फवाद खान क्यों बन गए हैं लड़कियों की नई चाहत !
फवाद खान नए फेवरेट हैं. पाकिस्तान से चल रही तकरार में भारतीय लड़कियों का एक ग्रुप पूरी ताकत के साथ लगा हुआ कि फवाद को भारत से मत जाने दो.
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सीना तानकर चलना. बिंदास बोलना. ठहाके लगाकर हंसना. अपने बाइसेप्स को देखते रहना और मौका मिलने पर इंची टेप लेकर सीना नापने लग जाना. मोटरसाइकिल पर दनदनाते गुजर जाना. गर्लफ्रेंड को छेड़ने वाले को छटी का दूध याद दिलाने की कोशिश करना. अगर आप में यह सारी क्वालीटीज हैं या इनमें से कुछ हैं तो आपके किसी लड़की के दिल में उतरने की संभावनाएं बेहद कम हो जाती हैं क्योंकि इस तरह के "माचो मैन" अब ट्रेंड में नहीं है. इस तरह के लोगों का हश्र रांझणां के धनुष जैसा ही होता है.
अब ट्रेंड में नहीं हैं 'माचो मैन' |
बेशक यह बात जियालों को थोड़ी खराब लग सकती है. जिम में कसरत कर रहे और सलमान खान की फोटो लगाकर डिप्स पेल रहे, बांकों को निराशा की दहलीज पर ले जा सकती है. पर क्या करें यह सच है. अब किसी लड़की का दिल जीतने के लिए आपको “हार्ड” होने की जरूरत नहीं. आप जितने “सॉफ्ट” होंगे, लड़की के दिल में उतरने की संभावना उतनी ही ज्यादा रहेगी.
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सजीले बांकों का प्रतिनिधित्व करने वाले सलमान खान बॉलीवुड के आखिरी माचो हीरो हो सकते हैं क्योंकि बॉलीवुड में "सॉफ्ट हीरो" की संख्या बढ़ती जा रही है. जिनमें एक नाम पाकिस्तान के फवाद खान का लिया जा सकता है.
सॉफ्ट हीरोज की संख्या बढ़ती जा रही है |
आज पाकिस्तानी कलाकारों को वापस उनके देश भेजने की बात हो रही है लेकिन फवाद की दीवानगी की उनको चाहने वाली फीमेल्स में बरकरार है. अभी कुछ दिन पहले की ही बात है. फवाद की झलक “ऐ दिल है मुश्किल” में नजर आई तो दो लड़कियों को बतियाते देखा, “बंदा मस्त है, ब्यूटी विद ब्रेन है! स्माइल तो बहुत ही क्यूट है...”
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पकड़ने वाली बात थी, ब्यूटी विद ब्रेन! शायद यह जुमला ब्यूटी कॉन्टेस्टेंट, बॉलीवुड या कई अन्य मौकों पर हसीन और समझदार लड़कियों के बारे में कहा जाता था. बदलते दौर के साथ शब्दों और जुमलों के मायने भी बदल गए हैं. यह जुमला अब लड़कों पर भी चलने लगा है.
वैसे महिलाओं के सशक्त होने की वजह से उनकी पसंद भी बदली है. वे खुद उन शौकों से जुड़ी हैं जो किसी समय सिर्फ पुरुष की ही बपौती थे. ऐसे में उनके एहसास भी बदले हैं. अब वे खुद ऑफिस में काम कर रही हैं. रोजाना का तनाव झेल रही हैं. अपनी कामयाबी का सबब खुद बन रही हैं. ऐसे में वे खुद काफी“हार्ड” हो गई हैं. उन्हें एक ऐसे साथी और चेहरे की तलाश रहती है, जो सॉफ्ट हो. क्यूट हो और जिसकी एक मुस्कान दिन भर की थकान निकाल दे. बिल्कुल सॉफ्ट टॉय की तरह.
अब मैच्योरनेस पहली पसंद है |
वैसे भी वह जमाने लद चुके हैं जब बच्चे के पैदा होने पर बॉलीवुड में उसके सीने पर मर्द लिख दिया जाता था. अब पुरुष इतना दर्द सहने वाले नहीं रहे हैं, और उनमें भी भावनाएं गहरे तक समा गई हैं. फवाद का सॉफ्ट चेहरा, सॉफ एटीट्यूड और मुस्कान रटे-रटाए भारतीय पुरुष से अलग है. यह सब एक ऐसे पुरुष की ओर इशारा करती है जो अपने चेहरे से संवेदनशील नजर आता है, ज़हीन दिखता है और वादे का पक्का नजर आता है, उसके साथ ही वह अदब और तहजीब में भी गले तक डूबा हो. बस यही एलीट लुक और डेडली बन जाता है. फवाद के मामले में यह कुछ ऐसा ही है.
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उनका "हमसफर" जब टीवी पर आया तो घर पर रहने वाली हाउसवाइव्ज उनके मोहपाश में फंस गईं. यह सॉफ्ट लुक और सॉफ्ट स्पोकन शख्स उनकी फैंटसी का हिस्सा बन गया. हाउसवाइव्ज को जब पता चला कि वे शादीशुदा हैं तो उनकी फैंटसी में और तहलका मच गया. एक शख्स जो उनके जैसा ही है. इसने भी उनके महिला फैन्स को बनाने में काफी मदद की. जब परिवार के और सदस्य उसके संपर्क में आए तो उन्होंने सबको अपनी जद में ले लिया. वैसे भी अब वे दिन लद चुके हैं जब लड़कियां चॉकलेटी बॉयज पर मरा करती थीं. अब मैच्योरनेस पहला फंडा बन चुका है. फवाद उस कसौटी पर भी एकदम खरे उतरते हैं.
टीवी शो 'हमसफर' का एक दृश्य |
वैसे सॉफ्ट मैन की छवि अब टीवी विज्ञापनों पर भी देखी जा सकती है, जहां पर एक पति अपने नाम में पत्नी का नाम लगाने में कोई झिझक महसूस नहीं करता, और एक पुरुष अपने नवजात को हाथों में लेता है तो उसकी आंखें नम-सी हो जाती हैं. वाकई यह बदलते दौर की हवा ही है चॉयसेज में लेकर बड़ा बदलाव आ रहा है. तभी तो हैप्पी भाग जाई का अभय देओल लड़कियों का पसंदीदा है क्योंकि वह प्यार किसी और से करते हुए भी शादी किसी और से कर लेता है, और अपने माशूक का फैन बनकर रह जाता है और वह भी हंसते-हंसते...
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