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Updated: 09 नवम्बर, 2022 08:04 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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इस साल जहां बॉक्स ऑफिस पर कई बड़े सितारों की फिल्मों ने पानी तक नहीं मांगा. कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार पर बनी बॉलीवुड निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' ने वर्ल्डवाइड करीब 350 करोड़ की कमाई की थी. और, यह फिल्म महज 12 करोड़ के बजट में बनी थी. इसी तरह की सत्य घटनाओं पर आधारित एक और फिल्म 'द केरल स्टोरी' का टीजर दर्शकों के बीच काफी सुर्खियां बटोर रहा है. लेकिन, फिल्म 'द केरल स्टोरी' का टीजर सामने आते ही इस पर बवाल शुरू हो गया है. केरल के डीजीपी ने फिल्म से जुड़े लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का आदेश दे दिया. कहा जा रहा है कि फिल्म में केरल को आतंकियों के लिए एक सेफ हैवेन के तौर पर दिखाया गया है. और, कांग्रेस ने भी 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग की है.

वैसे, फिल्म 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग कुछ वैसी ही है. जैसी 'द कश्मीर फाइल्स' के रिलीज होने के बाद की जा रही थी. द कश्मीर फाइल्स में दिखाए गए कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार को घृणा फैलाने और गलतबयानी करने वाली फिल्म बताकर खारिज करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी गई थी. ठीक इसी तरह से 'द केरल स्टोरी' पर भी इन्हीं आरोपों के साथ बैन लगाने की मांग की जा रही है. ये अलग बात है कि यह फिल्म भी कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार की तरह ही केरल की लड़कियों से जुड़ी सत्य घटनाओं पर आधारित है. खैर, इस पर चर्चा से पहले जान लेते हैं कि फिल्म 'द केरल स्टोरी' के टीजर में क्या है?

फिल्म 'द केरल स्टोरी' के टीजर में कमांडो फेम अभिनेत्री अदा शर्मा बुर्के में ढकी नजर आती हैं. इस टीजर में अदा शर्मा कहती हैं कि 'मेरा नाम शालिनी उन्नीकृष्णन था. मैं नर्स बनकर लोगों की सेवा करना चाहती थी. अब मैं फातिमा बा हूं. अफगानिस्तान की जेल में बंद एक आईएसआईएस आतंकी. और, मैं अकेली नहीं हूं. मेरे जैसी 32000 लड़कियां धर्मांतरित होकर सीरिया और यमन के रेगिस्तान में दफन हो चुकी हैं. केरल में एक सामान्य सी लड़की को एक खूंखार आतंकी बनाने का सबसे खतरनाक खेल चल रहा है. और, वो भी खुलेआम. क्या कोई नहीं रोकेगा इसे? ये है मेरी कहानी. ये उन 32000 लड़कियों की कहानी है. ये द केरल स्टोरी है.' 

वहीं, करीब सात महीने पहले आए फिल्म 'द केरल स्टोरी' के अनाउंसमेंट टीजर में टेक्स्ट के जरिये पूछा गया है कि 'अगर आपकी बेटी आधी रात बीतने तक घर नहीं आती है. तो, आपको कैसा लगेगा? बीते 12 सालों में केरल में हजारों लड़कियां गुमशुदा हो गईं और कभी अपने घर वापस नहीं आईं. इस टेक्स्ट के बाद केरल के पूर्व सीएम वीएस अच्युतानंदन का 2010 में दिया गया एक बयान दिखाया जाता है. जिसमें वीएस अच्युतानंदन कहते हैं कि बैन किए गए संगठन एनडीएफ के एजेंडा की तरह ही पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया केरल को एक मुस्लिम राज्य बनाने की कोशिश कर रहा है. उनका प्लान 20 सालों में केरल को एक मुस्लिम राज्य बनाने का है. इसके बाद टीजर में फिर से टेक्स्ट शुरू हो जाता है. जिसके जरिये कहा जाता है कि बीते 10 सालों में हजारों लड़कियों को तस्करी कर आईएसआईएस और अन्य इस्लामिक युद्ध क्षेत्रों में भेजा गया. 32000 लड़कियों की सच्ची कहानियों पर आधारित.'  

