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Updated: 18 अक्टूबर, 2021 08:02 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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यदि आपने एक्टर अजय देवगन की मोस्ट पॉपुलर फिल्म 'दृश्यम' देखी है, तो सोनीलिव की नई वेब सीरीज 'टब्बर' देखते ही आपको उसकी याद आनी तय है. फिल्म 'दृश्यम' में दिखाया गया है कि किस तरह एक पिता अपनी बेटी से जबरन मिलने आए एक लड़के की हादसे में हत्या होने के बाद, उसका शव दफन कर देता है. इसके बाद बहुत ही चालाकी से इस पूरे मामले पर पर्दा डालने के लिए एक ऐसी कहानी बुनता है, जिसमें पुलिस उलझ कर रह जाती है. इस तरह वो पिता अपनी पत्नी और दो बच्चियों की रक्षा करता है. वो कानून तोड़ता है, लेकिन उसके लिए अपने परिवार की सुरक्षा को ढ़ाल बनाता है. इसी तरह क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज 'टब्बर' में भी एक मिडिल क्लास फैमिली को क्राइम करने के बाद उससे बचते हुए दिखाया गया है. इसके साथ ही फैमिली वैल्यू पर मजबूती से प्रकाश डाला गया है.

जार पिक्चर्स के बैनर तले निर्देशक अजीत पाल सिंह के निर्देशन में बनी वेब सीरीज 'टब्बर' ओटीटी प्लेटफॉर्म सोनीलिव पर 15 अक्टूबर से स्ट्रीम हो रही है. इसमें पवन मल्होत्रा, सुप्रिया पाठक, गगन अरोड़ा, रणवीर शोरी, साहिल मेहता और परमवीर सिंह चीमा प्रमुख भूमिका में हैं. इनके साथ ही अली मुगल, बाबला कोचर, कंवलजीत सिंह, नुपुर नागपाल, आकाशदीप साहिर, तरन बजाज, निशांत सिंह, लवली सिंह, मेहताब विर्क, रोहित खुराना और रचित बहल जैसे कलाकारों के किरदार भी अहम हैं. वेब सीरीज पंजाब की ग्रामीण पृष्ठभूमि पर तैयार की गई है, जिसकी कहानी एक पंजाबी मध्यमवर्गीय परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है. परिवार में सीधे-सादे लोग, हंसते-खेलते बच्चे, माता-पिता के छोटे-छोटे सपने, बच्चों की छोटी सी ख्वाहिशें होती हैं. लेकिन एक दिन घर में हुए एक हादसे के बाद सबकुछ बदल जाता है.

tabbar_650_101721113029.jpgओटीटी प्लेटफॉर्म सोनीलिव पर 15 अक्टूबर से स्ट्रीम हो रही 'टब्बर' एक रोमांचक वेब सीरीज है.

'टब्बर' एक क्राइम ड्रामा है. इसका शीर्षक पंजाबी में है, जिसका मतलब 'परिवार' होता है. ये वेब सीरीज अपने शीर्षक पर सौ फीसदी खरी उतरती है. या यूं कहें कि इसका शीर्षक इस वेब सीरीज की मूल भावना का सच्चा प्रतिनिधित्व करता है. क्योंकि इसमें भी एक मिडिल क्लास फैमिली की जद्दोजहद दिखाई गई है. इस फैमिली में एक पिता, मां और उसके दो बच्चे होते हैं. यह फैमिली भी किसी भी सामान्य मध्यवर्गीय परिवार की तरह आर्थिक रूप से संघर्ष करती है. अपने बच्चों की देखभाल करते हुए उनके जरिए अपने सपने पूरा करना चाहती है. अपनी खुशियों के लिए परिवार का हर सदस्य कड़ी मेहनत करता है. लेकिन एक दिन उनकी सामान्य जिंदगी में तूफान आ जाता है, जब उनके लिए छोटी सी खुशी का एक मौका मिनटों में दुःस्वप्न में बदल जाता है. यही से शुरू होती है वेब सीरीज की असली कहानी.

Tabbar Web Series की कहानी

पंजाब के जालंधर के एक गांव में ओंकार सिंह (पवन मल्होत्रा) अपने परिवार के साथ रहता है. उसके परिवार में उसकी पत्नी सरगुन (सुप्रिया पाठक), बड़ा बेटा हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी (गगन अरोड़ा) और छोटा बेटा तेगी (साहिल मेहता) हैं. हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी दिल्ली रहकर सिविल सर्विसेज की तैयारी करता है. उसके परिवार की चाह है कि वो यूपीएससी की परीक्षा पास करके आईपीएस अफसर बने. क्योंकि उसके पिता को पंजाब पुलिस में 12 साल तक नौकरी करने के बाद एक हादसे के कारण अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी थी. उनकी यही टीस वो अपने बेटे को पुलिस अफसर बनाकर निकालना चाहते हैं. पुलिस की नौकरी छोड़ने के बाद ओंकार कस्बे में किराने की एक दुकान चलाते हैं. दिल्ली में कोचिंग कर रहा हैप्पी एक दिन अपने घर आता है. उस वक्त घर में खुशी का माहौल होता है. परिवार बहुत खुश है.

