तारक मेहता की दयाबेन में ऐसा क्या है जो निर्माता सही विकल्प नहीं खोज पा रहे?
किसी कलाकार को स्क्रिप्ट और डायलाग के अलावा मोटे तौर पर किरदारों के हावभाव और नेचर के बारे में बताया जाता है. कलाकार खुद ही अपने किरदारों को बिल्ट करते हैं. कुछ अपने आसपास के जीवन से रिसोर्स तलाशते हैं. दयाबेन को तो दिशा वकानी ने ही बिल्ट किया है.
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तारक मेहता का उल्टा चश्मा देश का सबसे पुराना कॉमेडी शो है जो कई सालों से ताजगी के साथ लोकप्रियता बरकरार रखे हुए है. अब तक इसके सैकड़ों एपिसोड्स आ चुके हैं. शो में काम कर रहे कुछ कलाकारों को छोड़ दिया जाए तो लगभग कई पुराने चेहरों की जगह नए कलाकारों ने ले ली है. बावजूद शो पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा है. वैसे ही लोकप्रिय बना हुआ है. हालांकि एक किरदार की तलाश निर्माता अबतक पूरी नहीं कर पाए हैं. वो किरदार दया बेन का है, जिसे दिशा वकानी निभाती थीं. दिशा ने सितंबर 2017 में शो छोड़ा था. वजह मैटरनिटी लीव बताई गई थी. मगर अभी तक वे दोबारा शो में नहीं लौटी हैं.
तारक मेहता से दिशा के निकलने, शो में उनकी वापसी और उन्हें दूसरे कलाकार से रिप्लेस किए जाने को लेकर अबतक अनगिनत चर्चाएं हुई हैं. कई बार कहा गया कि दिशा लौट रही हैं. निश्चित ही शो के प्रशंसक आइकनिक किरदार दयाबेन की कमी महसूस करते हैं. हाल ही में गरिमा गोयल का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है. दरअसल, गरिमा ने हू ब हू दयाबेन के किरदार को फॉलो कर एक फनी वीडियो यूट्यूब पर पोस्ट किया है.
वीडियो नीचे देख सकते हैं:-
गरिमा के वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर तमाम प्रशंसक उन्हें ही दयाबेन का बेस्ट रिप्लेसमेंट बताने लगे हैं. इससे पहले टीवी एक्ट्रेस दिव्यांका त्रिपाठी का नाम भी दयाबेन के सामने आया था. एक्ट्रेस ने चर्चाओं को खारिज कर दिया. शो के निर्माताओं की गरिमा पर नजर जाती है या नहीं, ये दूसरी बात है. मगर वो क्या वजह है कि शो में दयाबेन के किरदार की भरपाई नहीं हो पा रही है. जबकि दूसरे एक्टर्स के बाहर जाने के बाद निर्माताओं ने तत्काल उनका रिप्लेसमेंट खोजा.
सीधे-सीधे इस सवाल का जवाब ये हो सकता है कि निर्माताओं को दयाबेन के रूप में दिशा वकानी का सही रिप्लेसमेंट आजतक मिला ही नहीं. और इसी एक वजह से उन्हें रिप्लेस करने की बजाय शो में उन्हें कंटीन्यू करने का ऑप्शन बनाए रखा गया है. अब तक आई तमाम रिपोर्ट्स में ये बताया भी जा चुका है कि कुछ विवाद या शर्तों की वजह से दिशा शो में वापस नहीं आ रही. उनकी शर्तें मान ली जाएं तो शायद वो फिर वापस आ सकती हैं. निर्माता सिर्फ उन्हें ही कंटीन्यू करना चाहते हैं. अब सवाल है कि आखिर दयाबेन के किरदार की क्या खूबियां हैं और किन वजहों से निर्माता दिशा को रिप्लेस करने से हिचक रहे हैं. निर्माताओं के मन में अगर हिचकिचाहट नहीं होती तो तीन साल से ज्यादा का वक्त तक बीत जाने के बाद सबसे पॉपुलर किरदार के लिए किसी ना किसी को ले लिया जाता. ठीक वैसे ही जैसे शो के दूसरे किरादारों (डॉ. हाथी, अंजलि भाभी, टप्पू और सोढ़ी आदि) के लिए निर्माताओं ने किया.
