Tanhaji vs Chhapaak box office collection: माफ कीजिए ये तुलना करनी पड़ रही है
Tanhaji box office collection पर नजर रखना तो बनता है. लेकिन Chhapaak box office collection की चर्चा थोड़ी ज्यादती है. और इन दोनों की तुलना तो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण. भले Deepika Padukone के JNU दौरे ने इसकी पृष्ठभूमि लिख दी है.
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इस वीकेंड रिलीज हुई दो फिल्में Chhapaak और Tanhaji ऐसी फिल्में थीं, जिनका इंतजार काफी समय से किया जा रहा था. अलग-अलग कारणों की वजह से. एक तरफ तो तानाजी अजय देवगन की 100वीं फिल्म थी जिन्हें उन्होंने कई सालों के मेहनत के बाद बनाया था. तो वहीं दीपिका पादुकोण को एक acid attack survivour के रूप में देखना भी कम रोमांचक नहीं था. दोनों फिल्मों का बैकग्राउंड अलग है, मकसद अलग है और संदेश भी अलग था. इसलिए Chhapaak box office collection और Tanhaji box office collection की कोई स्वाभाविक तुलना बनती नहीं थी. दोनों फिल्मों के प्रदर्शन का अलग-अलग अध्ययन तो किया जा सकता था, लेकिन तुलनात्मक नहीं. लेकिन रिलीज से पहले दोनों फिल्मों को लेकर जो माहौल बना दिया गया था उसने दोनों ही फिल्मों के बीच एक बेमतलब की तुलना को जन्म दिया. कि कौन सी फिल्म किससे बेहतर है. ये टकराव कलाकारों के प्रदर्शन, फिल्म निर्माण के अलग-अलग बिंदुओं पर होता तो भी समझ आता. लेकिन इस तुलना की पृष्ठभूमि विशुद्ध राजनैतिक थी.
Tanhaji और Chhapaak की तुलना ही बेमानी है
जी हां सच यही है कि ये दोनों फिल्में एक दूसरे को टक्कर देने के लिए नहीं बनाई गई थीं. न तो छपाक बनाते वक्त मेकर्स के दिमाग में ये बात थी कि उन्हें तानाजी के साथ भिड़ना है और न ही तानाजी बनाते वक्त अजय देवगन के दिमाग में ये बात थी कि उनकी टक्कर दीपिका की फिल्म से होगी. क्योंकि ये दोनों फिल्में एक दूसरे के कंपटीशन में थी ही नहीं. लेकिन जैसे ही दीपिका पादुकोण JNU campus में छात्रों के प्रोटेस्ट में गईं हर तरफ से दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक के बहिष्कार की आवाजें उठने लगीं. दीपिका को एंटीनेशनल करार दिया गया और उनकी फिल्म को नुक्सान पहुंचाने के लिए तानाजी की फ्री टिकटें बांटी गईं और बाकायदा अभियान चलाए गए कि छपाक देखने न जाया जाए. यहां से ये फिल्में एक दूसरे के सामने खड़ी कर दी गईं.
दोनों फिल्में अपने अपने स्तर पर बहुत अच्छी हैं
जबकि दोनों फिल्मों में किसी भी तरह की तुलना करना संभव ही नहीं है. तानाजी मराठा इतिहास के गौरव रहे तान्हाजी मालुसरे की वीरगाथा है. भारी भरकम बजट के अलावा कास्ट, एक्शन, स्पेशल एफेक्ट्स से लैस ये 3D फिल्म हिंदी और मराठी दोनों भाषाओं में बनी. ये commercial entertaining film है, इसे entertainment को ध्यान में रखकर ही बनाया गया. इस लिहाज से ये फिल्म शुरू से ही छपाक से बेहतर थी. जबकि छपाक को देखें तो ये मुख्यधारा की फिल्मों से अलग थी, बेहद कम बजट में तैयार हुई थी. ऐसी सोशल ड्रामा फिल्मों को सीमित दर्शक ही देखते हैं, ऐसी फिल्में लोगों का मनोरंजन करने के लिए नहीं होतीं, लेकिन social awareness के चलते बनाई जाती हैं. जाहिर तौर पर Box Office पर तानाजी ही बेहतर करती. लेकिन तानाजी की सलफलता को लेकर ये सोचा जाना कि तानाजी को दीपिका की कंट्रोवर्सी से फायदा मिला या फिर छपाक को कंट्रोवर्सी की वजह से कम देखा गया ये सही नहीं है. दीपिका जेएनयू न भी गईं होतीं तो भी अजय देवगन की फिल्म कमाल ही करती.
Chhapaak box office collection vs Tanhaji box office collection
Box office collection की रिपोर्ट आने से पहले भी पता ही था कि तानाजी ज्यादा पैसा कमाएगी. दीपिका की फिल्म ने भी उम्मीद के मुताबिक काम किया जबकि अजय देवगन को भी अच्छी ओपनिंग मिली. बॉक्स ऑफिस इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों ही फिल्मों को लोग बराबरी से देखने गए. सुबह के शो में जहां छपाक को 13.49% occupancy मिली तो रात के शो में 38.90% रही. अजय और काजोल की फिल्म तानाजी को थिएटर्स में सुबह के शो में 22.02% occupancy मिली जो रात के शो तक 57.42% हो गई थी. तानाजी को बाकी राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है.
#Tanhaji exceeds expectations and posts healthy total on Day 1... Biz grew rapidly from post-noon onwards... Excellent in #Maharashtra [#Mumbai, parts of #CP and #Nizam circuits]... Glowing word of mouth should ensure solid growth on Day 2 and 3... Fri ₹ 15.10 cr. #India biz.
— taran adarsh (@taran_adarsh) January 11, 2020
तानाजी को भारत में 3880 स्क्रीन पर रिलीज किया गया, जबकि छपाक के पास केवल 1700 ही थीं. तो इस बात का सीधा असर बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर पड़ना ही था. Box office collection की बात की जाए तो तानाजी से उम्मीद यही की गई थी कि ये पहले दिन 10-15 करोड़ कमा लेगी. और Tanhaji first day box office collection कुल मिलाकर 17 करोड़ रहा, हिंदी और मराठी मिलाकर. जबकि Chhapaak first day collection करीब 5 करोड़ रहा. छपाक से पहले दिन 4-5 करोड़ की ही उम्मीद की गई थी. यानी दोनों ही फिल्मों ने अपने अपने स्तर पर अच्छा किया है.
#Chhapaak Friday- ₹ 4.50-4.80 cr nett. Film was supposed to take an opening of minimum 7-8 cr nett but lost substantial business on day-1 because nationalist chose to boycott the film over her #JNU promotional stunt.
— Sumit kadel (@SumitkadeI) January 10, 2020
इस तुलना के कोई मायने नहीं हैं, लेकिन हां इससे वो लोग जरूर खुश होंगे जिन्होंने दीपिका के खिलाफ अभियान चलाए. आप Chhapaak box office collection vs Tanhaji box office collection जरूर कर सकते हैं लेकिन कौन सी फिल्म बेहतर है ये नहीं कह सकते. क्योंकि दोनों ही फिल्में दो fighters की हैं. तानाजी मैदान में लड़े तो लक्ष्मी अग्रवाल की लड़ाई अदालत और समाज से थी. दोनों तब भी शिद्दत से लड़े और बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छा ही कर रहे हैं.
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