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Updated: 29 अप्रिल, 2023 07:19 PM
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बॉलीवुड वाले पता नहीं क्यों रीमेक फिल्मों का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं. माना कि रीमेक फिल्में बनाना आसान होता है. इसमें पहले पकी पकाई कहानी मिल जाती है. फ्रेम दर फ्रेम कॉपी करना आसान रहता है. और तो और सफलता की भी गारंटी लगती है, क्योंकि मूल फिल्म अपनी भाषा में अच्छा बिजनेस कर चुकी होती है. लेकिन जमाना लद गया, जब हिंदी पट्टी के दर्शक रीमेक फिल्मों को बड़े चाव से देखते थे. अब इंटरनेट और ओटीटी का युग है. लोग रीमेक से पहले मूल फिल्म देख चुके होते हैं. यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में सबसे ज्यादा रीमेक फिल्में ही फ्लॉप हुई हैं. उदाहरण के लिए इस साल रिलीज हुई सलमान खान की किसी का भाई किसी की जान, अजय देवगन की भोला और कार्तिक आर्यन की शहजादा का हश्र देख लीजिए. तीनों बड़े सुपर सितारे की फिल्म होने के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही हैं.

रीमेक फिल्मों की फेहरिस्त में एक नई फिल्म 'यू टर्न' ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर स्ट्रीम हो रही है. ये इस फिल्म की चौथी ऑफिशियल रीमेक है. इसे पहले साल 2016 में कन्नड़ में रिलीज किया किया गया था. पवन कुमार के निर्देशन में बनी कन्नड़ फिल्म में श्रद्धा साईनाथ, रोजर नारायण, राधिका चेतन और दिलीप राज की लीड रोल में हैं. साल 2018 में पवन कुमार ने इसे तमिल और तेलुगू में रीमेक किया था. इस फिल्म में समांथा प्रभु, भूमिका चावला और राहुल रविंद्रन लीड रोल में हैं. मजे की बात ये है कि इसका हिंदी डब वर्जन ओटीटी पर पहले से मौजूद है. इसके बावजूद एकता कपूर की हिम्मत की दाद देनी होगी कि उन्होंने नए कलाकारों के साथ इसके हिंदी रीमेक फैसला किया. इसके निर्देशन की बागडोर उन्होंने आरिफ खान को सौंपी. साथ ही परवेज शेख और राधिका आनंद को पटकथा और संवाद की जिम्मेदारी दी गई.

650_042923070403.jpgअलाया फर्नीचरवाला की फिल्म 'यू टर्न' ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर स्ट्रीम हो रही है.

हॉरर और थ्रिलर फिल्में दर्शकों को हमेशा पसंद आती रही हैं. इन्हीं दोनों तत्वों को लेकर फिल्म 'यू टर्न' बनाने की कोशिश की गई है. फिल्म कहीं-कहीं रोमांचित भी करती है. लेकिन बासी कहानी की पृष्ठभूमि पर रची गई दुनिया बहुत जल्दी बोर करने लगती है. कमजोर पटकथा कलाकारों के बेहतरीन अभिनय पर पानी फेर जाता है. आरिफ खान का निर्देशन वास्तव में उतना बुरा नहीं है, लेकिन अलौकिक तत्वों से भरपूर पटकथा उसे लीक से हटकर कुछ भी करने नहीं देती है. 1 घंटा 44 मिनट में फिल्म भले ही खिंची हुई न लगे लेकिन बीच में गति खो देती है. फिल्म में एक भी ऐसे संवाद या वन-लाइनर्स नहीं हैं, जो आपको मजेदार लगते हैं या फिर याद रह पाते हैं. एक लाइन मुश्किल से याद भी है तो उसका कोई मतलब नहीं समझ आता है. जैसे कि मनु ऋषि चड्ढा का किरदार बार-बार कहता है, "ये सब हवाओं का चक्कर है, आपकी और मेरी समझ से परे'.

