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Updated: 05 फरवरी, 2022 07:34 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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डैनी बोयल के निर्देशन में बनी फिल्म 'स्लमडॉग मिलेनियर' (Slumdog Millionaire) आपको जरूर याद होगी. ऑस्कर अवॉर्ड जीतने वाली इस फिल्म में मुंबई की झुग्गी बस्ती में रहने वाले एक बच्चे की कहानी ने लोगों का दिल जीत लिया था. यह फिल्म मशहूर राजनयिक और उपन्यासकार विकास स्वरूप के पहले उपन्यास 'क्यू एंड ए' पर आधारित थी. विकास स्वरूप के दूसरे उपन्यास 'सिक्स सस्पेक्ट्स' पर अब एक वेब सीरीज आई है, जिसका नाम 'द ग्रेट इंडियन मर्डर' है. तिग्मांशु धूलिया के निर्देशन में बनी ये वेब सीरीज ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर 4 फरवरी से स्ट्रीम हो रही है. इस वेब सीरीज का निर्माण बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन और प्रीति विनय सिंहा ने किया है. प्रीति बॉलीवुड प्रोड्यूसर विनय कुमार सिंहा की बेटी हैं, जिन्होंने आमिर और सलमान खान को लेकर कॉमेडी फिल्म 'अंदाज अपना अपना' बनाई थी. अपने प्रोडक्शन हाऊस अजय देवगन एफफिल्म्स (एडीएफएफ) के जरिए अभिनेता ने बतौर निर्माता पहली बार ओटीटी की दुनिया में कदम रखा है.

वेब सीरीज 'द ग्रेट इंडियन मर्डर' की कहानी भले ही 'सिक्स सस्पेक्ट्स' पर आधारित है, लेकिन इसकी पटकथा रोचक बनाने में निर्देशक तिग्मांशु धुलिया ने लेखक विजय मौर्य और पुनीत शर्मा के साथ बहुत मेहनत की है. किसी भी उपन्यास पर फिल्म या वेब सीरीज बनाना जितना आसान दिखता है, उतना होता नहीं है. क्योंकि जो कहानी पहले से ही अधिकतर लोगों को पता हो, उसे दोबारा सुनाना या दिखाना बहुत कठिन काम माना जाता है. यह चुनौती तिग्मांशु के सामने भी थी, लेकिन जैसा कि वो मझे हुए कलाकार और फिल्मकार दोनों है, तो उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को बहुत ईमानदारी से निभाया है. इस वेब सीरीज का पहला सीजन 45-45 मिनट के 9 एपिसोड में विभाजित है, लेकिन पहले एपिसोड से आखिर तक कहानी का जाल ऐसा बुना गया है कि बिना पलक झपकाए आप देखते चले जाएंगे. हर एपिसोड को ऐसे रोमांचक मोड़ पर खत्म किया गया है कि अगले एपिसोड को बिना देखे आप रह भी नहीं पाएंगे. ऐसे ही इस सीजन का भी अंत हुआ है.

tgim_650_020422102045.jpgबहुप्रतिक्षित वेब सीरीज 'द ग्रेट इंडियन मर्डर' उपन्यास 'सिक्स सस्पेक्ट्स' पर आधारित है.

'द ग्रेट इंडियन मर्डर' वेब सीरीज के केंद्र विक्रांत ऊर्फ विकी राय (जतिन गोस्वामी) का किरदार है, लेकिन इसके इर्द-गिर्द कई किरदारों की कहानियों को इतने रोचक तरीके से बुना गया है कि वे मुख्य किरदार के कहानी का अहम हिस्सा लगती हैं. पहले सीन में देश की राजधानी दिल्ली का एक पुलिस नाका दिखता है, जहां एक पुलिसकर्मी एक गाड़ी रोककर उससे लिफ्ट मांगता है. ड्राइवर से कार की डिग्गी खोलकर कुछ सामान रखने के लिए कहता है. इतना सुनते ही ड्राइवर वहां से फरार हो जाता है. डिग्गी खोलकर देखने पर पता चलता है कि उसमें दो नाबालिग लड़कियों का शव रखा गया है. पूछताछ में पता चलता है कि इन लड़कियों से रेप और हत्या का कनेक्शन छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री जगन्नाथ राय (आशुतोष राणा) के बिजनेसमैन बेटे विकी राय से है. पुलिस विकी को गिरफ्तार करके जेल भेज देती है. एक जघन्य अपराध में विकी के शामिल होने की वजह से जगन्नाथ राय की कुर्सी चली जाती है. उनको गृहमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ता है. उनकी खिलाफत में उनके अपने भी शामिल होते हैं.

