कौन शाहरुख खान? KGF के नाम पर पठान के प्रमोशन में उड़ाई गई अफवाह, निकला वर्ल्ड बेस्ट जोक!
केजीएफ़ के नाम पर शाहरुख खान और पठान को लेकर खूब प्रमोशनल अफवाह उड़ाई गई. केजीएफ के निर्माता से जब अफवाहों से जुड़े सवाल हुए उन्होंने खारिज कर दिया और कहा कि पठान का दक्षिण के सिनेमा पर कोई असर नहीं पड़ने जा रहा है. बयान शाहरुख के कुछ प्रशंसकों को शर्मसार करने वाला है.
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यूं तो आईचौक ने ग्लोबल सिनेमा की एक कालजयी कृति "पठान" की मार्केटिंग और प्रमोशन कला की खूबियों पर केंद्रित कई विश्लेषण किए हैं. किस तरह फिल्म का प्रचार प्रसार किया गया. और अभियान चलाए गए- यह कोई रहस्य नहीं रहा. समय के साथ अब धीरे-धीरे अंदर की चीजें निकलने लगी हैं. शाहरुख खान की पठान को लेकर केजीएफ निर्माता का एक स्टेटमेंट भी सामने आया है- जिसकी वजह से शाहरुख और पठान जाने अनजाने हंसी का विषय साबित हो रहे हैं. असल में सोशल मीडिया और इंटरनेट पर तमाम सेलिंग कीवर्ड के जरिए पठान का प्रमोशन किया गया.
इसमें दक्षिण का खूब सहारा लिया गया. एक तरह से शाहरुख ने सबसे पहले अपना अभियान तमिल सिनेमा और फिल्ममेकर्स के जरिए ही शुरू किया था. इसमें उसनके काम आए थे एटली. एटली के साथ शाहरुख जवान कर रहे हैं. रिलीज से बहुत पहले शाहरुख ने तमिल एक्टर्स के बेस को अपने साथ जोड़ने का अभियान शुरू किया था. विस्तार से समझना हो तो अक्टूबर 2022 की में पब्लिश हुई आईचौक के विश्लेषण में पढ़ लें. पठान के प्रमोशन में दक्षिण का खूब इस्तेमाल हुआ है.
पठान. फोटो-YRF
केजीएफ के नाम पर पठान की खूब मार्केटिंग हुई, निर्माता ने हवा निकाली
यहां तक कि शाहरुख के मीडिया कैम्पेन भी उसी को फोकस करते दिखा. खासकर केजीएफ के नाम पर पठान की खूब मार्केटिंग की गई. कभी इसे केजीएफ़ 2 की तरह मास एंटरटेनिंग फिल्म बताई गई. बॉक्स ऑफिस के अनुमानों में भी केजीएफ 2 को पछाड़ने की तुलनाएं सामने आई. यह दूसरी बात है कि केजीएफ 2 से ज्यादा स्क्रीन्स और विदेशी बॉक्स ऑफिस पर सपोर्ट के बावजूद पठान केजीएफ 2 के नजदीक कभी नहीं दिखीं. पठान की रिलीज के बाद इस तरह के कैम्पेन भी दिखे कि शाहरुख की साउथ में बहुत डिमांड है. हर कोई उन्हें साइन करना चाहता है.
सोशल मीडिया पर शाहरुख के समर्थक समूहों ने ऐसी ख़बरों को खूब हवा दी. इसमें से एक खबर तो सीधे सीधे केजीएफ 2 के मेकर्स से जुड़ी थी. दावा किया गया केजीएफ 2 के मेकर्स पठान और शाहरुख के ऐतिहासिक काम से इतना प्रभावित हुए कि उन्हें फिल्म ऑफर की है. कहा गया कि विजय किर्गंदुर ने शाहरुख के साथ हिंदी फिल्म बनाना चाहते हैं. एक इंटरव्यू में उन्होंने इस मसले पर जो जवाब दिया वह असल में शाहरुख को मजाक का विषय बना गया और उनके समर्थकों के फैन्स की तरफ से चलाए गए फर्जी कैम्पेन पर सवाल खड़े कर दिए गए हैं.
सवाल- पठान दक्षिण के सिनेमा को प्रभावित करेगा, जवाब मिला बिल्कुल नहीं
विजय ने कहा- किसी भी फिल्म के लिए ना तो शाहरुख खान से बात की गई है और ना ही उनकी टीम में किसी से. उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी की उनके पास कोई बेहतरीन स्क्रिप्ट ही नहीं है. पठान को लेकर विजय ने एक और मजेदार बात कही जिस पर ध्यान देना चाहिए. जब उनसे पूछा गया कि क्या पठान की कामयाबी का दक्षिण के सिनेमा पर कोई प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा- मुझे नहीं लगता कि यह किसी भी फिल्म इंडस्ट्री को प्रभावित करेगा. यह जरूर है कि निर्माता पठान की सक्सेस के बाद और अच्छी फिल्म बनाने की कोशिश करेंगे. यही बॉलीवुड और साउथ के लिए अच्छा है.
एक तरह से देखा जाए तो पठान को लेकर जो हवा हवाई तारीफों के पुल बांधे गए हैं- विजय ने उसकी ज्यादा कुछ कहे बिना उसकी धज्जियां उड़ा दी और उसे एक सतही फिल्म ही करार दिया. साफ़ है कि पठान और शाहरुख को लेकर केजीएफ मेकर की राय शाहरुख के तमाम प्रशंसकों और पठानिया पत्रकारों के गाल पर तीखा तमाचा है. यह बिल्कुल वैसे ही है जैसे नरेंद्र मोदी के सगठ निगेटिव अभियान में पहले पठान के पक्ष में ध्रुवीकरण की कोशिशें की गई. इसके बाद जब मोदी ने एक बैठक के दौरान पठान के बायकॉट कैम्पेन का विरोध किया तो पठान के उन्हीं समर्थकों ने फिल्म का प्रमोशन मोदी के नाम से भी करने में कोई संकोच नहीं दिखाया.
यहां तक कि सरकार से रामचरित मानस एडिट करवाने की मांग करने वाले समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने भी पठान की सक्सेस को मोदी की हार बताया और इसे भारत में आम जनता की जीत करार दिया गया. अखिलेश को लोग सलाह भी दे रहे हैं कि वे शाहरुख को अपनी पार्टी में शामिल कर 2024 में मोदी को हराने का पुनीत कार्य करें.
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