Taj Divided By Blood Review: जानिए नसीरुद्दीन शाह की नई वेब सीरीज कैसी है?
Taj Divided By Blood Web series Review in Hindi: नसीरुद्दीन शाह, अदिति राव हैदरी और आशिम गुलाटी स्टारर वेब सीरीज 'ताज डिवाइडेड बाय ब्लड' ओटीटी प्लेटफॉर्म Zee5 पर स्ट्रीम हो चुकी है. मुगल साम्राज्य के विस्तार पर बनी इस सीरीज में प्यार, वासना, नशा, राजनीति, कूटनीति, धोखा सहित हर रंग देखने को मिलता है.
-
Total Shares
हिंदुस्तान पर कई विदेशी ताकतों ने लंबे समय तक राज किया है. लेकिन सबसे लंबे समय तक मुगलों और अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया है. दोनों ने करीब 200 साल तक अपने देश को गुलाम बनाए रखा. मुगलों ने तो अपने देश पर बहुत अत्याचार भी किए हैं. मुगल साम्राज्य 1526 में शुरू हुआ था, जिसकी स्थापना तैमूर और चंगेज खान के वंशज बाबर ने किया था. उसने 1526 से 1530 ई तक शासन किया था. उसकी मौत के बाद उसके बड़े बेटे हुमायूं ने मुगल सल्तनल की गद्दी संभाली थी.
हुमायूं ने अपने बड़े बेटे अबूल-फतह जलाल-उद-दीन मुहम्मद अकबर को अपना उत्ताधिकारी घोषित किया. 1556 ई. में हुमायूं की मौत के बाद महज 9 साल की उम्र में अकबर को सम्राट बना दिया गया. उसके तीन बेटे सलीम, मुराद और दानियाल हुए. लेकिन अकबर ने बड़े बेटे को उत्तराधिकारी घोषित करने की बजाए, योग्य बेटे को सम्राट बनाने का निर्णय लिया. यही से जो कहानी शुरू होती है, उस पर आधारित एक वेब सीरीज 'ताज डिवाइडेड बाय ब्लड' ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर स्ट्रीम हो रही है.
वेब सीरीज 'ताज डिवाइडेड बाय ब्लड' ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर स्ट्रीम हो चुकी है.
रॉन स्कैल्पेलो के निर्देशन में बनी वेब सीरीज 'ताज डिवाइडेड बाय ब्लड' में नसीरुद्दीन शाह, अदिति राव हैदरी, आशिम गुलाटी, ताहा शाह, शुभम मेहरा, संध्या मृदुल, जरीना वहाब, दीपराज राणा और धर्मेंद्र अहम भूमिका हैं. मुगल साम्राज्य के विस्तार पर बनी इस सीरीज में प्यार, वासना, नशा, राजनीति, कूटनीति, धोखा सहित हर रंग देखने को मिलता है. इसमें नसीरुद्दीन शाह ने मुगल सम्राट अकबर, अदिति राव हैदरी ने अनारकली, आशिम गुलाटी ने सलीम (अकबर का बेटा), ताहा शाह बादुशा ने मुराद, शुभम कुमार मेहरा ने दानियाल, संध्या मृदुल ने जोधा (अकबर की पत्नी) और जरीना वहाब ने सलीमा और दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने शेख सलीम चिश्ती का किरदार निभाया है.
वेब सीरीज 'ताज डिवाइडेड बाय ब्लड' पूरी तरह से हत्या, लड़ाई और मुगलों के बारे में है. लेकिन इसमें ड्रग्स, सेक्स, अल्कोहल और ऐय्याशी का जमकर तड़का लगाया गया है. साइमन फैंटुजो और विलियम बोर्थविक द्वारा लिखित इस पीरियड ड्रामा में सम्राट अकबर (नसीरुद्दीन शाह) की रोमांचक कहानी दिखाई गई है, जिसमें वो अपने सबसे योग्य बेटे को अपना राज्य देने की तैयारी करता है. यह मिशन कहना आसान है, लेकिन करना आसान नहीं है, क्योंकि महल की आंतरिक राजनीति, उसके बेटों की अपनी महत्वाकांक्षाएं और अकबर का खुद का गौरव इसके आड़े आ जाते हैं. इसके साथ ही अनारकली जैसी सुंदर महिला के लिए बाप-बेटे की बीच जंग भी दिलचस्प है.