दिल्ली में बैठे एक केंद्रीय नेता अंबिका प्रसाद (विनीत कुमार) की मदद से जगन्नाथ राय अपने बेटे विकी राय को जेल से बाहर निकालने की कोशिश करने लगते हैं. इसके लिए एक आईपीएस अधिकारी से 200 करोड़ रुपए का सौदा होता है. इसके बाद विकी को कोर्ट से बरी कर दिया जाता है. कहा जाता है कि इस केस से उसका कोई संबंध नहीं है. विकी के बाहर आते दिल्ली से लेकर रायपुर तक जश्न मनाया जाता है. जगन्नाथ राय एक बार फिर गृहमंत्री पद की दावेदारी के लिए मुख्यमंत्री के पास जाता है, लेकिन वहां से खाली हाथ लौटा दिया जाता है. इसके बाद वो पूरी सरकार को पलटने की तैयारी करने लगता है. 30 विधायकों को खरीदने के लिए पैसों की जरूरत होती है, जिसके लिए वो अपने बेटे विकी से कहता है, लेकिन वो पैसे देने के लिए तैयार नहीं होता. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री का समर्थन करते हुए अपने पिता को ही राजनीति से संयास लेने का ज्ञान देने लगता है. यह बात जगन्नाथ को बुरी लग जाती है. वो अपने सबसे खास कारिंदे से अपने ही बेटे को मारने के लिए कहता है.

जगन्नाथ राय का खास कारिंदा उसके बेटे विकी राय को सारी बातें बता देता है. वो दोनों को आपस में समझौता करने के लिए कहता है, लेकिन विकी उसे अपने पिता को ही मारने की सुपारी दे देता है. इसी बीच कारिदें की हत्या हो जाती है. विकी अपनी रिहाई की खुशी में एक शानदार पार्टी का आयोजन करता है. इसमें दिल्ली से रायपुर तक के उसके सभी खास मेहमान शामिल होते हैं. इसी पार्टी में रहस्यमय तरीके से विकी की हत्या हो जाती है. पुलिस उसी पार्टी से दो संदिग्धों मुन्ना चौरसिया (शशांक अरोड़ा) और एकेती (मणि पीआर) को अवैध पिस्तौल के साथ गिरफ्तार करती है. इधर अंबिका प्रसाद के साथ मिलकर जगन्नाथ राय एक सियासी साजिश रचता है. इसके तहत सीबीआई जांच के बहाने मुख्यमंत्री को फंसाकर उसकी सरकार गिराने की योजना बनती है. अंबिका अपने रसूख का इस्तेमाल करके सीबीआई अफसर सूरज यादव (प्रतीक गांधी) को इस केस की जांच अपनी शर्तों पर सौंप देता है. सूरज दिल्ली पुलिस की डीसीपी सुधा भारद्वाज के साथ मिलकर केस की जांच करने लगता है.

सीबीआई जांच में इस प्रोफाइल मर्डर केस में छह लोग संदिग्ध पाए जाते हैं. पहला स्थानीय चोर मुन्ना, जो विकी की सतौली बहन रितु का प्रेमी होता है, दूसरा अंडमान की आदिवासी प्रजाति का एकेती, जो अपने ईष्टदेव की मूर्ती की तलाश में पहुंचा होता है, तीसरा मोहन कुमार (रघुबीर यादव), जो कि एक भ्रष्ट अधिकारी रहने के बाद महात्मा गांधी बनने का स्वांग करता है, चौथा जैसलमेर का वेलफेयर अफसर अशोक राजपूत, जो एकेती दिल्ली पहुंचाने में मदद करता है, पांचवां छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री शशीकांत वोरा (केनेथ देसाई), जो जगन्नाथ राय राजनीतिक दुश्मन होता है. इन छह संदिग्धों में से आखिर किसने विकी राय की हत्या की है? इन सभी का विकी राय के साथ क्या कनेक्शन है? इस मर्डर से पहले और बाद में कौन-कौन सी सियासी साजिशें हुई हैं? क्या सीबीआई अफसर सूरज यादव मुख्यमंत्री शशीकांत वोरा को विकी मर्डर केस में फंसाने में कामयाब होगा? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए आपको ये वेब सीरीज देखनी होगी. हमारा जवाब आपका मजा किरकिरा कर देगा.

