Thappad movie review : जोरदार है 'थप्पड़' की गहरी चोट लेकिन ट्विटर पर जारी है #BoycottThappad
फिल्म थप्पड़ का रीव्यू (Thappad movie review) भी सामने हैं. फिल्म में घरेलू हिंसा को बहुत प्रभावी ढंग से दर्शाया गया है लेकिन अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) और तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) के CAA विरोधी बयानों के कारण उनकी फिल्म विवादों में आ गई है.
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अनुभव सिन्हा की बहुचर्चित फिल्म 'थप्पड़' (Thappad Movie Review) सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. फिल्म में तापसी पन्नू (Taapsee pannu) मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म में तापसी के अलावा पावेल गुलाटी, कुमुद मिश्रा (Kumud Mishra), रत्ना पाठक शाह (Ratna Pathak Shah), दिया मिर्जा (Diya Mirza), तन्वी आज़मी (Tanvi Azmi), माया सराओ जैसे कलाकार भी हैं जो अपनी एक्टिंग के साथ निर्देशक अनुभव सिन्हा की उम्मीदों और फिल्म की स्क्रिप्ट पर खरे उतरते हुए नजर आए हैं. लिंग भेदभाव, पितृसत्ता में फंसे पारंपरिक समाज के लिए हमेशा एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा गया है. अनुभव की फिल्म थप्पड़ ने इसी पुरुष विशेषाधिकार को चुनौती दी है, जिसे हमारा समाज लंबे समय से एन्जॉय करता हुआ नजर आ रहा था. फिल्म में घरेलू हिंसा जैसी सामाजिक कुरीति पर गहनता से चर्चा की गई है और बताया गया है कि यदि कहीं घरेलू हिंसा होती है तो उसके कई आयाम या ये कहें कि अलग-अलग दृष्टिकोण होते हैं. फिल्म में तापसी का होना और एक बेहद सधे हुए अंदाज में अदाकारी करना जहां एक तरफ निर्देशक अनुभव सिन्हा की काबिलियत दर्शाता है तो वहीं ये भी बताता है कि टिकट लेकर थिएटर में जाने वाला व्यक्ति जब बाहर आएगा तो कुछ देर वो बहुत कुछ सोचेगा. फिल्म के रिलीज के साथ ही विवाद भी शुरू हो गया है. सोशल मीडिया पर #BoycottThappad ट्रेंड करने लगा है, कारण फिल्म के निर्देशक अनुभव सिन्हा का सीएए और एनआरसी के खिलाफ बोलना और एक्टर तापसी पन्नू का मुंबई में एंटी सीएए रैली (Anti CAA Protest) में शामिल होना बताया जा रहा है.
फिल्म थप्पड़ में तापसी ने बहुत ही प्रभावी ढंग से एक्टिंग की है
सिनेमा समाज का आईना है और अनुभव सिन्हा (Annubhav) अपनी फिल्मों में वही दिखा रहे जो हमारे समाज में घट रहा है. चाहे मुल्क (Mulk) हो या फिर आर्टिकल पंद्रह (Article 15) और अब थप्पड़ (Thappad) अनुभव साफ़ तौर पर अपनी फिल्मों में सामाजिक कुरीतियों को चुनौती देते नजर आ रहे हैं. थप्पड़ और थप्पड़ की नायिका तापसी... ये दोनों ही हमारे समाज का हिस्सा हैं. तापसी एक आदर्श पत्नी है. वो जितनी धार्मिक है उतनी ही मॉडर्न भी है. वो पार्टी में जाने के लिए तैयार भी होती है तो वहीं सिर ढक कर पूजा करती है. वो अपने पति से बहुत प्यार करती है. रोज सुबह उसे उठाती है. उसके लिए चाय नाश्ते का अरेंजमेंट करती है. सब की सेवा करती है. सब का कहा सुनती है. अपने पति को रोज सुबह उसकी गाड़ी तक छोड़ने जाती है और फिजिकल अब्यूज का सामना करती है. ये हमारे समाज में होता है हमें अचरज में बिलकुल भी नहीं पड़ना चाहिए. निर्देशक ने वही दिखाया है जो हमारे परिवेश से जुड़ा है.
