इसलिए ऐसी फिल्में ज्यादा ऑफर होने लगीं.
तापसी पन्नू के नाम का मतलब
सीनियर जर्नलिस्ट नीलेश मिश्रा के स्पेशल शो स्लो इंटरव्यू में तापसी पन्नू ने अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं पर खुलकर बातचीत की थी. इस इंटरव्यू में जब उनसे उनके नाम का मतलब पूछा गया तो उन्होंने बताया, 'मेरे नाम का मतलब तपस्वनी है. तपस्वनी, संस्कृत शब्द है जो कोच्चि में किसी लड़की का नाम सुना था मेरी बुआ और फूफा जी ने. शायद मेरे पैदा होने से पहले या उसी टाइम. अभी तो लोग सोचते हैं बंगाली है, पता नहीं क्या है लेकिन हां डेफिनेटली एक चीज तो है कि लोग सरदारनी नहीं सोचते हैं. बाकी बहुत से लोगों को लगता है पता नहीं क्या है. कई लोग तो मिस्टर लगा देते हैं, मिस्टर तापसी. नया नाम है, लेकिन मैं इस नाम से खुश हूं.' वैसे जिस तरह तापसी का नाम खास है, वैसे ही उनकी फिल्में और उनमें उनकी परफॉर्मेंस भी खास होता है. उन्होंने अपने लिए नई लकीर खींची है.
हार बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं तापसी
तापसी पन्नू 22 साल की उम्र तक दिल्ली में लगातार रही हैं. वो 7वीं क्लास तक ज्वाइंट फैमिली में रही हैं. पंजाब के लुधियाना बड़ूंदी गांव के रहने वाले उनके दादा पंजाब से दिल्ली आए थे. परिवार सहित कमला नगर के एक मकान में किराए पर रहते थे. कुछ साल बाद तापसी के पिता अपने परिवार सहित रोहिणी के एक अपार्टमेंट में शिफ्ट हो गए. उनके माता-पिता अभी वहीं रहते हैं. तापसी पढ़ाई में शुरू से ही अच्छी थी. खुद दिलचस्पी लेकर पढ़ाई करती थी. पढ़ाई के लिए किसी को कहना नहीं पड़ता था. हमेशा अव्वल रहने की चाहत रखने वाली तापसी कभी हार नहीं बर्दाश्त कर पाती थीं. यहां तक कि जिस दिन किसी प्रतियोगिता में हारती तो उनको फीवर हो जाता था. तापसी को दोस्त बनाना बहुत अच्छा लगता है. बातूनी भी बहुत हैं. यहां तक कि घर के लैंडलाइन पर रॉन्ग कॉल पर भी 2 मिनट बात कर लेती थीं.
मां के सपोर्ट की बदौलत यहां पहुंची
तापसी अपने मां से बहुत प्यार करती हैं. उनकी मां ने बचपन से ही उनको हर बात में सपोर्ट किया है. वो बचपन से बहुत जिद्दी रही हैं, लेकिन उनकी मां उनको बहुत तरीके से हैंडल करती थीं. शादी से पहले मां को मायापुरी पढ़ने का बहुत शौक था. वो फिल्में बहुत देखती थीं. उनको बॉलीवुड से जुड़ी बहुत जानकारी थी. यही जानकारी तापसी के काम आई. जब उन्होंने मॉडलिंग और एक्ट्रेस बनने का फैसला तो सबसे ज्यादा मां ने साथ दिया. तापसी की पहली पोर्टफोलियो शूट कराने के लिए उन्होंने अपने सेविंग के 25 हजार रुपए लगा दिए. तापसी के पिता थोड़े सख्त मिजाज के हैं. उनको यह पसंद नहीं था कि उनकी बेटी फिल्मों में जाए. यहां तक कि जब उनको ये पता चला कि तापसी ने मॉडलिंग शुरू की है, तो वो बहुत नाराज हुए. घर में बहुत बहस हुआ, लेकिन उनकी मां ने साथ दिया और तापसी ने अपना काम जारी रखा.
सब से अधिक तब रोई थीं एक्ट्रेस
क्या आप जानते हैं कि तापसी सबसे अधिक कब रोई थीं? स्लो इंटरव्यू में तापसी पन्नू ने बताया, 'जो भी इंजीनियर बनना चाहता है शायद उसकी लिस्ट में सबसे ऊपर आईआईटी ही होता है. हर कोई चाहता है कि आईआईटी में एडमिशन हो जाए और प्रिपरेशन भी जेईई की ही होती है. लेकिन मेरा न वो हुआ और न उसके नीचे जो डीसीए होता है वो हुआ. उसके बाद मेरा इंद्रपस्थ कॉलेज में हो गया. उसके बाद एमबीए में झटका, क्योंकि दोबारा कैट में उतना नहीं आया जितना मेरे को उम्मीद थी. फिर उसके बाद वही रोना धोना घर में कि मेरी तो लाइफ खत्म है. इसके बाद कैट के लिए सोचा, लेकिन वहां भी परसेंटाइल का चक्कर होता है. 90 परसेंटाइल से ऊपर आते तो शायद वो कॉलेज मेरे को मिलते जिनमें मेरा मन था, लेकिन मेरे नंबर ही 90 नहीं आए. मैं कुछ दूसरे कॉलेज में जा सकती थी, मेरे पास थे ऑप्शन. लेकिन मैंने सोच लिया था कि अभी चली गई तो दोबारा उसे ठीक नहीं कर पाउंगी. आखिरी डिग्री है, अच्छे से करेंगे. फिल्मों के फ्लाप होने से ज्यादा उन बातों के धक्के लगे थे.'
बचपन से ही बोल्ड है तापसी पन्नू
फिल्म एक्ट्रेस तापसी पन्नू बचपन से ही बहुत बोल्ड और बिंदास हैं. एक बार उन्होंने अपने बारे में बताया था, 'मैं दिल्ली में मातारानी के मंदिर भजन-कीर्तन में गई थी. वहां काफी भीड़ थी. मैं भीड़ में लोगों के बीच से बचकर निकल रही थी. तभी मेरे पीछे से एक शख्स मुझे गलत तरीके से हाथ लगाने लगा. ऐसे में मैंने बिना उसकी तरफ मुड़े ही उसे सबक सिखाने की ठानी. इस दौरान मैंने फौरन उसकी उंगली पकड़ी और जोर से मोड़ दी तो वो दर्द के मारे चिल्लाने लगा. सच्चाई ये है कि मैं हीरोइन कम और अपनी स्टोरी में 'हीरो' ज्यादा हूं. इसी तरह कॉलेज के दिनों में मैं अक्सर डीटीसी बस से कॉलेज जाती थी. बस में मुझे लगभग रोज ही छेड़खानी का सामना करना पड़ता था. कई बार लोग मुझे गलत तरीके से टच करते, मुझ पर जानबूझकर गिरते और खुद को मुझ पर रगड़ते थे. इतना ही नहीं, त्योहार के दिनों में जब हम भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाते थे तो लोग अक्सर यहां-वहां हाथ लगाते रहते थे. लेकिन मैं कभी डरी नहीं, हर परिस्थिति का डट कर सामना किया.'
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