10 एपिसोड की इस वेब सीरीज की शुरुआत अकबर के इस आदेश के साथ होती है, जिसमें वो अपने बेटों शहजादे सलीम (आशिम गुलाटी), मुराद (ताहा शाह) और दानियाल (शुभम कुमार मेहरा) को एक नया फरमान देते हैं कि गद्दी का असली वारिस उनका योग्य बेटा ही बनेगा. वो अपने पूर्वजों की तरह बड़े बेटे को गद्दी देने में विश्वास नहीं रखते हैं. इसिलए उनके बेटों को साबित करना होगा कि वो इस गद्दी के योग्य हैं. इसकी परीक्षा के लिए तीनों शहजादों को एक टास्क दिया जाता है, जिसमें मुराद विजयी होता है. इधर, अकबर का छोटा भाई मिर्जा हकीम (राहुल बोस) काबुल से हिंदुस्तान आकर आक्रमण की तैयारी कर रहा होता है. उसे रोकने के लिए अकबर अपने बेटों को भेजता है.
काबुल हमले के लिए भेजी गई सेना की कमान मुराद के हाथों में होती है. मुराद बेहद आक्रामक और निर्दयी है. उसका भाई सलीम हमेशा शराब और शबाब के नशे में डूबा रहता है. हालांकि, उसके रगों में मुगल और राजपूत का खून दौड़ रहा है, इसलिए वीरता उसका सबसे बड़ा गुण है. वहीं, सबसे छोटा दानियाल बेहद धार्मिक और पांचों वक्त का नमाजी है. तीनों भाई काबुल में अपने चाचा के महल हमला कर देते हैं. एक लंबी लड़ाई के बाद उनको जीत मिलती है. उसकी फूफी पकड़ी जाती है, लेकिन मिर्जा हकीम अपने बेटों के साथ वहां से भाग जाता है. मिर्जा पकड़ा जाता है या नहीं, अकबर किसे अपना उत्तराधिकारी घोषित करता है, अनारकली का क्या होता है, जानने के लिए सीरीज देखनी होगी.
इस सीरीज की एक दिचस्प बात ये है कि इसकी कमान विदेशी निर्देशक और लेखकों के हाथ में हैं. अभिमन्यु सिंह और रुपाली कादयान का कहना है कि इस सीरीज के निर्देशन के लिए मुंबई में कोई निर्देशक तैयार नहीं हुआ तो मजबूरन उन्हें हॉलीवुड से निर्देशक लाना पड़ा. रॉन स्कैल्पेलो, साइमन फैंटुजो और विलियम बोर्थविक की टीम विदेशी होते हुए भी जिस तरह से कहानी पर काम किया है, उसकी तारीफ करनी होगी. शुरू के एक दो एपिसोड को छोड़ दिया जाए तो हर एपिसोड रोमांचक है. कहानी जैसे जैसे आगे बढ़ती है, सीरीज में दिलचस्पी बढ़ती जाती है. किरदारों को इस तरह से गढ़ा गया है कि हर कलाकार उसमें रम गया है. हालांकि, इस वेब सीरीज को इससे ज्यादा रोमांचक बनाया जा सकता था.
कलाकारों के अभिनय की जहां तक बात है तो हर किसी ने औसत से बेहतर परफ़ॉर्म किया है. यहां कास्टिंग पर सवाल खड़ा किया जा सकता है. मतलब किरदार के अनुरूप कलाकारों का चयन नहीं हुआ है. लेकिन जिस कलाकार को जो भी किरदार दिया गया है, उन्होंने ईमानदारी से उसे निभाने की पूरी कोशिश की है. सम्राट अकबर के किरदार में नसीरुद्दीन शाह खटकते हैं. उम्र और फिटनेस उनके आड़े आ जाती है. अनारकली के किरदार में अदिति राव हैदरी बहुत सुंदर लगी हैं. लेकिन उनके किरदार को विस्तार दिया जाना चाहिए था. कुल मिलाकर, 'ताज डिवाइडेड बाय ब्लड' को औसत से बेहतर वेब सीरीज कहा जा सकता है. यदि आप मुगल इतिहास को जानने में दिलचस्पी रखते हैं, तो इसे देख सकते हैं.
आपकी राय