Taapsee Pannu के किस टैलेंट पर लट्टू हैं निर्माता, जिनके पास फ्लॉप देने के बावजूद फिल्में-फिल्में हैं?
तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) के नाम बैक टू बैक फ्लॉप फ़िल्में दर्ज हो रही हैं. लेकिन उनका सितारा उफान पर है. निर्माता उनके पीछे लाइन लगाए हुए हैं. इस वक्त उनके पास चार फ़िल्में हैं. आउटसाइडर्स को बॉलीवुड में हिट देकर भी टिके रहने में मुश्किल होती है फिर तापसी फ्लॉप के सहारे कैसे बनी हुई हैं. आइए जानते हैं...
-
Total Shares
तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) बॉलीवुड की सबसे रहस्यमयी अभिनेत्री हैं. जेहन में उनका नाम आते ही मन उन्हें बॉलीवुड की भीड़ से हटाकर देखना चाहता हैं. कुछ देर के लिए हटाकर देखता भी है. मगर अगले ही क्षण तापसी भीड़ से अलग नहीं दिखती. तमाम 'पीआर कोशिशों' के बावजूद भीड़ में ही गायब एक औसत अभिनेत्री नजर आती हैं. अब तापसी भीड़ में छिपी/खापी नजर आती हैं और पीआर से प्रेरित हम जैसे जगत जीव उन्हें भीड़ से अलग खोजने की जिद में अड़े रहते हैं. भीड़ में शामिल व्यक्ति भला उससे अलग कहीं मिलता है क्या?
अब ताज्जुब की बात यह है कि तापसी पन्नू जिनके नाम दर्ज फ्लॉप, किसी बड़े रिकॉर्ड से कम नहीं- वे आज की तारीख में बॉलीवुड की सबसे व्यस्ततम अभिनेत्री हैं. उनके मुकाबले में दूसरी अभिनेत्रियां इतना व्यस्त नजर नहीं आती हैं. भले ही वे तापसी से ज्यादा सफल हों. और यह भी कम बड़ी बात नहीं है कि तापसी ज्यादातर बॉलीवुड की महिला प्रधान या बड़े-बड़े बैनर्स की फिल्मों में व्यस्तता होती है. आज की तारीख में बॉलीवुड की कितनी कॉमर्शियल अभिनेत्रियां नजर आती हैं जिनका एक पांव महिला प्रधान फिल्मों में और दूसरा अन्य सामान्य मसाला फिल्मों में दिखता हो?
तापसी पन्नू कामयाब नहीं, उनकी सफलता बॉलीवुड का सबसे बड़ा रहस्य
कंगना रनौत जरूर दिखती हैं, मगर यह भी पता चलता है कि कंगना खुद अपनी फिल्मों की सर्वेसर्वा हैं. कई बार वही निर्माता और निर्देशक नजर आती हैं. एक और बात है कि कंगना और आलिया ने अपने कंधों पर अब तक कई महिला प्रधान फिल्मों को सक्सेस बनाया है. क्या तापसी की किसी एक फिल्म को लेकर ऐसा कहा जा सकता है- यह उनकी वजह से ही कामयाब हुई? यहां तक कि पिंक और मुल्क जैसी महिला प्रधान फ़िल्में भी नहीं गिनाई जा सकतीं. पिंक में अमिताभ बच्चन और मुल्क की सफलता के पीछे ऋषि कपूर के एक्ट और स्टारडम को कभी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
हसीन दिलरुबा में तापसी पन्नू.
बावजूद बॉलीवुड में तापसी पन्नू की हनक कुछ इस तरह गढ़ दी गई है कि हिंदी की महिला प्रधान कहानियों के लिए उनसे बेहतर, प्रतिभाशाली और ख़ूबसूरत अभिनेत्री कोई दूसरी है ही नहीं. तापसी का करियर सिर्फ 12 साल पुराना है. उनके अभिनय की शुरुआत दक्षिण में साल 2010 से हुई. उनकी पहली फिल्म तेलुगु में थी. साल 2015 तक तापसी पन्नू ने करीब-करीब 19 फ़िल्में कीं. इनमें से मात्र दो फ़िल्में हिंदी में थीं.
तापसी की जो फ़िल्में हिट रहीं वो मल्टी स्टारर हैं
एक चश्मे बद्दूर (2013) और दूसरी बेबी (2015). दोनों मल्टीस्टारर फिल्मों में तापसी के लिए ज्यादा मौके नहीं थे. अक्षय की एक्शन थ्रिलर बेबी हिट हुई. फिल्म में तापसी ने भी एक फीमेल एजेंट की भूमिका निभाई थी. किरदार भले छोटा था मगर दर्शकों की नजर में यह आ गाया. एक साल बाद यानी 2016 में तापसी की एक और मल्टीस्टारर फिल्म आई पिंक. यह कारोबारी लिहाज से सफल साबित हुई और पहली बार किसी फिल्म की सफलता के लिए तापसी को भी सीधे क्रेडिट दिया गया.
