उंचाई 500 से भी कम स्क्रीन्स पर आ रही है, बिजनेस फ्रंट पर बॉलीवुड की एक तकलीफ यहां से भी समझिए!
ऊंचाई के सामने हॉलीवुड की ब्लैक पैंथर है. सामंथा की यशोदा भी. इसके अलावा सिनेमाघरों और ओटीटी पर शुक्रवार को कुल आधा दर्जन फ़िल्में आ रही हैं. ऐसे में सवाल है कि बॉक्स ऑफिस पर क्या होगा? ऊंचाई की कारोबारी राह फिलहाल तो बहुत मुश्किल दिख रही है और दर्शकों का कोई दोष नहीं है.
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बॉलीवुड के लिए पिछले शुक्रवार की तरह नवंबर महीने का दूसरा शुक्रवार भी हाहाकारी साबित हो सकता है. पिछले हफ्ते तीन फ़िल्में एक साथ रिलीज हुई थीं. फ़िल्में थीं- मिली, फोन भूत और डबल एक्सल. दुर्भाग्य से तीनों फ़िल्में बहुत बुरी तरह फ्लॉप साबित हुईं. ऊंचाई को राजश्री प्रोडक्शन ने बनाया है. राजश्री प्रोडक्शन भारतीय मूल्यों पर आधारित फ़िल्में बनाने के लिए मशहूर है. ऊंचाई भी उन्हीं में से एक दिख रही है. यह चार दोस्तों की एक भावुक कहानी है. इसमें अमिताभ बच्चन, अनुपम खेर, बोमन ईरानी, डैनी, परिणिति चोपड़ा, सारिका और नीना गुप्ता ने अहम भूमिकाएं निभाई हैं. बॉक्स ऑफिस के लिहाज से ऊंचाई बॉलीवुड के लिए कितनी फायदेमंद होगी इस पर प्रश्नचिन्ह है.
ऊंचाई राजश्री प्रोडक्शन के 75 साल के मौके पर रिलीज किया जा रहा है. इस वजह से भी यह एक ख़ास फिल्म बन गई है. लेकिन रिलीज से पहले अमिताभ की फिल्म को लेकर जो रिपोर्ट्स हैं उन्हें बहुत अच्छा तो नहीं कहा जा सकता. इसे भले यशराज फिल्म्स डिस्ट्रीब्यूट कर रहा है, मगर सिनेमाघरों में फिल्म की अकुपेंसी बेहद खराब है. बॉलीवुड हंगामा ने एग्जिबिशन सोर्सेज के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि फिल्म को महज 450-475 स्क्रीन्स ही मिल पाएंगी. कहा यह भी जा रहा है कि शोज भी 11 बजे के आसपास शुरू हो पाएंगे. कारोबारी लिहाज से इन्हें शुभ तो नहीं कहा जा सकता.
ऊंचाई में अमिताभ बच्चन.
झुंड और चेहरे का कारोबार ऊंचाई के भविष्य को दिखा रहा है
सोचने वाली बात है कि 500 से कम स्क्रीन्स पर दिखाई जा रही फिल्म आखिर में टिकट खिड़की पर कितना कलेक्शन निकाल पाएगी? हालांकि अभी पहले दिन को लेकर फिल्म से जुड़े कलेक्शन के बहुत व्यवस्थित कारोबारी आंकड़े नहीं आए हैं. लेकिन अमिताभ की पिछली फिल्मों का हाल देखें तो ऊंचाई को सिनेमाघरों में सबसे कम स्क्रीन मिलता नजर आ रहा है. यहां तक कि अमिताभ की झुंड जैसी नॉन कॉमर्शियल फिल्म ने भी 1200 स्क्रीन्स पाए किए थे.
चेहरे को भी करीब करीब एक हजार स्क्रीन्स मिले थे. झुंड ने मात्र 1.38 करोड़ और चेहरे ने मात्र 40 लाख की ओपनिंग हासिल की थी. चेहरे, कोविड के खराब माहौल में आई थी. दोनों फिल्मों की स्क्रीन के अनुपात में ऊंचाई का कारोबारी आंकड़ा डराने वाला है. फिल्म के लिए अच्छी बात सिर्फ यही है कि इसे बॉलीवुड के ब्लॉकबस्टर निर्देशन और बैनर ने बनाया है. जिनकी फिल्मों ने बॉलीवुड में अपने मूल्यों पर फ़िल्में बनाने के बावजूद कमाई के कीर्तिमान बनाए हैं.
शुक्रवार को आधा दर्जन से ज्यादा फ़िल्में
ऊंचाई की दिक्कत यह भी है कि सिनेमाघरों और ओटीटी पर उसके सामने कुछ और दमदार फ़िल्में हैं. इनमें हॉलीवुड की ब्लैक पैंथर भी शामिल है. बुधवार तक ही फिल्म के 75 हजार टिकट एडवांस में बिक चुके हैं और अनुमान है कि यह पहले दिन 12-14 करोड़ रुपये की कमाई कर सकती है. देसी टिकट खिड़की पर ब्लैक पैंथर का वर्चस्व साफ़ नजर आ रहा है. मनोज बाजपेयी के साथ द फैमिली मैन में सामंथा ने हिंदी दर्शाकों को लाजवाब कर दिया था. सरोगेसी पर बनी उनकी यशोदा को भी ऊंचाई के सामने रिलीज किया जा रहा है. फिल्म को तेलुगु के अलावा हिंदी समेत कई भाषाओं में रिलीज किया जा रहा है.
तीन नई फ़िल्में आ रही हैं. और पहले से ही सिनेमाघरों में कई फ़िल्में चल रही हैं. फिल्मों की रेलमपेल का बुरा नतीजा इस हफ्ते भारतीय सिनेमा कारोबार पर पड़ सकता है. ऊंचाई या दूसरी फिल्मों के बीच स्क्रीन्स की मारामारी को लेकर जो हालात बने हैं उन्हें समझना मुश्किल नहीं है. इन फिल्मों के अलावा ओटीटी पर जो बड़ी फिल्म आ रही है उसमें थ्रिलर ड्रामा- मोनिका ओ माई डार्लिंग भी शामिल है. इनके अलावा राकेट गैंग, करतूत, बाल नरेन जैसी आधा दर्जन से ज्यादा फ़िल्में सिनेमाघर और ओटीटी पर हैं. अब सोचने वाली बात है कि दर्शक किन फिल्मों को देखना पसंद करेगा. कुल मिलाकर बर्बादी के सूरत-ए-हाल साफ़ नजर आ रहे हैं.
बॉलीवुड फिल्मों के खिलाफ जिस तरह का माहौल बना है, उसमें अमिताभ बच्चन की फिल्म का कारोबारी भविष्य बहुत निश्चित तो नहीं कहा जा सकता. यह कैसा होगा देखने वाली बात होगी. बॉलीवुड को चाहिए कि वह इसका समाधान जल्द निकाले. वर्ना तमाम चीजें तो उसके पक्ष में नहीं कही जा सकती.
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