उसी वक्त महीप सोढ़ी (रचित बहल) नाम का एक लड़का उसके घर पहुंचकर अपना बैग बदलने की बात कहता है. उसका कहना है कि हैप्पी और उसके बैग का कलर एक जैसा होने की वजह से बैग बदल गए हैं. हैप्पी उसे उसका बैग लाकर दे देता है. लेकिन उसमें रखा ड्रग्स का पैकेट गायब होने पर महीप गुस्से से पागल हो जाता है. पूरे परिवार को गन प्वाइंट पर ले लेता है. घर में अफरा-तफरी के माहौल के बीच हैप्पी उसे गोली मार देता है. इसमें महीप की मौत हो जाती है. इसके बाद पता चलता है कि महीप उस इलाके से सबसे बड़े नेता और बिजनेसमैन अजीत सोढ़ी (रणवीर शोरी) का छोटा भाई है. इसके बाद ओंकार अपने बेटे हैप्पी और परिवार को सुरक्षित रखने का निर्णय लेते हुए महीप की लाश को ठिकाने लगाता है और ऐसी चाल चलने की कोशिश करता है, जिससे कि इस घटना का पर्दाफाश न हो सके.

Tabbar Web Series की समीक्षा

वेब सीरीज 'टब्बर' के मेकर्स ने लाइटिंग, सेटअप, लोकेशन, डायलॉग्स से लेकर बैकग्राउंड स्कोर तक में बहुत ही रियलिस्टिक सेटिंग बनाने में कामयाबी हासिल की है. वेब सीरीज की पटकथा इसकी गहनता पर असर डालती है. इसके सभी पात्रों को पहले एपिसोड में जिस तरह से परिभाषित किया गया है, उसके बाद के सभी आठ एपिसोड में उन्हें वैसा का वैसा ही रखा गया है. ओंकार सिंह के किरदार में अभिनेता पवन मल्होत्रा को एक अच्छे इंसान के साथ-साथ एक समर्पित पिता के रूप में देखना अच्छा लगता है. रनडाउन डायलॉग्स के बावजूद वो कुछ प्लॉट ट्विस्ट के दौरान अपनी सशक्त स्क्रीन उपस्थिति के साथ चमकते हैं. सरगुन के किरदार में सुप्रिया पाठक नेचुरल लगी हैं. सरगुन का किरदार एक मजबूत महिला की कहानी कहता है, जो अपने परिवार से बिना शर्त प्यार करती है. वो भले ही एक शर्मीली महिला हो, लेकिन जब अपने परिवार की सुरक्षा की बात आती है, तो वह उनकी रक्षा के लिए सभी बाधाओं से लड़ती है. अपने बच्चों से प्यार करती है. अपने पति का हर वक्त साथ देती है.

इसी तरह हरप्रीत सिंह के किरदार में गगन अरोड़ा, तेगी के किरदार में साहिल मेहता, महीप सोढ़ी के किरदार में रचित बहल और अजीत सोढ़ी के किरदार में रणवीर शोरी ने बेहतरीन परफॉर्मेंस दिया है. सुनील ग्रोवर की वेब सीरीज सनफ्लावर में पुलिस अफसर की भूमिका के बाद 'टब्बर' में एक बिजनेसमैन कम पॉलिटिशियन के किरदार में रणवीर शोरी को देखना दिलचस्प लगता है. हॉटस्टार की वेब सीरीज ग्रहण में एक सिख पिता की भूमिका निभाने वाले पवन मल्होत्रा 'टब्बर' में भी कुछ-कुछ वैसे ही लगे हैं. इसके पहले कई ओटीटी शोज में नजर आ चुके गगन अरोड़ा को इस वेब सीरीज में एक ग्रे कैरेक्टर के साथ अपनी प्रतिभा दिखाने का भरपूर मौका मिला है. उन्होंने इस मौके का पूरा फायदा उठाते हुए अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है. इसी साल अपनी बहुचर्चित फिल्म 'फायर इन द माउंटेन्स' के लिए 19वें लॉस एंजिलिस भारतीय फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का अवार्ड पाने वाले निर्देशक अजीत पाल सिंह ने अपने नाम के अनुसार काम भी किया है.

अजीत पाल सिंह ने पहले से लेकर आखिरी एपिसोड तक हर कलाकार को उसके किरदार में बांधे रखा है. इस क्राइम थ्रिलर में उन्होंने पंजाब के ड्रग्स जैसे संवेदनशील मुद्दे को भी गंभीरता से उठाया है. पटकथा लेखकों ने ऐसी कहानी बुनी है, जो जानी-पहचानी लगने के बाद भी रोमांच के स्तर को बनाए रखती है. हर वक्त दर्शकों के मन में कौतूहल होता है कि आगे क्या होने वाला है? वेब सीरीज का बैकग्राउंड स्कोर और म्युजिक स्नेहा खानवलकर का है. एमटीवी के शो 'साउंड ट्रिपिंग' के लिए स्नेहा ने पंजाब के कस्बों की यात्रा की थी. वहां के संगीत की भरपूर समझ हासिल की थी. इतना ही नहीं पंजाबी भाषा के साहित्य की जन्मदाता माने जाने वाले पाकिस्तान के मुस्लिम संत बाबा फरीद के लिखे हुए गीत, गुरूद्वारे के शबद और कीर्तन का बड़ा ही सुंदर प्रयोग किया गया है. कुल मिलाकर, 'टब्बर' पारिवारिक मूल्यों को समझने के लिए एक मनोरंजक वेब सीरीज है. इसे पवन मल्होत्रा, सुप्रिया पाठक, जैसे कलाकारों की उम्दा अदाकारी के साथ ही बेहतरीन मनोरंजन के लिए देखी जानी चाहिए.

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लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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