तापसी की सर्वाधिक चर्चित फिल्मों में मुल्क, मनमर्जियां (दोनों 2018 में) और थप्पड़ (2020) शामिल हैं. मुल्क और मनमर्जियां औसत हिट थीं. मुल्क के लिए जैसे ऋषि कपूर को क्रेडिट मिला वैसे ही मनमर्जियां के लिए भी विक्की कौशल और अभिषेक बच्चन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. तापसी अब भी दक्षिण की फ़िल्में करती रहती हैं. तापसी के हिंदी करियर को देखा जाए तो उनके खाते में मिशन मंगल और जुड़वा 2 जैसी बेहद कामयाब फ़िल्में भी हैं. हालांकि इसमें तापसी की अहमियत शो पीस से ज्यादा और कुछ नहीं दिखती.
दीपिका-आलिया से भी ज्यादा व्यस्त तापसी के हाथ में इस वक्त 6 फ़िल्में
तापसी के करियर में एक दो कायदे की फ़िल्में हैं बावजूद वे आलिया भट्ट, दीपिका पादुकोण, कंगना रनौत, अनुष्का शर्मा, कृति सेनन और जाह्नवी कपूर जैसी अभिनेत्रियों से ज्यादा व्यस्त नजर आती हैं. पिछले चार साल में करीब 10 असफल फ़िल्में करने के बावजूद उनकी झोली में फिल्मों की भरमार है. तापसी के पास इस वक्त जन गण मन, दोबारा, एलियन, ब्लर, वो लड़की है कहां और डंकी जैसी हिंदी तमिल की 6 फ़िल्में हैं. लगभग सभी फ़िल्में बड़े स्केल की हैं. इसके अलावा कुछ फिल्मों के लिए उनकी बातचीत होने की खबरें भी हैं.
तापसी की व्यस्तता से तो यही आभास होता है कि वे बॉलीवुड की सबसे कामयाब अभिनेत्री होंगी. जबकि वे कितना कामयाब हैं यह यक्ष प्रश्न नहीं. पिछले दिनों जब स्पोर्ट्स बायोपिक शाबास मिठू फ्लॉप हो गई और उसके ठीक बाद तापसी की नई फिल्मों की घोषणा हुई लोगों ने हैरानी जताई कि नाकामी के बाद भी उन्हें फ़िल्में कैसे मिल रही हैं? तापसी में अभिनय क्षमता है. मगर उनकी फिल्मों को देखें तो उनके किरदार कभी कभार अलग नजर आते हैं. वर्ना तो ऐसे लगता है जैसे तापसी अपने किसी पिछले किरदार को ही जारी रखे हुए हैं.
क्या मठबाजी की वजह से तापसी डिमांडिंग अभिनेत्री बनी हुई हैं?
उदाहरण के लिए उनकी मुल्क और पिंक की भूमिकाएं देख लीजिए. शाबास मिठू और रश्मि राकेट में भी फर्क नजर नहीं आता. अब सवाल है कि तापसी पन्नू बॉलीवुड में टिकी कैसे हैं? वह भी तब जब उन्हें आउटसाइडर माना जाता है. बॉलीवुड आउटसाइडर्स के बारे में मशहूर है कि उन्हें कामयाब होकर भी सरवाइवल के लिए संघर्ष करना पड़ता है. फिर नाकामी के सहारे तापसी कैसे मजबूत हैं?
सोशल मीडिया पर हाल में तापसी को लेकर जो बातें दिखीं उससे तो यही पता चलता है कि अभिनेत्री फिल्म उद्योग में अपने व्यवहार और लोगों से जुड़ाव की वजह से ही मजबूत बनी हुई हैं. बॉलीवुड में राइट विंग विरोधी धड़ा आज भी ताकतवर है और माना जाता है कि फिल्म हिंदी के सिनेमा कारोबार को वही हांक रहा है. तापसी इस धड़े की प्रिय अभिनेत्री बताई जाती हैं. इसकी वजह एक्ट्रेस की फ़िल्में और समय समय पर राइट विंग आइडियोलजी के खिलाफ उनका स्टैंड है.
ब्लर अजय बहल की फिल्म है. दोबारा अनुराग कश्यप बना रहे हैं जो पहले भी तापसी के साथ मनमर्जियां और सांड की आंख बना चुके हैं. शाहरुख स्टारर डंकी राजकुमार हिरानी की फिल्म है. जन गण मन मलयाली स्टार पृथ्वीराज की और वो लड़की है कहां अरशद सईद की फिल्म है. तापसी के पीआर को देखें तो उन्हें कुछ इस तरह प्रजेंट किया जाता है जैसे वो आज के दौर की स्मिता पाटिल हों. बेशक तापसी मेहनती हैं और कोशिश करती हैं लेकिन एक्टिंग फ्रंट पर उनमें स्मिता जैसी ना तो गहराई है और ना ही वैविध्य.
अगर इतने फ्लॉप देने के बावजूद भी उन्हें धड़ाधड़ फ़िल्में मिल रही हैं तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं मानना चाहिए.
आपकी राय