'धड़क' को 'सैराट' जैसी कामयाबी दिलाना ही जाह्नवी-ईशान का चैलेंज
'धड़क' की सबसे बड़ी खामी ही इसकी खूबी है. 'धड़क' मराठी फिल्म 'सैराट' की रीमेक है.इसलिए ना चाहते हुए भी ईशान-ज्हान्वी की तुलना 'सैराट' से होना स्वनाभाविक है.
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श्रीदेवी के निधन के बाद बेटी जाह्नवी कपूर की डेब्यू फिल्म 'धड़क' के प्रति उत्सुकता बढ़ना लाज़मी थी, हीरोइन जाह्नवी तो हीरो हैं शाहिद कपूर के भाई ईशान खट्टर, हालांकि ईशान की डेब्यू फिल्म beyond the clouds बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कारनामा नहीं कर पाई थी लेकिन ईशान के अभिनय की तारीफ हुई थी.
'धड़क' मराठी फिल्म 'सैराट' की रीमेक है
ट्रेलर में जो अच्छा लगा
1) यंग लव स्टोरी में अक्सर नये हीरो-हीरोइन ही कास्ट किए जाते हैं उस लिहाज़ से जाह्नवी-ईशान की कास्टिंग बेहतरीन है.
2) जाह्नवी स्क्रीन पर बहुत अच्छी दिखती हैं और ना चाहते हुए भी लोग तुलना श्रीदेवी से करते हैं, उनकी मुस्कुराहट श्रीदेवी की याद दिलाती है.
3) पहली फिल्म के लिहाज से डायलॉग बोलने का अंदाज बुरा नहीं है.
4) ईशान अपनी दूसरी फिल्म में भी इंम्प्रेस करते हैं.
5) फिल्म के निर्देशक शशांक खेतान हैं, जिनकी पिछली दो फिल्में सुपर हिट थीं, 'हंप्टी शर्मा की दुल्हनिया' और 'बदरीनाथ की दुल्हनिया'.
6) निर्माता करण जौहर ने ट्रेलर को ग्रैंड तरीके से पेश किया है.
जाह्नवी-ईशान की कास्टिंग बेहतरीन है
ट्रेलर की परेशानियां
1) 'धड़क' की सबसे बड़ी खामी ही इसकी खूबी भी है, 'धड़क' 'सैराट' की रीमेक है, मराठी फिल्म 'सैराट' नए एक्टर्स के बावजूद सौ करोड का आंकड़ा पार करने में कामयाब रही थी. 'सैराट' के साथ अच्छी बात ये थी कि जब ये फिल्म रिलीज हुई थी तो किसी को कोई अपेक्षा नहीं थी, लेकिन यही फिल्म जब हिंदी में 'धड़क' बनती है तो ना चाहते हुए भी ईशान-ज्हान्वी की तुलना सैराट की लीड कास्ट आकाश और रिंकू राजगुरू से होती है.
2) खासतौर से झानवी के लिए बडा चैलेंज है क्योंकि सैराट की हीरोइन रिंकू को अपने अभिनय के लिए नेश्नल अवॉर्ड भी मिला था.
3) एक तबक़ा है जिसके मुताबिक 'सैराट' की खूबी ये थी कि वो आम आदमी की प्रेम कहानी लगती है, वहीं 'धड़क' में साफ दिखता है हीरो-हीरोइन की लॉन्चिंग हो रही है.
4) ना चाहते हुए भी नेपोटिज्म का मुद्दा 'धड़क' के साथ जुड़ जाता है. करण जौहर ने श्रीदेवी-बोनी कपूर की बेटी और शाहिद कपूर के भाई को ब्रेक दिया.
5) अभिनय के डिपार्टमेंट में सैराट की जोड़ी को मराठी वर्ग ने ज्यादा पसंद किया और जरूरी नहीं है 'सैराट' की फैन फॉलोइंग 'धड़क' को मिले.
ट्रेलर को लेकर सबकी अपनी अपनी राय है लेकिन एक बात जो अपील करती है वो ये है कि रोमियो और जूलियट को राजस्थानी किरदारों के बीच पॉलिटिकल बैक्ड्रॉप में डालना. 'धड़क' के ट्रेलर में एक लव स्टोरी के सारे जज़्बात दिखते हैं. प्यार, झिझक, इकरार, बेबाकी और जुदाई का डर. 'सैराट' में मुद्दा ऑनर किलिंग का था देखना दिलचस्प होगा वो मुद्दा 'धड़क' में भी दिखेगा या फिर क्लाइमेक्स अलग होगा.
'धड़क' से सैराट जैसी उम्मीदें
जाह्नवी कपूर की पहली झलक के वक्त मां श्रीदेवी का साथ न होना दुख की घड़ी तो थी लेकिन श्रीदेवी की फैन फॉलोइंग का फायदा भी जाह्नवी को मिल रहा है जो किसी भी तरह से गलत नहीं है. बाकी सब निर्भर करेगा टेलेंट पर और ट्रेलर में जाह्नवी ने इतना तो साबित कर दिया है कि वो एक बड़ी हीरोइन बनने का माद्दा रखती हैं, बाकी वो श्रीदेवी जैसा मकाम हासिल कर पाएंगी या नहीं उसके लिये अभी वक्त है.
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