फिल्म की कहानी
फिल्म में अमृता का किरदार निभा रहीं तापसी और विक्रम (पावेल गुलाटी) एक हैप्पिली मैरिड कपल हैं और अपर-मिडिल-क्लास ज़िंदगी जी रहे हैं. विक्रम अपने करियर को लेकर बहुत सीरियस है और आगे बढ़ना चाहता है. फिल्म में विक्रम को एक व्यस्त व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है. वहीं अमृता एक ऐसी पत्नी है जिसकी कामना हर एक पुरुष को रहती है. वो एक परफेक्ट पत्नी है, बहू है, बेटी और बहन है. इन सबके अलावा वो एक क्लासिकल डांसर भी है और फिल्म में उसके पिता को भी यही लगता है कि यदि वो शादी नहीं करती तो इसे अपना करियर भी बना सकती थी.
गृहस्थी के लिए वह अपने सपनों का त्याग कर देती है. वह अपने पति की ख़ुशी में अपनी ख़ुशी खोज लेती है और उसी के सहारे खुश रहती है. एक पार्टी में किसी बात से झल्लाकर उसका पति उसे 'थप्पड़' मार देता है और इस थप्पड़ के साथ ही कई चीजें टूट कर बिखर जाती हैं. घर की पार्टी में तमाम मेहमानों के सामने पति का उसे थप्पड़ मारना उसे ये सोचने पर मजबूर कर देता है कि जब चोट आत्मसम्मान पर हो और इसके खिलाफ नहीं खड़ा हुआ जाए तो फिर सारी बड़ी बड़ी बातें एक तरफ हैं.
अपने साथ हुई इस घटना से अमृता को गहरा आघात लगता है. सब यहां तक की उसका पति भी उसे मूव ऑन करने की सलाह देते हैं मगर बात क्योंकि आत्मसम्मान की है अमृता कड़े कदम उठाने की सोचती है. अमृता आगे क्या करती है ? उसके पति को अपनी गलती का एहसास होता है या नहीं ? दोनों में फिर प्रेम की गुंजाइश रहेगी ? सवाल कई हैं जिनका जवाब फिल्म देखने पर ही पता चल पाएगा.
फिल्म में तापसी का अभिनय फिल्म की रीढ़ माना जा सकता है. फिल्म में ऐसे तमाम मौके आए हैं जब हमने उन्हें जहां एक तरफ बहुत emotional होते देखा तो कहीं कहीं वो बहुत मजबूत भी नजर आईं. फिल्म में कुमुद मिश्रा ने तापसी के पिता की भूमिका निभाई है. कुमुद का शुमार थियेटर के मंझे हुए कलाकारों में है वो जानते हैं कि किस डायलॉग पर किस अंदाज में बात कहनी है.
फिल्म में कुमुद का काम शानदार है. कुमुद और तापसी के अलावा फिल्म में रत्ना पाठक शाह भी हैं. फिल्म में शाह के होने ने फिर एक बार इस बात को बल दे दिया है कि अनुभव की फिल्म में कुछ भी व्यर्थ नहीं है और जो रखा गया है जितना रखा गया है सब स्क्रिप्ट और वक़्त की ज़रुरत के हिसाब से रखा गया है. फिल्म में चाहे तन्वी आज़मी हों या फिर दिया मिर्जा और तापसी की वकील बनीं माया सराओ सब ने शानदार एक्टिंग की है और पुरुषवादी सोच पर बड़ा प्रहार किया है.
किसी भी फिल्म को अच्छी या बुरी बनाने के लिए निर्देशन हमेशा ही एक बड़ा पैमाना रहा है. फिल्म थप्पड़ के निर्देशक अनुभव सिन्हा अपनी इस फिल्म के जरिये हमारे समाज के मुंह पर बुरी तरीके से तमाचा जड़ते हुए नजर आए हैं. फिल्म बनाते वक़्त अनुभव सिन्हा ये इस बात का पूरा ख्याल रखा है कि फिल्म में जो भी रिश्ते दिखाए गए हैं उन्हें भरपूर रौशनी मिले. ताकि वो फिल्म की स्क्रिप्ट के साथ इंसाफ कर सकें. फिल्म में आप किसी भी एक्टर के रोल को उठाकर देख लीजिये मिलेगा कि इसमें कुछ 'यूं ही' नहीं है और जो भी रखा गया है वो समाज को एक बड़ा सन्देश देने के लिए रखा गया है.
