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Updated: 27 दिसम्बर, 2018 08:21 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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एक तरफ जहां बॉलीवुड के तीनों खान का दौर अब खत्म होता सा नजर आ रहा है वहीं दूसरी ओर 2017-2018 साल बॉलीवुड के लिए कई बेहतरीन फिल्में और कई बेहतीर एक्टर लेकर आए हैं. अब 2019 में एक नए ट्रेंड को आते देख रहे हैं. वो है बायोपिक और संजीदा सिनेमा का ट्रेंड. 2019 में आने वाली तीन फिल्मों के ट्रेलर आ गए हैं. पहली है ठाकरे, बालासाहब ठाकरे की जिंदगी पर बन रही है और शिवसेना के गठन से लेकर उसके महाराष्ट्र की सबसे ताकतवर पार्टी बनने की कहानी बता रही है. दूसरी है 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' अनिल कपूर और सोनम कपूर की ये फिल्म एक ऐसी लड़की पर आधारित है जिसके घर वाले उसकी शादी करवाना चाहते हैं. उन्हें जात-पात की कोई चिंता नहीं है, लेकिन वो ये नहीं जानते कि उनकी बेटी लेस्बियन है और जात-पात से आगे बढ़कर क्या होमोसेक्शुअल प्यार को अपनाएंगे ये कहानी है.

बॉलीवुड, फिल्म, सिनेमा, हीरो, हिरोइनठाकरे और द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर दोनों ही जनवरी में रिलीज होने जा रही है

तीसरी और सबसे अहम फिल्म है द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर. एक ऐसी फिल्म जो न सिर्फ 2004 और 2009 के इलेक्शन के बैकग्राउंड पर आधारित है बल्कि 2019 के इलेक्शन से पहले कांग्रेस की निगेटिव इमेज भी दिखा सकती है.

1. The Accidental Prime minister

इस फिल्म का नाम वरिष्‍ठ पत्रकार Sanjaya Baru की किताब 'The Accidental Prime minister' से ही लिया गया है. संजय बारू 2004 से 2008 तक मनमोहन सिंह के मीडिया एड्वाइजर थे. उन्होंने इस किताब को 2014 में पब्लिश किया था, जब UPA सरकार ने सत्ता खो दी थी. इस फिल्म में मनमोहन सिंह का किरदार निभा रहे हैं अनुपम खेर और संजय बारू का किरदार निभा रहे हैं अक्षय खन्ना. सोनिया गांधी के किरदार में सुजेन बर्नेट, राहुल गांधी के किरदार में अक्षय माथुर और प्रियंका गांधी के किरदार में अहाना कुमरा हैं.

एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर किताब भी बेहद विवादित रही है और जैसे ही ट्रेलर आया उसे देखकर ये लग रहा है कि ये फिल्म भी कई विवादों से घिरने वाली है. एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर में न सिर्फ 2004-2013 के बीच हुए घोटालों की जानकारी है बल्कि यह फिल्म यूपीए सरकार के दौरान गांधी परिवार की भूमिका पर से भी पर्दा हटाती है.

फिल्म का एक डायलॉग है, 'Prime Minister को क्या करना है ये NAC तय करेगी?' UPA सरकार के दौरान सोनिया गांधी की अध्‍यक्षता में बनाई गई National Advisory Council की ताकत को दिखाता है. किस तरह प्रधानमंत्री को सुझाव देने के नाम पर उस समय कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी का सिक्‍का चलता था. यह फिल्‍म साबित कर देगी कि यूपीए सरकार में सोनिया गांधी ही Shadow Prime Mintser थीं. हां, ये जरूर है कि फिल्‍म डॉक्टर मनमोहन सिंह की भूमिका को जिस तरह से पेश किया गया है, वे मौन नजर नहीं आते. सरकार चलाने में उनके संघर्ष को साफ देखा जा सकता है. साथ ही, न्यूक्लियर डील, कश्मीर मुद्दे जैसे संवेदनशील मामलों पर यह फिल्‍म नई तस्‍वीर प्रस्‍तुत करेगी, जिसे अब तक सिर्फ यूपीए सरकार के हवाले से पेश किया जाता रहा.

इस ट्रेलर को देखकर समझा जा सकता है कि यह फिल्‍म आने वाले राजनीतिक माहौल पर कितना असर डालेगी. एक फिल्म आई थी 'तलवार' जिसके बाद आरुषि तलवार के माता-पिता को पब्लिक सिम्पेथी मिल गई थी क्योंकि फिल्म उन्हें बेकसूर बताती थी. अब आने जा रही है एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर. कांग्रेस की पब्लिक इमेज पर ये काफी असर डाल सकती है.

2. Thackeray

अब बात करते हैं दूसरी फिल्म की, जो बालासाहब ठाकरे पर बनी है. इस फिल्म में हिंसा बहुत ज्यादा दिखेगी. फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी बेहद संजीदा लग रहे हैं. फिल्म के ट्रेलर को लेकर अभी से ही विवाद शुरू हो गए हैं. साउथ के एक्टर सिद्धार्थ ने कहा है कि ये ट्रेलर सिर्फ नफरत फैला रहा है और इसमें दक्षिण भारतीयों को अच्छी नजर से नहीं देखा जा रहा है.

एक के बाद एक लगातार कई ट्वीट्स कर एक्टर सिद्धार्थ ने इस फिल्म को लेकर कहा है कि ये सिर्फ बालासाहब ठाकरे की इमेज बढ़ाने के लिए है और इससे धार्मिक अनेकता बढ़ेगी.

ठाकरे फिल्म के ट्रेलर में न सिर्फ दंगे दिखाए गए हैं बल्कि गृह मंत्री मोरारजी देसाई को धमकाते हुए बालासाहब ठाकरे बने नवाजुद्दीन को देखा जा सकता है. इस फिल्म में बाबरी मस्जिद तोड़ने और मुंबई दंगों में धार्मिक हिंसा और कट्टर बयान देने के लिए बालासाहब ठाकरे पर केस चलते भी दिखाया गया है.

ट्रेलर के एक सीन में वकील पूछता है 'बॉम्बे दंगों में भी आपका हाथ था', उसका जवाब दिया जाता है- 'हाथ नहीं, पांव था.' इसी डायलॉग से आप समझ जाएं कि ये फिल्म कितनी विवादित होने वाली है. ये पूरी तरह से महाराष्ट्र और उसकी राजनीति पर ही आधारित रहेगी. और शिवसेना के गठन को दिखाएगी. इस फिल्म से ठाकरे की निगेटिव इमेज दिखे ऐसा जरूरी नहीं है. ये फिल्म 25 जनवरी को रिलीज होगी.

कुल मिलाकर ये दोनों ही फिल्में भारतीय राजनीति के इतिहास और उसके भविष्य को थोड़ा बहुत दिखाती हैं. एक तरह से देखें तो 2019 का पहला महीना बेहद दिलचस्प हो सकता है.

अब जाते-जाते तीसरी फिल्म 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' का ट्रेलर देख लीजिए:

ये ट्रेलर भी बुरा नहीं है और लीग से अलग हटकर हिंदुस्तान में प्यार को लेकर कितनी एक्सेप्टेंस है इसके बारे में बताता है.

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श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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