जेठालाल, चंपक लाल, टप्पू, दयाबेन, मेहता साहब, भिड़े और पोपटलाल- तारक मेहता का उल्टा चश्मा के पिलर कैरेक्टर हैं. दिलीप जोशी और दूसरे कलाकार उन्हें बहुत ईमानदारी से जीते हैं. कलाकारों की उम्दा एक्टिंग ने शो को स्थायी और लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई है. शो की कहानियां मुख्यतया जेठालाल और उसके टिपिकल गुजराती परिवार के इर्द-गिर्द ही रहती है. मुंबई की साफ़ सुथरी और अनुशासित गोकुलधाम सोसायटी में रह रहा ये गुजराती परिवार जाने-अनजाने मुसीबतों में पड़ा रहता है और उन मुसीबतों के हल के लिए सोसायटी के रहवासियों का एकजुट प्रयास ही शो की कहानी में दिखाया जाता है. जेठालाल के परिवार में उसकी पत्नी का किरदार मल्टी लेयर्ड है. दिशा वकानी ने इसे बखूबी स्थापित भी कर दिया है.
दयाबेन एक औसत घरेलू और पारिवारिक महिला है जो बहुत स्मार्ट नहीं है. अंग्रेजी के शब्द ठीक से नहीं बोल पाती. बावजूद आत्मविश्वास में कोई कमी नहीं है. पति की तरह उसे इस बात का मलाल भी नहीं है, इस पर पर्दा भी नहीं डालना चाहती. पति-ससुर और पड़ोसियों की इज्जत करती है. सोशल और मददगार होने की वजह से पड़ोसी भी उसे पसंद करते हैं. मगर उसकी मासूम हरकतों से जेठालाल को कई बार शर्मिंदगी होती है. जेठालाल उसे झिड़कता भी रहता है. भाई सुंदर की तरफदारी करने की वजह से भी. दयाबेन जेठा की झिड़कियों को दिल से नहीं लेती. किसी भी मुश्किल वक्त में हमेशा पति, परिवार और पड़ोसियों के साथ मजबूती से खड़ी रहती है. दया गृहकार्य में दक्ष है, भोजन खासकर गुजराती, बहुत अच्छा पकाती है. घरवालों को हाथों से खाना परोसती है. ये दूसरी बात है कि उसे फैमिली टेबल पर सबके साथ बैठकर खाते नहीं देखा जाता. नारीवादियों की इस वजह से शिकायत भी है.
दयाबेन खुशी में गरबा करने के बहाने खोजती रहती है. उसके बोलने, और सहमने का अंदाज भी यूनिक है. कई बार उसका आईक्यू बच्चों सरीखा नजर आता है. दयाबेन के मल्टी लेयर्ड कैरेक्टर को दिशा वकानी ने लाजवाब कर दिया है. दिशा मूलत: गुजराती परिवार से आती हैं. शायद इसी वजह से टोन और एक आम घरेलू गुजराती महिला के रूप में उन्होंने किरदार को बारीकी से पकड़ा है और खूब सहज नजर आती हैं.
एक पल के लिए भी दयाबेन के फ्रेम में किसी और अभिनेत्री को फिट करने पर अटपटा सा मालूम पड़ता है. क्या कोई दूसरी अभिनेत्री दिशा वकानी के अंदाज में चलना, बोलना, सहमना, मुस्कुराना, बच्चों जैसी हरकतें करना और क्या गर्बा से धमाल मचा सकती है? दिशा का बेंचमार्क बहुत हाई है. हो सकता है कि कोई एक्ट्रेस उनके किरदार को ठीकठाक जी ले. मगर दया के रूप में दिशा को देखने की आदत का क्या होगा? मान लीजिए कि कोई कलाकार आ भी जाता है, पर किरदार को पकड़ने में उससे कहीं चूक हुई तो. शो के सबसे महत्वपूर्ण और चैलेंजिंग किरदार में दूसरे कलाकार ने अगर एक भी गलती की तो समूचे शो पर बुरी आशंकाओं से इनकार नहीं किया जा सकता.
किसी कलाकार को स्क्रिप्ट और डायलाग के अलावा मोटे तौर पर किरदारों के हावभाव और नेचर के बारे में बताया जाता है. कलाकार खुद ही अपने किरदारों को बिल्ट करते हैं. कुछ अपने आसपास के जीवन से रिसोर्स तलाशते हैं. दयाबेन को तो दिशा वकानी ने ही बिल्ट किया है. हू ब हू वैसा ही करना दूसरे कलाकार के मुश्किल होगा. संभवत: इन्हीं वजहों से निर्माता जोखिम मोल लेने से बच रहे हैं. दयाबेन का नाम शो में गूंजता रहता है, मगर पिछले कई महीनों से वो मायके में हैं और इस वजह से स्क्रीन पर नजर नहीं आतीं. हो सकता है कि आने वाले दिनों में दिशा वकानी की वापसी हो या उनकी सही भरपाई करने वाला कलाकार निर्माताओं को मिल जाए. निश्चित ही शो के प्रशंसक दयाबेन को मिस कर रहे हैं.
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