लड़कियों को मुस्लिम बनाकर ISIS में शामिल कराने का सच क्या है?

केरल इस देश का इकलौता ऐसा राज्य कहा जा सकता है. जहां कट्टरपंथी मुस्लिमों के खिलाफ हिंदूवादी और ईसाई संगठन एक साथ आकर विरोध जताते हैं. आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्यों है? तो, इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह 'द केरल स्टोरी' के टीजर में दिखाया गया राज्य के पूर्व सीएम वीएस अच्युतानंदन का बयान है. दरअसल, केरल में बड़ी संख्या में हिंदू और ईसाई लड़कियों के इस्लाम में धर्मांतरण का खेल लंबे समय से चल रहा है. और, हाल ही में 5 साल के लिए बैन किया गया कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पीएफआई इसके लिए पैसों से लेकर नौकरी तक उपलब्ध कराता था.

हिंदू और ईसाई लड़कियों को लव जिहाद से लेकर नार्कोटिक जिहाद तक के कई तरीकों से बहला-फुसला कर उनका इस्लाम में धर्मांतरण कराया जाता था. खैर, केरल में अब तक हुए धर्मांतरण के मामलों की संख्या कुछ हजारों में मानी जा सकती है. लेकिन, अनाधिकारिक आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए, तो केरल में इस्लाम में धर्मांतरण कराए जाने की संख्या 32000 से भी ज्यादा ही निकलेगी. क्योंकि, बहुत से मामलों में तो गरीब परिवारों के लोग पुलिस थानों में शिकायत तक दर्ज करा पाने में कामयाब नहीं हो पाते हैं. और, अधिकांश मामलों में लड़की के बालिग होने जैसी चीजों का फायदा भी मिल जाता है. वैसे, आईएसआईएस में शामिल होने के लिए जाने वाली लड़कियों में से अधिकतर अच्छी-खासी पढ़ी-लिखी लड़कियां थीं.

 Ban demand on film The Kerala Story is just like The Kashmir Files Love Jihad ISIS Connection PFI are real Culpritsनिमिषा भी फातिमा इशा बनकर आईएसआईएस में शामिल होने पहुंच गई थी.

आईएसआईएस के उदय के बाद केरल से कई मुस्लिम युवक-युवतियां इस आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए देश छोड़ कर चले गए थे. इनमें से ही कुछ सोनिया सेबेस्चियन उर्फ आयशा, मेरिन जैकब उर्फ मरियम, निमिषा उर्फ फातिमा इशा और राफेला जैसी लड़कियां भी थीं. जिन्होंने पहले इस्लाम धर्म अपनाया. और, कुछ ही महीनों के बाद आंखों में इस्लामिक राज का सपना लेकर आईएसआईएस में शामिल होने निकल पड़ीं. और, ऐसे न जाने कितने परिवार होंगे, जिन्होंने बदनामी के डर से अपनी लड़कियों के घर से भाग जाने की शिकायत ही नहीं की होगी.

वैसे, हिंदू धर्म के देवी-देवताओं से लेकर परंपराओं तक का मजाक उड़ाए जाने पर जो तबका सिनेमाई आजादी का राग अलापने लगता है. ऐसे मामलों में उसकी सिनेमाई आजादी को लकवा मार जाता है. और, ये फिल्में घृणा फैलाने और गलत आंकड़े पेश करने वाली बताई जाने लगती हैं. वैसे भी हमारे देश में कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार के सरकारी आंकड़े ही आज तक सही माने जाते रहे हैं. तो, 'द केरल स्टोरी' ने भी ऐसे ही सरकारी आंकड़ों पर सवाल खड़ा किया है. तो, बवाल होना ही है.

केरल से अफगानिस्तान पहुंची लड़कियों के इंटरव्यू यहां सुनिए 

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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