धाकड़ गर्ल कंगना रनौत के बहाने रामू ने रितिक-टाइगर को औसत से भी खराब माना!
राम गोपाल वर्मा (Ram Gopal Verma) ने जिस तरह धाकड़ के बहाने कंगना रनौत (Kangan Ranaut) की तारीफ़ के साथ बॉलीवुड के सबसे बड़े एक्शन स्टार में शुमार टाइगर श्रॉफ (Tiger Shrof) और रितिक रोशन (Hrithik Roshan) के मजे लिए हैं वह सच में बहुत यूनिक है. हालांकि धाकड़ के विजुअल दमदार भी दिख रहे हैं.
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जैसे बॉलीवुड की लंका लगाने के लिए हर कोई इंतज़ार में बैठा हो. जैसे बॉलीवुड की हालत देश के मुस्लिम पॉलिटिक्स की तरह हो गई हो. पीड़ित की बात कोई सुनने को तैयार नहीं. उसके बारे में राय पहले से तैयार है. लोग उसे मौका भी नहीं देना चाहते कि कोई नई राय बनाए. पक्ष-विपक्ष सब बस मजे लेने पर तुले हैं. सब मजे ले रहे हैं. किसी ने नहीं सोचा कि खामखा बिना तैयारी के भी कहीं बुलडोजर क्यों पहुंच रहा है. बस्स...एक मौका तो मिले, बस एक मौका. नागरिकता क़ानून, हिजाब, बुरका, ट्रिपल तलाक के बाद बुलडोजर धर्म-जाति से परे नया मौका है जो आजकल खूब निकल रहा है. बॉलीवुड को लेकर उसके अंदर बाहर भी कुछ ऐसा ही है.
जैसे ही वो मौका आता है "सौतिया डाह" में बॉलीवुड को सार्वजनिक तमाचे मारे जाते हैं. साउथ की फिल्मों, किच्चा सुदीप, चिरंजीवी या महेश बाबू के हमले तो समझ आते हैं. मगर जब बॉलीवुड के ही बहानों से बॉलीवुड पर ही दनादन तमाचे जड़े जाए तो सोचना पड़ता है कि असल में- "बर्बाद गुलिस्तां करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था, हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्तां क्या होगा." बॉलीवुड की तमाम प्रताड़ित आत्माएं आजकल इंतज़ार करती हैं और उन्हें पहले से ही दर्द से कराह रहे बॉलीवुड को "सडेस्टिक पेन" देने में मजा आता है.
धाकड़ में कंगना.
पाषाण काल के मानव सभ्यता से लेकर आधुनिक समय तक जितनी भी गुफा चित्र, किस्से, नाटक और सिनेमा बना होगा उसमें सबसे निकृष्टतम "आग" जैसी आधा दर्जन फ़िल्में बनाने वाले राम गोपाल वर्मा भी बॉलीवुड की लेते रहते हैं. उन्हें ताजा मौका कंगना रनौत की एक्शन एंटरटेनर 'धाकड़' के दूसरे ट्रेलर ने दे दिया है. एक तरफ रणवीर सिंह की जयेश भाई जोरदार सिनेमाघरों में रिलीज होते ही आख़िरी सांस गिन रही. उसका ट्रेड रिपोर्ट बहुत खराब आ रहा है. वहीं दूसरी तरफ धाकड़ के बहाने राम गोपाल वर्मा यानी रामू का कमेंट बॉलीवुड की छाती पर मूंग दलने से कम नहीं माना जाना चाहिए.
