New

होम -> सिनेमा

 |  5-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 08 नवम्बर, 2022 07:07 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
  • Total Shares

'शर्माजी नमकीन' (2022), 'एक्सोन' (2019), 'शेफ' (2017), 'लव शव ते चिकन खुराना' (2012), 'द लंच बॉक्स' (2013) और 'बावर्ची' (1972) जैसी फिल्में खाने पर आधारित है. कहते भी हैं कि दिल तक पहुंचने का रास्ता पेट से होकर जाता है. यानी किसी के दिल में जगह बनानी हो, तो उससे अच्छा-अच्छा खाना खिलाते रहिए. हिंदुस्तान में तो तरह-तरह के खान-पान प्रचलित हैं. यहां अधिकांश लोग फूड लवर हैं. यही वजह है कि सिनेमा में खाना भी कई बार अहम किरदार के रूप में नजर आया है. इसी विषय पर आधारित एक फिल्म 'तड़का' ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर स्ट्रीम की गई है, जिसे 2011 में रिलीज हुई मलयाली फिल्म 'साल्ट एन' पेपर' का हिंदी रीमेक बताया जा रहा है.

फिल्म 'तड़का' में नाना पाटेकर, तापसी पन्नू, श्रिया सरन, अली फज़ल, राजेश शर्मा, लिलेट दुबे, नवीन कौशिक और मुरली शर्मा अहम रोल में हैं. इस फिल्म की शूटिंग 2016 में हुई थी, लेकिन फिल्म के पोस्ट प्रोडक्शन के बाद भी इसकी रिलीज डेट फाइनल नहीं हो पा रही थी. आखिरकार ओटीटी पर रिलीज होने का इसका मुहूर्त निकल सका और 4 नवंबर को इसे स्ट्रीम किया जा सका है. फिल्म का निर्देशन प्रकाश राज ने किया है, जिनको हिंदी सिनेमा में निगेटिव रोल के लिए जाना जाता है. फिल्म की कहानी एक अधेड़ उम्र के भोजन प्रेमी शख्स की जिंदगी पर आधारित है, जिसे एक आरजे की आवाज से प्यार हो जाता है. इस मासूम प्यार को बहुत अनोखे अंदाज में पेश किया गया है.

650x400_110822055246.jpg

Tadka Movie की कहानी

फिल्म 'तड़का: लव इज कुकिंग' की कहानी दो अधेड़ अविवाहित लोगों की जिंदगी पर आधारित है. पुरातत्वविद् तुकाराम उर्फ तुकी (नाना पाटेकर) और आरजे मधुरा (श्रिया सरन) अपने मनपसंद की जोड़ी नहीं मिलने की वजह से शादी नहीं कर पाते हैं. उनकी बढ़ती उम्र उनके परिवार और दोस्तों के लिए चिंता का विषय है. तुकी के दोस्त उसके लिए नई नई लड़किया खोजकर लाते हैं, लेकिन हर बार वो कोई न कोई कमी निकालकर उन्हें छोड़ देता है. यही हाल मधुरा का भी होता है, उसे कोई लड़का परफेक्ट नजर नहीं आता. तुकी भोजन प्रेमी है, इसलिए वो खाने से जुड़ी चीजों पर बहुत ध्यान देता है. यहां तक कि खाने को चखकर वो उसकी रेसिपी और बनाने वाले का नाम तक बता देता है.

एक दिन की बात है. उसका भांजा उसके घर आया होता है. तुकी उसके लिए कुक के साथ खाना बना रहा होता है. तभी एक रॉन्ग कॉल आ जाती है. फोन करने वाली लड़की आलू परांठे के ऑर्डर की बात करती है. इसे सुनकर तुकी भड़क जाता है. दोनों में बहुत झगड़ा होता है. दोनों एक-दूसरे को बहुत बुरा-भला बोलते हैं. कुछ समय बाद तुकी का भांजा उसके फोन से चुपके से लड़की को सॉरी लिखकर भेज देता है. लड़की अपनी दोस्त और मां से इस बारे में बताती है, तो दोनों उसे भी सॉरी बोलने की जिद्द करते हैं. उनके कहने पर वो लड़की सॉरी बोल देती है. इस तरह तुकी और उस लड़की के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हो जाता है. बाद में पता चलता है कि लड़की का नाम आरजे मधुरा है.