इन सबके बीच, अलाया फर्नीचरवाला ने दमदार अभिनय प्रदर्शन किया है. इस फिल्म के बाद हाल के दिनों में सबसे होनहार न्यूकमर्स में से एक बन गई हैं. वह आत्मविश्वास से भरी हुई है, कमजोर और मजबूत दोनों दृश्यों में सहज दिखती हैं. उनके अभिनय स्वाभाविक लगता है. वह अपनी बॉडी लैंग्वेज, एक्सप्रेशन और स्क्रीन प्रेजेंस को संतुलित रखती हैं. हालांकि, लीड रोल में होने के बावजूद ऐसी कई जगहें हैं जहां कहानी और बेकार अलौकिक तत्व अलाया के प्रदर्शन पर भारी पड़ते हैं. अलाया के अलावा, एक और परफॉर्मेंस जो वास्तव में सबसे अलग है, वह है मनु ऋषि चड्ढा का. जिस सहजता से वह पर्दे पर अभिनय करते हैं, वह शानदार अभिनय और अनुभव का प्रमाण है. प्रियांशु पैन्यूली अपने अभिनय में गंभीर हैं, लेकिन किरदार की मांग के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाते. आशिम गुलाटी और राजेश शर्मा ने ठीक ठाक अभिनय किया है.

फिल्म 'यू-टर्न' की कहानी के केंद्र में चंडीगढ़ की रहने वाली राधिका बख्शी है. इस किरदार को अलाया फर्नीचरवाला ने निभाया है. राधिकान एक मीडिया कंपनी में इंटर्नशिप कर रही है. इसके साथ ही उन लोगों पर रिसर्च कर रही है, जिनकी मौत एक फ्लाईओवर पर यू-टर्न लेने के बाद हो जाती है. इसी फ्लाईओवर पर राधिका के भाई की भी मौत हुई थी. अपनी रिसर्च के दौरान राधिका एक ऐसे शख्स की मौत के मामले में फंस जाती है, जो यू-टर्न लेने के लिए डिवाइडर ब्लॉक को हटाने का अपराध करता है, फिर घर पहुंचने पर उसकी मौत हो जाती है. पुलिस को लगता है कि ये हत्याएं राधिका कर रही है, इसलिए उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है. लेकिन एक पुलिस अफसर अर्जुन सिन्हा (प्रियांशु पैन्यूली) उसकी मदद करता है. उसके कहने पर यू-टर्न लेने वाले दो लड़कों को गिरफ्तार करके जेल में डाल देता है, ताकि ये पता चले कि ऐसे लोगों की हत्याएं कौन कर रहा है. लेकिन पुलिस लॉकअप में उन दोनों लड़कों की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो जाती है. इसकी वजह से अर्जुन सिन्हा को तत्काल संस्पेड कर दिया जाता है.

पुलिस विभाग से सस्पेंड होने के बाद भी अर्जुन राधिका की मदद करता है. इसके अलावा उसके ऑफिस का एक लड़का आदित्य अय्यर (आशिम गुलाटी) भी उसके साथ आ जाता है. तीनों मिलकर ये पता लगाने में जुट जाते हैं कि आखिर ये हत्याएं कौन कर रहा है. इसी बीच राधिका मां बताती है कि उसके भाई की आत्मा भटक रही है. उससे बात करना चाहती है. सपने में कई बार राधिका को उसका भाई दिखाई देता है. उससे कुछ कहना चाहता है. लेकिन क्या? राधिका क्या फ्लाईओवर पर यू-टर्न लेने की हत्या का राज जान पाएगी, क्या वो अपने दोनों दोस्तों के साथ असली कातिल का पता लगा पाएगी? ये जानने के लिए फिल्म देखनी होगी. 'यू-टर्न' के हिंदी रीमेक एक औसत फिल्म कहा जा सकता है. यदि पटकथा और संवाद पर काम कर लिया जाता, तो निश्चित रूप से ये एक अच्छी फिल्म बन सकती थी. खाली समय होने पर फिल्म देखी जा सकती है.

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