Vikas Dubey web series: कानपुर वाले गैंग्स्टर की मिस्ट्री से पर्दा हटाएंगे हंसल मेहता
कानपुर के गैंग्स्टर विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) की ज़िंदगी और कानपुर एनकाउंटर (Kanpur Encounter) पर वेब सीरीज (Web Series On Vikas Dubey) बनने की शुरुआत हो चुकी है. ओमेर्ता, शाहिद और अलीगढ़ जैसी फिल्म बना चुके मशहूर डायरेक्टर हंसल मेहता इसकी कहानी लिख रहे हैं.
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कानपुर के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की आपराधिक, राजनीतिक जीवन और कानपुर पुलिस एनकाउंटर वाली घटना पर वेब सीरीज बनने वाली है, जिसका निर्देशन करने वाले हैं नैशनल अवॉर्ड विनिंग डायरेक्टर हंसल मेहता. बीते 3 जुलाई को उत्तर प्रदेश के कानपुर में घात लगाकर 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद विकास दुबे अचानक से नेशनल सेंसेशन बन गया था. कड़ी मशक्कत के बाद हफ्ते बाद वह पुलिस के हाथ लगा था और 10 जुलाई को उसका एनकाउंटर हो जाता है. इस पूरे घटनाक्रम के साथ ही विकास दुबे की ज़िंदगी पर आधारित वेब सीरीज की कहानी लिखने का काम शुरू हो गया है और खुद हंसल मेहता इसकी कहानी लिख रहे हैं. हंसल मेहता के साथ कई फ़िल्मों में काम कर चुके शैलेश आर. सिंह गैंगस्टर विकास दुबे पर बन रही वेब सीरीज को प्रोड्यूस करेंगे.
बीते सोमवार को हंसल मेहता ने ट्वीटर कर जानकारी दी कि कानपुर के गैंग्स्टर विकास दुबे की ज़िंदगी और उसके साथ घटे घटनाक्रमों पर वह कहानी लिख रहे हैं, जो कि पॉलिटिकल थ्रिलर होगी. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि विकास दुबे पर आधारित वेब सीरीज में दिखाया जाएगा कि किस तरह राजनेता, पुलिस और गैंग्स्टर एक साथ मिलकर गुट बनाते हैं, जिसमें अपराधी समाज में डर का कारोबार फैलाते हैं, राजनेता सफेद पोशाक में लोगों को बरगलाते हैं और कुछ पुलिसकर्मी अपराधियों को संरक्षण देने के साथ ही गैंग्स्टर और राजनेताओं के खिलाफ उठ रही आवाज को डंडे के बल पर शांत करते हैं. कुल मिलाकर यही पता चल रहा है कि गैंग्स्टर विकास दुबे एनकाउंटर के बाद जिस तरह राज दफ्न हो गया, अब हंसल मेहता इस कहानी में थोड़ी काल्पनिकता मिलाकर दर्शकों के सामने ऐसी वेब सीरीज पेश कर रहे हैं, जिसमें भ्रष्ट नेताओं, अपराधियों और गुंडागर्दी करने वाले करप्ट पुलिसकर्मियों की पोल खुलेगी. विकास दुबे एनकाउंटर के बाद कयास लगने लगे थे कि अनुराग कश्यप, तिग्मांशु धूलिया जैसे डायरेक्टर जरूर इसपर फ़िल्म या वेब सीरीज बनाने की पहल करेंगे और अब हंसल मेहता के रूप में फिल्म इंडस्ट्री के एक बड़े चेहरे ने गैग्स्टर विकास दुबे पर वेब सीरीज बनाने की घोषणा की है.