तुकी और मधुरा फोन पर बात करते हुए एक-दूसरे से प्यार करने लगते हैं. मिलने का फैसला करते हैं. तुकी के साथ उसके दोस्त और भांजा, वहीं मधुरा के साथ उसकी दोस्त और मां आते हैं. निश्चित जगह पर जाने से पहले तुकी अपने भांजे को तो मधुरा अपनी दोस्त को भेज देती है. ताकि वो उनके बारे में जान सके. तुकी का भांजा मधुरा की दोस्त को देखते ही फिदा हो जाता है. दोनों एक-दूसरे से झूठ बोलकर वापस आते हैं और तुकी-मधुरा को गुमराह कर देते हैं. इस तरह दोनों का रिश्ता टूटने के कगार पर आ जाता है. दोनों बातचीत बंद करके नए रिश्ते की खोज में लग जाते हैं. लेकिन इस बीच एक घटना बहुत कुछ बदल देती है. तुकी और मधुरा मिल पाएंगे या नहीं, जानने के लिए फिल्म देखनी होगी.

Tadka Movie की समीक्षा

'तड़का: लव इज कुकिंग' की कहानी दिलेश के नायर और श्याम पुष्करन (जिन्होंने मूल फिल्म का सह-लेखन भी किया है) की कहानी इस मायने में अनूठी है कि इसमें भोजन को एक महत्वपूर्ण किरदार के रूप में दिखाया गया है. शुरूआत में नैचुरल कॉमेडी का तड़का लिए ये पुराने जमाने का रोमांस काफी आकर्षक है. हालांकि, यह जल्दी ही सुस्त और नीरस होने लगता है. इसकी बड़ी वजह ये कि कथानक का अनुमान लगाया जा सकता है, क्योंकि यह कई बॉलीवुड फिल्मों में देखी गई थीम पर आधारित है. लेकिन जो बात इस कहानी को सबसे अलग करती है वह दोनों मुख्य किरदारों का खाना पकाने और अच्छा खाना खाने का जुनून, जो उनके बंधन को मजबूत करता है. पटकथा को कसे जाने की जरूरत थी.

फिल्म के निर्देशक प्रकाश राज ने अपना काम ईमानदारी से करने की कोशिश की है. औसत पटकथा को भी अपने निर्देशन के जरिए रोचक बनाए रखने में कामयाब दिखते हैं. साउथ और नॉर्थ में एक बेहतरीन अभिनेता के रूप में स्थापित प्रकाश राज ने साल 2010 में अपने निर्देशन करियर की शुरूआत की थी. उनके निर्देशन में बनी पहली कन्नड़ फिल्म 'नानू नन्ना कनासु' है. ये फिल्म सुपरहिट रही थी. इसके बाद उन्होंने साल 2014 में बनी तमिल-तेलुगू फिल्म धोनी का भी निर्देशन किया था. अभिनय की तरह निर्देशन में भी प्रकाश का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा रहा है. इसका असर फिल्म 'तड़का' में भी देखने को मिल रहा है. फिल्म के चारों प्रमुख कलाकारों ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया है.

नाना पाटेकर ने एक अधेड़ उम्र के सरल जीवन जीने वाले शख्स की भूमिका बखूबी निभाई है. उनकी कॉमेडी टाइमिंग बेमिसाल है. लेकिन गंभीर दृश्यों में भी वो मजबूत नजर आ रहे हैं. अभिनेत्री श्रिया सरन आकर्षक लगती हैं, लेकिन उन्होंने 'दृश्यम' जैसी कुछ फिल्मों में जिस तरह का अभिनय किया था, वो नजर नहीं आता. इन दोनों के किरदार फिल्म की जान है. बिना मिले, बिना देखे, प्रेम कैसे होता है. यदि ये देखना और समझना हो, तो इस फिल्म को जरूर देखा जाना चाहिए. यहां एक बात खटकती है, वो है फिल्म की डबिंग. कुछ कलाकारों की आवाज हिंदी में फेमस होने के बाद भी किसी दूसरे ने डब किया है. जैसे कि तापसी पन्नू. उनकी आवाज उन पर बचकानी लगती है. कुल मिलाकर, 'तड़का: लव इज कुकिंग' को एक बेहतरीन फिल्म तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन औसत से ऊपर एक मनोरंजक फिल्म जरूर माना जा सकता है. एक बार फिल्म को देखा जा सकता है.

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय