The Kashmir Files: दिल झकझोर देती है अनुपम खेर की 'द कश्मीर फाइल्स'
The Kashmir Files Movie Review in Hindi: कश्मीरी पंडितों के पलायन की ऐतिहासिक घटना पर आधारित फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' 11 मार्च को रिलीज हुई है. विवेक रंजन अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग के दौरान देखने वाले कई दर्शक इसकी सराहना कर रहे हैं.
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भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जिंदगी और रहस्यमयी मौत पर प्रकाश डालती एक फिल्म 'द ताशकंद फाइल्स' साल 2019 में रिलीज हुई थी. विवेक रंजन अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी इस फिल्म के जरिए शास्त्री जी की मौत पर नए सिरे से बहस की गई थी कि आखिर उनकी मौत कैसे हुई थी? उसके लिए जिम्मेदार कौन था? आखिर उनकी मौत के रहस्य से आज तक पर्दा क्यों नहीं उठाया गया? क्या उसमें भारत के किसी राजनीतिक दल का भी हाथा था? इन्हीं सवालों के जवाब खोजती इस फिल्म को लेकर काफी चर्चा हुई थी. कुछ इसी तरह के मिजाज की एक नई फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' सिनेमाघरों में रिलीज हुई है. इसका निर्देशन भी नेशनल अवॉर्ड विजेता निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने किया है. इस फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार और अतुल श्रीवास्तव जैसे दिग्गज अभिनेता अहम किरदारों में हैं.
फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन की ऐतिहासिक घटना पर आधारित है. कहा जाता है कि कश्मीर से पंडितों को हटाने के लिए उनका वहां नरसंहार किया गया था. कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अनुसार, साल 1990 में घाटी के भीतर 75,343 कश्मीरी पंडित परिवार थे. लेकिन साल 1990 और 1992 के बीच आतंकियों के डर से 70 हजार से ज्यादा परिवारों ने घाटी को छोड़ दिया. साल 1990 से 2011 के बीच आतंकियों ने 399 कश्मीरी पंडितों की हत्या की है. पिछले 30 सालों के दौरान घाटी में बमुश्किल 800 हिंदू परिवार ही बचे हैं. साल 1941 में कश्मीरी हिंदुओं का आबादी में हिस्सा 15 फीसदी था. लेकिन साल 1991 तक उनकी हिस्सेदारी सिर्फ 0.1 फीसदी ही रह गई. अपनी मातृभूमि और कर्मभूमि से विस्थापित होने के कश्मीरी पंडितों के इस दर्द को व्यापक रिसर्च के बाद रूपहले पर्दे पर पेश किया जा रहा है.
अनुपम खेर की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' में कश्मीरी पंडितों के पलायन का दर्द दिखाया गया है.
अनुपम खेर और मिथुन चक्रवर्ती जैसे कलाकारों से सजी फिल्म की रिलीज से पहले जम्मू में कश्मीरी पंडितों के लिए एक स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई थी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, फिल्म जब खत्म हुई, तो वहां मौजूद कई दर्शक इतने भावुक हो गए कि अपनी सीटों पर खड़े होकर रोने लगे. पूरे थियेटर में जो माहौल बना, उसे देखकर समझा जा सकता था कि फिल्म में कश्मीरी पंडितों के दर्द को किस तरह पेश किया गया है. फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री का भी कहना है कि साल 1990 में हुआ कश्मीरी नरसंहार भारतीय राजनीति का एक अहम और संवेदनशील मुद्दा है, इसलिए इसे पर्दे पर उतारना कोई आसान काम नहीं था. इसके लिए हमारी टीम ने एक व्यापक रिसर्च किया है. करीब 700 कश्मीरी पंडितों के परिवारों से बातचीत की गई है, जिन्होंने सीधे तौर पर कश्मीर की इस हिंसा को झेला. उन्हें विस्थापित होना पड़ा. वो आज भी उसी टीस के साथ जी रहे हैं.
फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को 5 में से 4.5 स्टार देते हुए समीक्षक रोहित जयसवाल लिखते हैं, ''मेरे लिए द कश्मीर फाइल्स मेरे पूरे जीवन में अब तक की सबसे कठिन फिल्म रही है. इसे देखने के लिए साहस की जरूरत है. यदि दर्शक हिम्मत कर सकते हैं, तभी इस फिल्म को देखें. विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपने करियर की बेस्ट फिल्म बनाई है.'' नीति सुधा ने 5 में से 3 स्टार देते हुए लिखा है, ''फिल्म को कश्मीर की खूबसूरत घाटियों के इस काले इतिहास को बड़े पर्दे पर देखना बेहद मार्मिक और दर्दनाक है. लेकिन महत्वपूर्ण भी है. विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' तथ्यों पर आधारित है. राजनीतिक झुकाव से अलग होकर देंखे, तो इस फिल्म में कश्मीरी पंडितों पर हुए क्रूर अत्याचारों को देखना, मानवता और न्याय व्यवस्था को घुटने टेकते देखना दिल दहलाने वाला है. 2 घंटे 40 मिनट की फिल्म में धारा 370 से लेकर इतिहास और पौराणिक कथाओं पर भी बात होती है.
फिल्म समीक्षक सुमित कडेल लिखते हैं, ''स्वतंत्र भारत का सबसे क्रूर अध्याय. इसमें अनफ़िल्टर्ड तथ्यों के साथ प्रकट हुआ कश्मीरी पंडितों का जनसंहार. विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी इस फिल्म को कश्मीरी पंडितों के विस्थापन का सच जानने के लिए जरूर देखना चाहिए. इस सच को अतीत के पन्नों में दफन कर दिया गया था.'' एक यूजर यश बिनानी लिखते हैं कि वो भारत सरकार से गुजारिश करते हैं कि फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को पूरे देश में टैक्स फ्री किया जाए. राहुल रौशन लिखते हैं, ''कल 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म देखी. मुझे अब समझ में आ रहा है कि विवेक ने इंटरव्यू के दौरान मुझसे हैदर से इसे तुलना करने से मना क्यों किया था. दोनों में कई सारी समानताएं हैं, लेकिन इसके बावजूद दोनों फिल्मों को स्वतंत्र प्रभाव है, जिसे देखने के बाद ही समझा जा सकता है.'' पत्रकार रिचा अनिरूद्ध तो लिखती है कि फिल्म ने उनको पूरी तरह झकझोर दिया है.
फिल्म के बारे में ट्विटर पर आई कुछ समीक्षाएं...
Back from screening of #TheKashmirFiles and I am completely shaken! This is a story that HAD to be HAD to be HAD to be told! Thankyou @vivekagnihotri for this courageous task! I am sure it wasnt easy for you. Wasnt easy for us to watch!Kudos? pic.twitter.com/wgUkJYMRce
— richa anirudh (@richaanirudh) March 6, 2022
Watched #TheKashmirFiles yesterday, and well, now I get why @vivekagnihotri had told me in the interview that he'd want people to compare it with Haider. Both films have a young man from a 'liberal' university returning to Kashmir... and well, similarities end there. Numbing.
— Rahul Roushan (@rahulroushan) March 7, 2022
An appeal to Central Government : The Kashmir Files movie should be Tax Free all over India .Bharat Mata Ki Jai ??@vivekagnihotri @KashmirFiles#TheKashmirFiles #KashmiriPandits https://t.co/eRM3ldMaHH pic.twitter.com/ZvIn2LLKm8
— Yash Binani ?? (@binaniyash94) March 8, 2022
We are certainly very thankful to @vivekagnihotri Ji , it's our story our EmotionsNow world will not remain silent and we will not be unheard #TheKashmirFiles is our voice pic.twitter.com/ANiHTbvlBB
— Kp Nationalist?? (@KpNationalist) March 10, 2022
Review - #TheKashmirFiles Rating - 4.5*/5 ⭐️⭐️⭐️⭐️?For Me The Kashmir Files has to be the most hard hitting film I have ever seen in my entire life, Watch it only if you have courage…. @vivekagnihotri has made a Phenomenal film, his career best film… #TheKashmirFilesReview pic.twitter.com/HwIII2q9UE
— Rohit Jaiswal (@rohitjswl01) March 10, 2022
Last night at Jammu. #TheKashmirFiles #RightToJusticeTour pic.twitter.com/kfooTlAke9
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) March 5, 2022
#TheKashmirFiles - ⭐️⭐️⭐️⭐️⭐️MOST BRUTAL CHAPTER OF INDEPENDENT INDIA - The MASS GENOCIDE OF KASHMIRI PANDITS manifested with UNFILTERED FACTS in this @vivekagnihotri directorial. Every Indian must watch this masterpiece to know the TRUTH which were pushed under the carpet. pic.twitter.com/mnBvqCsUpX
— Sumit Kadel (@SumitkadeI) March 10, 2022
Meet #MohanLalRaina!! A refugee in his own country. A victim of #KashmiriPanditGenocide singing a song about his lost home and life. Feel his pain, his helplessness! I met him at the shooting of #TheKashmirFiles!!? #11ThMarch #OnlyInTheatres pic.twitter.com/vGp2OLpbQz
— Anupam Kher (@AnupamPKher) March 10, 2022
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