फिल्म का तकनीकी पक्ष भी इस फिल्म को खास बनाता है. चाहे कैमरा वर्क हो या फिर एडिटिंग इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है कि फिल्म दर्शकों पर छाप छोड़ने में कामयाब हो. शौमिक मुखर्जी फिल्म के सिनेमेटोग्राफर हैं और जिस तरह उन्हें कैमरे से जादू चलाया है उन्होंने 'थप्पड़' में जान डाली है.
सोशल मीडिया पर फिल्म का बॉयकॉट
फिल्म अनुभव सिन्हा की है और लीड एक्टर तापसी है. बात अगर राजनीतिक विचारधारा की हो तो दोनों ही लोग सरकार और सरकार की नीतियों के खिलाफ हैं. यही विवाद है यही विवाद की वजह है. फिल्म के सोशल मीडिया पर बॉयकॉट की मांग तेज हो गई है. लोग तापसी के वो स्क्रीन शॉट शेयर कर रहे हैं जिनमें वो जेएनयू का समर्थन और सीएए और एनआरसी का विरोध करती नजर आ रही हैं.
I hate anti-national celebrity..#boycottthappad pic.twitter.com/nYlBbRGitJ
— Amitesh Kumar (@Amitesh___kumar) February 26, 2020
ट्विटर पर यूजर्स अनुभव और तापसी के इस तरफ सरकार के खिलाफ जाने से बहुत नाराज हैं और यही कह रहे हैं कि ऐसे लोगों को उनकी फिल्म का बॉयकॉट करके ही सबक सिखाया जा सकता है.
First Deepika now tapsee, bollywood repeat it again.They use national issues for the promotion of their movies. They have to understand the sensitivity of the issue.#ShameOnBollywood #boycottthappad pic.twitter.com/GStiinCXR5
— Harsh $harma (@harshsharma_31) February 26, 2020
वहीं लोग ये भी कह रहे हैं कि ऐसी फिल्मों को ट्रेंड में लाना ही नहीं चाहिए. ऐसा करके हम इन्हें पब्लिसिटी दे रहे हैं.
Request everyone not to ask anyone to boycott this or that movie. Such movies r anyways a flop like Chhapak. By tweeting about its boycott u all r actually making people aware that such a movie exists. #boycottthappad
— sumedha tuli (@mesumedha) February 26, 2020
ट्विटर पर लोगों का अंदाज खुद बी खुद इस बात की पुष्टि करता नजर आ रहा है कि लोग अनुभव सिन्हा और तापसी से खासे नाराज हैं और इस नाराजगी का खामियाजा एक अच्छी फिल्म भुगतेगी.
Mitroon how many of u r ready to give #OneTightSlap to Thappad?
RT if u r going to #BoycottThappad & ensure 10+ of our frnds do it too
Thappad ka Chhapaak hona zaroori hai-its directed by #TukdeTukdeGang AnubhavSinha & stars Taapsee both of whom have been abusing Motabhai daily pic.twitter.com/icBc9hsuNu
— Halkat Babu Bhaiya (@HlktBabuBhaiya) February 26, 2020
लोग ये भी कह रहे हैं कि चाहे वो अनुराग कश्यप रहे हों या फिर अनुभव सिन्हा जैसे भाषण दोनों ने लोक सभा चुनावों के ठीक पहले दिए वो ये बता देता है कि अब ये लोग अपनी सोच जनता पर भी थोप रहे हैं.
My general reaction when I listen to anubhav Sinha and Anurag Kashyap is to throw rotten tomatoes and eggs on them ! You are doing their chamchagiri because you want work . No doubt you star in every 2nd movie of theirs !! #BoycottThappad .
— mahendra_s (@BaapkaMahi) February 21, 2020
फिल्म रिलीज हो चुकी है. सोशल मीडिया पर फिल्म के बॉयकॉट की मांग भी तेज है. ऐसे में फिल्म को हिट या फ्लॉप होते देखना दिलचस्प होने वाला है. फिल्म को लेकर तर्क हजारों दिए जा सकते हैं. बातें तमाम तरह की हो सकती हैं मगर जैसा निर्देशक और एक्टर्स ने फिल्म को ट्रीटमेंट दिया है, फिल्म एक बड़ा मैसेज दे रही है जिसे दर्शकों को जरूर सुनना चाहिए और उसपर गौर करना चाहिए.
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