तुनिशा शर्मा की मौत के बाद शीजान को पूर्वाग्रह के साथ देखा जाना कितना सही है?
तुनिशा शर्मा के सुसाइड की जांच हर कीमत पर होनी चाहिये. हर एंगल से. हर चीज सामने आनी चाहिये. लेकिन शीजान खान पर जो भी आरोप लगें एविडेंस के बेस पर लगें, वो परसेप्शन के बेस पर नहीं. ये पहला मामला नहीं, आखिरी भी नहीं होगा. लेकिन इससे जुड़े सवाल बहुत कुछ तय कर सकते हैं.
-
Total Shares
आज एक सवाल उठा रहा है. अलग अलग लोगों के लिये इसके कई मायने हो सकते हैं. तुनिशा शर्मा महज 20 साल की लड़की, जिसे हर लड़की की तरह हर सपना पूरा करना था. इसमें कोई शक नहीं उसके कई सपने पूरे भी हुए. प्रोफेशनली हो या फाइनेंस के लिहाज से, तुनिशा अपनी उम्र की कई लड़कियो से कहीं ज्यादा सेटल्ड. एस्टैबलिश्ड थी. एक दिन अचानक वो सुसाइड कर लेती है. वजह तलाशी जा रही है. लेकिन एक आसान, सीधी वजह जो आम लोगों को समझ आ रही है कि ब्रेक अप के चलते उसका दिल टूट गया था. या कहें उसे प्यार में धोखा मिला. कोई लव जिहाद का एंगल ढूंढ रहा है. कोई कुछ और. हर सवाल के केंद्र में है शीजान. एक युवा अभिनेता. वो लड़का जिससे तुनिशा बहुत प्यार करती थी. रिलेशनशिप में होना. एक वक्त में जरुरत से ज्यादा पजेसिव हो जाना कोई नई बात नहीं है. लेकिन कभी कभी यही पजेसिवनेस... या 'सेंस टू ओन' जो है, वो एक ओबसेशन मे बदल जाता है. And thats where the problem starts with. क्या इस रिश्ते में भी ऐसा हुआ? या कुछ और... ये सब जांच की विषय है.
तुनिशा की मौत के बाद उसका बॉय फ्रेंड शीज़ान सवालों के घेरे में है
लेकिन एक अहम बात, अगर तुनिषा किसी से धोखा मिलने की वजह से, इतनी खूबसूरत जिंदगी को इस तरह खत्म करने जा रही थी, तो उसने ये बताना जरुरी क्यों नहीं समझा? उस आदमी का चेहरा बेनकाब करना उसे जरुरी क्यों नही लगा? कोई सुसाइड नोट क्यों नही था? एक अहम बात ये कि अब तक जो सबसे बड़ी वजह सामने आई है इस सुसाइड की, या तुनिशा ने अपनी मां के साथ शेयर की थी वो था ब्रेकअप का दर्द और शीजान को किसी भी तरह जिंदगी में वापिस हासिल करने की चाहत.
तुनिशा एक दर्द अपने पिता को खोने का भी देख चुकी थी. जो दर्द वो अक्सर वो शेयर भी करती थी. एक इमोशनल ट्रामा उसे लगातार पहेल ही डरा रहा था. वक्त के साथ जो फेम, जो प्रसिद्धि तुनिशा को मिली वो भी खास थी. लेकिन शायद उसके दिल का खालीपन था, कि उसे अपने से बड़ी उम्र के गैर मजहबी लड़के से प्यार हो गया. सिर्फ 20 साल की उम्र मे आप यकीनन ये पुख्ता तौर पर तय नही कर पाते कि पूरी जिंदगी आप किस तरह के इंसान के साथ रह सकते हैं. खास तौर पर जब आप एक बेहद चकाचौंध वाली दुनिया मे होते हैं.