Development begins soon. @ShaaileshRSingh thank you for this... https://t.co/zrEtC5F2Aw
— Hansal Mehta (@mehtahansal) August 10, 2020
दिखेगी हकीकत, कई राज खुलेंगे
हंसल मेहता ने गैंग्स्टर विकास दुबे से जुड़ी वेब सीरीज के बारे में बस इतना ही बताया है कि यह मौजूदा समाज की कड़वी सच्चाई दुनिया के सामने पेश करेगी, जिसे देश दर्शक हैरान होंगे और सोचने पर मजबूर होंगे कि उनके आसपास कैसी-कैसी चीजें घटित हो रही हैं, जिनसे वह अंजान हैं और उन्हें किसी बड़े खेल में मोहरा बनाया जा रहा है. विकास दुबे ने अपने गांव बिकरू के लोगों को भी मोहरा ही बनाया था और उनकी आड़ में 30 साल से ज्यादा समय तक उसने जुर्म और खौफ का कारोबार किया. हंसल मेहता जिस तरह के निर्देशक हैं और पहले उन्होंने जिस तरह अपनी फ़िल्मों और वेब सीरीज में बारीकी से काम किया है, इससे दर्शकों में उम्मीद बन गई है कि वह विकास दुबे की जुर्म की दुनिया और राजनेताओं समेत पुलिस से उसकी साठगांठ की पोल जरूर खोलेंगे, भले कुछ काल्पनिक कहानियां ही क्यों न इसमें बुनी जाए.
विकास दुबे पर बनने वाली वेब सीरीज के प्रोड्यूसर शैलेश आर. सिंह ने कहा है कि मैं न्यूज एजेंसी और मीडिया समेत अन्य सोर्स से विकास दुबे की कारस्तानी और उसके एनकाउंटर से जुड़ी हर छोटी-बड़ी डिटेल फॉलो कर रहा हूं. कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर विकास दुबे जिस तरह फरार हुआ और 7 दिन बाद उसने नाटकीय तरीके से मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में आत्मसमर्पण किया और उसी दिन उसका एनकाउंटर हो जाता है, इससे वाकई सभी के दिमाग में उलझन होती है कि यह तो बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में हो गया और सारे राज दब गए. शैलेश ने कहा कि विकास दुबे घटनाक्रम जिस तरह से सामने आए और उसका अंजाम जैसे हुआ, इस पर वाकई वेब सीरीज बननी चाहिए और दुनिया इसे देखने के लिए काफी उत्साहित है.
ये है गैंग्स्टर विकास दुबे की कहानी
उल्लेखनीय है कि कानपुर समेत पूरा देश 3 जुलाई की सुबह यह खबर सुनकर स्तब्ध हो गया था कि कानपुर के एक लोकल गैंग्स्टर विकास दुबे ने पूछताछ के लिए आई पुलिस टीम पर घात लगाकर हमला किया और 8 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया. इस घटना के बाद लोगों को विकास दुबे की जुर्म की दुनिया और उसके सिर पर राजनेताओं समेत पुलिस अधिकारियों के हाथ होने की बात सामने आई. हालांकि सारे नाम अटकलों तक सीमित हो गए. 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद विकास दुबे फरार हो गया और अगले 7 दिन तक यूपी, दिल्ली, हरियाणा में घूमता रहा. एसआईटी समेत यूपी के हजारों पुलिसकर्मी विकास दुबे की तलाश में लगे रहे, लेकिन सफल नहीं हुए. इस बीच यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की जमकर भर्त्सना हुई और लोगों ने जंगलराज आने तक के आरोप लगा दिए. इस मामले में खूब राजनीति भी हुई. 9 जुलाई की सुबह मध्य प्रदेश के उज्जैन में विकास दुबे ने नाटकीय तरीके से सरेंडर किया. उसके बाद यूपी सरकार उसे उज्जैन से कानपुर लाने गई. 10 जुलाई तड़के यह खबर फैलती है कि विकास दुबे की गाड़ी कानपुर से कुछ किलोमीटर पहले पलट गई और वह पुलिसकर्मी की पिस्तौल लेकर भागने लगा. यूपी पुलिस ने उसे चेतावनी दी तो उसने पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की. जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे मारा गया. इस मामले को लेकर यूपी सरकार के मंशे पर सवाल उठे, लेकिन हुआ कुछ नहीं. विकास दुबे अपने साथ सारे राज ले गया और बच गए कई लोग, जो आज चैन की नींद ले रहे होंगे.
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