एक फिल्म, जिसकी सभी रीलें संजय गांधी समर्थक उठा लाए थे
ऐसा नहीं है कि अनुराग बासु की फिल्म उड़ता पंजाब को लेकर ही सेंसर बोर्ड ने अजीब रुख अपनाया है. फिल्मों में अश्लीलता और भड़काऊ कंटेंट को रोकने की जिम्मेदारी ओढ़े सेंसर बोर्ड के अतीत में लिए गए कुछ फैसले लिए, जो चौंकाने वाले हैं-
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अनुराग बासु की फिल्म उड़ता पंजाब को लेकर सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने जो रुख अख्तियार किया है, वह अनूठा नहीं है. यह बोर्ड पहले भी अजीबो-गरीब फैसले लेकर चर्चा में आ चुका है.
पंजाब में ड्रग्स को लेकर बिगड़ते हालात पर बनी फिल्म उड़ता पंजाब को सेंसर बोर्ड की अनुमति न मिलने के कारण काफी चर्चा हो रही है. सेंसर बोर्ड के इस रुख के पीछे लोग सियासत देख रहे हैं. क्योंकि, यही बोर्ड रागिनी एमएमएस-2 और ग्रांड मस्ती जैसी फिल्मों को रिलीज की अनुमति देकर सिनेमाघरों तक पहुंचा चुका है. फिल्मों में अश्लीलता और भड़काऊ कंटेंट को रोकने की जिम्मेदारी ओढ़े इस एजेंसी के अतीत में लिए गए कुछ फैसले और भी चौंकाने वाले हैं-
नरगिस ने दुपट्टा नहीं पहना इसलिए बरसात 'वयस्क'
बरसात(1951) |
1951 में आई बरसात को सेंसर बोर्ड ने 'ए'(वयस्क) श्रेणी में डाल दिया था. सिर्फ इसलिए कि फिल्म के कुछ सीन में नरगिस बिना दुपट्टा पहने नजर आ रही थीं.
वहीदा की आंखें नशीली इसलिए चौदवीं का चांद गाना 'वयस्क'
चौदवीं का चांद(1961) |
1961 में आई चौदवी का चांद. उन दिनों कलर फिल्मों का चलन शुरू हुआ था. गुरुदत्त ने अपनी इस फिल्म का टाइटल गीत कलर में फिल्माया. इस गाने के एक सीन पर सेंसर बोर्ड ने आपत्ति ले ली. वहीदा रहमान के चेहरे को नजदीक से फिल्माए गए इस सीन पर बोर्ड का कहना है था कि वहीदा की आंखें लाल नजर आने से वह उत्तेजित कर रही हैं. बोर्ड के इस फैसले पर गुरुदत्त ने काफी बहस की और सेट पर आकर हंसते हुए सिर्फ यही कहा- ये सेंसर वाले भी ना...
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शक हुआ कि आंधी इंदिरा पर बनी इसलिए फिल्म बैन
आंधी(1975) |
1975 में आई फिल्म आंधी को सेंसर बोर्ड ने बैन कर दिया. चर्चा थी कि फिल्म की कहानी इंदिरा गांधी के जीवन को चित्रित करती है. लेकिन इसी फिल्म को 1977 में आई जनता सरकार के शासन में पास भी कर दिया गया.
सिक्ख दंगों पर बनी 'हवाएं' बोर्ड से पास, सरकारों की नजर में फेल
हवाएं(2003) |
2003 में सिक्ख दंगों की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म हवाएं को सेंसर बोर्ड ने पास तो कर दिया, लेकिन दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हरियाणा में इसे दिखाने की अनुमति नहीं दी. जबकि यहीं उन दंगों के सबसे ज्यादा पीडि़त रहते हैं.
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नग्नता भी एक आर्ट है, इसलिए रंग रसिया 'ओके'
रंग रसिया(2014) |
चित्रकार राजा रवि वर्मा के जीवन पर बनी फिल्म रंग रसिया को सेंसर बोर्ड ने पिछले साल बिना आपत्ति लिए पास कर दिया. इस फिल्म के एक सीन में तो अभिनेता रणदीप हुड्डा और अभिनेत्री नंदना सेन को पूरी तरह नग्न दिखाया गया है. बोर्ड का कहना था कि उसको इस नग्नता में आर्ट दिखाई दिया है.
...और एक फिल्म जिसकी सारी रील संजय गांधी समर्थक उठा ले गए
किस्सा कुर्सी का(1977) |
फिल्म किस्सा कुर्सी का प्ररदर्शित न हो पाना सेंसर बोर्ड के कामकाज में राजनीतिक दखल का सबसे बड़ा उदाहरण है. इमरजेंसी के दौर में कांग्रेस सरकार के तौर-तरीकों पर कटाक्ष करती हुई यह फिल्म 1977 में जब मंजूरी के लिए सेंसर बोर्ड के दफ्तर पहुंची तो संजय गांधी के समर्थक इस फिल्म की सभी रीलें ही उठा ले गए और उसे जला दिया. यह फिल्म बाद में दोबारा बनाई गई.
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