कंपरैटिवली पब्लिक डीलिंग ज्यादा है बहुत तरह के लोगो से मिलना जुलना है काम जो है वो भी काफी स्ट्रेसफुल है.हाईली competetive है. ज्यादातर वक्त आप अपनो से दूर हैं.ऐसे में ये बहुत मुमकिन है कि आप कहीं एक इमोशनल सपोर्ट सिस्टम क्रियेट करें. जो तुनिशा के साथ हुआ. इवेंचुअली दोनों एक आफिशियल रिश्ते मे थे. लेकिन एक वक्त तक. शीजान ने जो बात बिल्कुल साफ तौर पर बताई वो थी कि एक डर की वजह से उसने ये रिश्ता ख्तम किया था.
श्रद्धा वाल्कर मर्डर केस के बाद, जो एक नेगेटिविटी इंटर रिलीजन रिलेशनशिप्स को लेकर बनी हुई थी. और उसे लेकर तुनीशा के मन भी यकीनन एक डर और सवाल रहते थे. उनके सबसे करीबी दोस्त को एक्टर कंवर ढिल्लो ने ये बात शेयर भी की थी किस तरह तुनिशा अपने anxiety और depression से निकलने की कोशिश कर रही थी. शायद उम्र में बड़ा होने के चलते भी वो कुछ आने वाले चैलेंजिस देख पा रहा होगा. और रिश्ता खत्म हुआ होगा.
ये एक संभावना हो सकती है. फिलहाल मौजूदा हालात में.और तुनिशा इससे निकल नहीं पा रही होगी. हालांकि कुछ दोस्तों का कहना है कि दोनों ने मूव आन कर लिया था. लेकिन शायद तुनिशा एक मेंटल फ्रेम से बाहर नहीं आ पा रही थी. सब कुछ बहुत कम उम्र मे हासिल करके शायद उसे ये इमोशनल डिफीट की तरह लग रहा होगा. लेकिन जो भी हो. क्या शीजान को जिस तरीक से एक कल्परिट के तौर पर ही देखा जा रहा है वो बिल्कुल सही है?
...कुछ तस्वीरे आई हैं जिनमें वो बिना जूते टप्पल के बेयरफूट पुलिस के द्रारा ले जाया जा रहा है. या फिलहाल जो एक वन साइडिड नैरेटिव सैट करने की कोशिश है. लव जिहाद के चशमे से इस पूरे केस को डे वन से देखा जा रहा क्या वो सही है? क्या वक्त से पहले एक अनकहा फैसला लागू करने की कोशिश है ये?
शीजान एक संभ्रांत परिवार से आता है. उसने काफी मेहनत से इंड्स्ट्री मे अपने लिये जगह बनाई. उसे लेकर अब तक लोगों से कोई ऐसी शिकायत भी नहीं सामने आई कि वो एक विलेन ही लगे. या कोई संदिग्ध बात उससे जुड़ी. तुनिशा ने पहले भी सुसाइड अटेंपट किये. शीजान ने उसे बचाया भी. शायद इस बार दोनों की किस्मत खराब थी. लेकिन शीजान को जिस पूर्वाग्रह के साथ देखा जा रहा है वो कितना सही है? आप क्या मानते हैं?
रिश्ते बनना , टूटना बहुत आम बात है. हां उसके बाद कौन कितनी समनझदारी से उसे हैंडल करता हैं, ये बात अलग है. लेकिन अगर कोई भी व्यक्ति ऐसे में एक ऐसा एक्सट्रीम स्टेप ले लेता है तो क्या दूसरे की जिंदगी को भी इस तरह से ट्रामाटाइज किया जाना, सही बात है. जांच हर कीमत पर होनी चाहिये. हर एंगल से... हर चीज सामने आनी चाहिये. लेकिन परसेप्शन के बेस पर नहीं, एविडेंस के बेस पर. ये पहला मामला नहीं, आखिरी भी नहीं होगा. लेकिन इससे जुड़े सवाल बहुत कुछ तय कर सकते हैं.
शीजान खान पर लग रहे आरोप कई सवाल खड़े करते हैं:
आपकी राय