क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज 'द ग्रेट इंडियन मर्डर' की कहानी की तरह इसके एपिसोड के नाम भी बहुत दिलचस्प हैं. मसलन, विकी राय, जगन्नाथ राय, मुन्ना और एकेती, इंगेताई और काला बैग, लाल सलाम और बिल्लू बिरयानी, मोहन कुमार, राजनीति और प्यार, असली नकली और धोखा जैसे एपिसोड के नाम किसी पुस्तक के अलग-अलग अध्यायों के नाम सरीखे हैं, जो हर अध्याय के बीच एक रोचक कड़ी की तरह है. इसका श्रेय निर्देशक और लेखक तिग्मांशु धुलिया को दिया जाना चाहिए. तिग्मांशु का अपना एक अलग अंदाज है, जो इस वेब सीरीज की हर फ्रेम में दिखता है. सिनेमा में ग्लैमर का उपयोग करने की उनकी शैली, समाज और फिल्म के बारे में उनकी कमेंट्री उनके स्टाइल की याद दिलाती है. किसी सिनेमा में कहानी की तरह कलाकार भी महत्वपूर्ण होते हैं. कलाकारों के कंधों पर ही फिल्म की सफलता की बुनियाद टिकी होती है. इस वेब सीरीज में भी कई अनुभवी और दिग्गज कलाकार शामिल किए गए हैं, जिनकी अदाकारी कहानी में चार चांद लगा रही है.

इस वेब सीरीज में जिन कलाकारों ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है, उनमें आशुतोष राणा, रघुबीर यादव, जतिन गोस्वामी, मणि पीआर, शशंका अरोड़ा का नाम प्रमुख है. एक राजनेता के किरदार में आशुतोष राणा ने कमाल काम किया है. एक नेता अपने राजनीतिक हितों और आकांक्षाओं को कैसे अपने परिवार सहित सभी से ऊपर रखता है, इसे उन्होंने बखूबी पेश किया है. मोहन कुमार के किरदार में रघुबीर यादव तो छुपे रुस्तम निकले हैं. शुरू के तीन एपिसोड तो उनकी मौजूदगी बहुत कम दिखती है, लेकिन बाद के एपिसोड में उनका किरदार धीरे-धीरे उभरकर जब सामने आता है, तो हर कोई हैरान रह जाता है. एक ही समय में दोहरा चरित्र, दो अलग-अलग स्वभाव के साथ निभाना बहुत कठिन काम माना जाता है, लेकिन रघुबीर ने अपनी स्वाभाविक अदाकारी से इसे आसान बना दिया है. मलयाली एक्टर मणि पीआर अंडमान के आदिवासी युवा एकेती के रूप असर छोड़ने में कामयाब रहे हैं, झुग्गी में रहने वाले चोर मुन्ना के किरदार में शशंका अरोड़ा ने भी गजब का प्रदर्शन किया है.

मुख्य किरदार विकी राय के रूप में (जतिन गोस्वामी) ने सबसे ज्यादा हैरान किया है. अपने किरदार के हर रंग में वो चोखा नजर आए हैं. एक शक्तिशाली और सत्ताधारी नेता का अय्याश, बिगड़ैल, बदतमीज, बददिमाग बेटा, लेकिन सफल बिजनेसमैन, इन दोनों चरित्रों को उन्होंने बहुत सहजता के साथ जिया है. सीबीआई अफसर सूरज यादव के किरदार में प्रतीक गांधी और पुलिस अफसर के किरदार में रिचा चड्ढा जैसे कलाकारों से जो उम्मीद की जाती है, दोनों ने वैसा ही काम किया है. इस सीरीज में उनसे ज्यादा उम्मीद करना बेकार है. पत्रकार के किरदार में अमेय वाघ को बहुत कम स्क्रीन स्पेस मिला है, लेकिन वो नोटिस जरूर हो रहे हैं. यदि तकनीकी पक्ष की बात करें, तो देश के कई राज्यों में अलग-अलग भौगोलिक परिस्थितियों और सांस्कृतिक विविधाता के बीच फिल्माई गई सीरीज को इतने अलग-अलग तरह के रंग देने में सिनेमैटोग्राफर ऋषि पंजाबी ने बहुत मेहनत की है. रघु दीक्षित और केतन सोढा का संगीत कहानी के साथ सुर मिलाता नजर आता है. कुल मिलाकर, 'द ग्रेट इंडियन मर्डर' एक बेहतरीन वेब सीरीज है, जो दर्शकों का मनोरंजन करने में सफल रहती है. समय मिले तो इस वीकेंड इसे आपको जरूर देखना चाहिए.

iChowk.in रेटिंग: 5 में 3 स्टार

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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