रामू ने कंगना की फिल्म का ट्रेलर साझा करते हुए ट्विटर पर लिखा- "Ohhhhhhh F…CKKKK कंगना रनौत तो टाइगर श्रॉफ प्लस ऋतिक रोशन से भी 10 गुना ज्यादा शानदार और पावरफुल लग रही हैं." रामू का मजा देखिए कि उन्होंने दोनों सितारों को साधिकार टैग भी किया. किसलिए. चिढ़ाने के लिए. दोनों को बॉलीवुड का सबसे बड़ा एक्शन स्टार माना जाता है. यह तो रामू का टोंट ही है बॉलीवुड पर बॉलीवुड के बहाने. क्योंकि वो अपने तमाम ट्वीटस में बॉलीवुड को दक्षिण की फिल्मों केजीएफ़ 2 और आरआरआर के बहाने चिढ़ाते ही रहते हैं. कभी कमजोर कलेक्शन के बहाने कभी धाकड़ की तरह.
Ohhhhhhh F…CKKKK #kanganaRanaut is looking @iTIGERSHROFF plus @iHrithik multiplied by 10 ??? ??? https://t.co/04dkbYoPp2
— Ram Gopal Varma (@RGVzoomin) May 13, 2022
बॉलीवुड को उसके ही हथियार से चिढ़ाने का मतलब क्या है?
तो घृणा बॉलीवुड नहीं, बल्कि उसके सिस्टम में कभी खुद को सताया महसूस करने वालों की निजी तकलीफ, आग बनकर बरस रही है. बॉलीवुड के जमे जमाए साहूकारों को लेकर नाराजगी हैं. बड़े-बड़े सितारे जिन्हें स्टारडम का नशा था और जिस नशे में सबकुछ तय करते थे अब उन्हें सामूहिक नफ़रत का सामना पड़ रहा है. गुस्सा निकालने वाले बॉलीवुड के अंदर भी हैं और बाहर भी हैं. बॉलीवुड की किसी फिल्म ने ठीक ठाक कमाई नहीं की, तब भी उनपर "सौतिया डाह" (सौतन को लेकर जो ताने दिए जाते हैं) में ताने कसे जाएंगे और हिंदी में किसी दूसरी भाषा की डब फिल्म ने कमाई कमाई कर ली तो उसके भी बहाने यही सब होगा.
कंगना भी तो बॉलीवुड की ही हैं, मगर वे भी लंका लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ती. अभी एक दिन पहले ही उन्होंने धाकड़ पर अमिताभ बच्चन के ट्वीट करने और फिर उसे डिलीट करने को लेकर बॉलीवुड पर तंज कसा था. सलमान खान ने लंबे अरसे बाद तारीफ़ की. कंगना ने बदले में उनकी वाहवाही की और बताया कि जब दबंग भाई साथ है तो वो भला बॉलीवुड में अकेले कैसे हो सकती हैं. पता नहीं तारीफ़ सलमान ने स्वयं की इच्छा से की या इस डर में कि कहीं कंगना का ताप उनपर भी आग बन ना बरस पड़े. वैसे भी सलमान के बारे में मशहूर है कि करण जौहर के बाद यहां वही हैं जो फ़िल्मी सितारों के तमाम बेटे बेटियों को फ़िल्में देकर उनका बेड़ा पार लगाने के लिए जाने जाते हैं. कुल मिलाकर मामला एक ही घर के बच्चों का कार में विंडो सीट पर कब्जे के रूप में दिख रही है. विंडो सीट सबको चाहिए. अब उनको तो जरूर चाहिए जिन्हें दबाकर विंडो सीट लेने ही नहीं दिया गया.
खैर. ये चीजें कंगना और उनकी फिल्म के लिहाज से बहुत बेहतर हैं. उनकी फिल्म को लेकर अचानक से बज बनने लगा है. बढ़िया प्रमोशन हो रहा है धाकड़ का. हालांकि इसमें धाकड़ के विजुअल का योगदान ही अहम है जो फिलहाल तो क्राउड पुलर दिख रहा है. बॉलीवुड की आम फिल्मों से बिल्कुल हटकर. धाकड़ 20 मई को आएगी. एजेंट अग्नि के रूप में कंगना का एक्शन अवतार सिनेमाघरों में आग लगा सकता है.
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