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Updated: 03 सितम्बर, 2022 05:06 PM
अनुज शुक्ला
अनुज शुक्ला
  @anuj4media
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9 सितंबर को अयान मुखर्जी के निर्देशन में बनी 'ब्रह्मास्त्र' सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. 400 करोड़ से ज्यादा बजट में बनाई गई फिल्म में रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की जोड़ी है. फिल्म हिंदी समेत दक्षिण की सभी भाषाओं में आएगी. रिलीज से पहले 2 सितंबर को रामोजी राव फिल्म सिटी हैदराबाद में एक प्री रिलीज मेगा इवेंट था. इवेंट का चीफ गेस्ट आरआरआर फेम जूनियर एनटीआर को बनाया गया था. मगर शाम 6 बजे प्रोग्राम शुरू होने से बस कुछ देर पहले अचानक रद्द कर दिया गया. सोशल मीडिया पर ब्रह्मास्त्र के खिलाफ जबरदस्त मुहिम देखने को मिल रही है. हिंदी बेल्ट में प्रशंसक जूनियर एनटीआर और तमाम दिग्गजों से ब्रह्मास्त्र का प्रमोशन नहीं करने की लगातार अपील कर रहे हैं.

खैर, यह बिल्कुल नजर नहीं आया कि दक्षिण के सितारों पर ब्रह्मास्त्र को लेकर किसी भी तरह की अपील या पब्लिक प्रेशर का असर हो. फिल्म में तेलुगु सुपरस्टार नागार्जुन भी अहम भूमिका में हैं. हालांकि जूनियर एनटीआर का प्रोग्राम अन्य वजहों से नहीं हो पाया. पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला दिया. प्री रिलीज इवेंट कैंसल होने के बाद ब्रह्मास्त्र को लेकर तमाम तरह की बातें सामने आ रही हैं. इसमें एक राजनीतिक पक्ष भी निकलता दिख रहा है. उधर, सोशल मीडिया पर प्री रिलीज इवेंट किसी दूसरे वेन्यू पर भी करवाने की चर्चा है.

#1. पुलिस ने इवेंट रद्द करने की क्या वजहें गिनाई?

पुलिस ने कहा कि इवेंट के लिए पुलिस बंदोबस्त और अनुमति शॉर्ट नोटिस पर मांगी गई थी. इस वक्त शहर में कई जगह गणेश चतुर्थी के पूजा पंडाल चल रहे हैं. हैदराबाद पुलिस ने कहा कि गणेश पूजा के लिए बड़े पैमाने पर पुलिस को बंदोबस्त में लगाया गया है और फिलहाल के हालात में ब्रह्मास्त्र जैसे बड़े इवेंट का सुरक्षा बंदोबस्त कर पाने में असमर्थ है.

पुलिस ने प्रभास स्टारर तेलुगु की ही पैन इंडिया फिल्मों राधेश्याम और साहो के लिए हुए ऐसे ही इवेंट से उपजी अव्यवस्थाओं को गिनाया जिसमें आयोजकों ने प्रॉपर तरीके से नियमों का पालन नहीं किया था. इवेंट में 10-12 हजार लोगों के जुटने की बात आयोजकों की तरफ से कही गई थी. मगर पुलिस इवेंट की तैयारियों से खुश नहीं थी. इवेंट के किए पास वगैरह की प्रक्रिया को लेकर भी प्रशासन ने असंतुष्टि जताई.

ब्रह्मास्त्र का मेगा इवेंट जहां हो रहा वह इलाका NH 65 के पास है. हैदाराबाद पुलिस ने अनुमति रद्द करते हुए यह भी कहा कि इवेंट की वजह से NH 65 ट्रैफिक अव्यवस्था भी फ़ैलने का खतरा था. राधेश्याम के दौरान इसी तरह की अव्यवस्था का उदाहरण दिया और बताया कि लोगों नेशनल हाइवे के आसपास गाड़ियां पार्क कर दी थी जिसकी वजह से तब काफी समस्या हुई थी.

#2. इवेंट रद्द होने पर पब्लिक क्या कह रही है?

ब्रह्मास्त्र का प्री रिलीज इवेंट रद्द होने को लेकर सोशल मीडिया पर पब्लिक प्रतिक्रियाएं भी हैं. इसमें कहा जा रहा कि आयोजकों के पास इवेंट रद्द करने के अलावा कोई चारा ही नहीं था. इवेंट वेन्यू से कुछ वीडियोज साझा कर दावा किया जा रहा कि ब्रह्मास्त्र का तेलुगु क्षेत्र में भी विरोध हो रहा है. विरोध की वजहें वही हैं जो हिंदी बेल्ट में हैं. लोग आए ही नहीं इस वजह से करण जौहर एंड टीम ने तेलंगाना सरकार के साथ मिलकर इवेंट रद्द करवा दिया और अब उसे राजनीतिक रूप देकर लाभ लेने की कोशिश हो रही है.

करण जौहर की लाइगर जिसमें विजय देवकरकोंडा थे- हिंदी दर्शकों की तरह तेलुगु दर्शकों ने भी उसे बुरी तरह खारिज किया था. ब्रह्मास्त्र को लेकर माहौल लाइगर से भी ज्यादा खराब है. कुछ लोग तो यहां तक कह रहे कि इवेंट रद्द होने के बाद फिल्म की दक्षिण में जितनी चर्चा होने लगी- इवेंट होने पर क्या इतना प्रचार होता? यह करण जौहर का पीआर स्टंट है.

वैसे इवेंट के दिन ही पहले से प्रस्तावित प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. जिसमें ब्रह्मास्त्र की टीम के अलावा एसएस राजमौली और जूनियर एनटीआर भी शामिल हुए.

#3. बायकॉट नैरेटिव बदलने के लिए क्या किया गया?

सोशल मीडिया पर लोग यहां तक कह रहे कि जूनियर एनटीआर के रद्द इवेंट के जरिए ब्रह्मास्त्र के पक्ष में नैरेटिव गढ़ा जा रहा है. हिंदूवादी धड़े करण जौहर, रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की फिल्म का विरोध कर रहे हैं. पिछले दिनों हैदराबाद दौरे पर आए अमित शाह ने तमाम तेलुगु हस्तियों के साथ मुलाक़ात की थी. इसमें एक जूनियर एनटीआर भी थे. दावे से कहा जा रहा कि ब्रह्मास्त्र को लाभ पहुंचाने के लिए शाह और तेलुगु एक्टर की मीटिंग को फौरी वजह बनाया जा रहा है. यह कोशिश उस मकसद से है कि शाह की वजह से प्रोग्राम रद्द होने का नैरेटिव खड़ा हो जाए ताकि विरोध करने वालों का ध्यान बंट जाए. पौराणिक फिक्शन ड्रामा से नाराज हिंदूवादी धड़े को फौरी तौर पर शांत कराया जा सके और फिल्म को इसका लाभ मिले.

#4. केसीआर सॉफ्ट हिंदू कार्ड खेल रहे हैं क्या?

तेलंगाना में टीआरएस की सरकार है. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) के खिलाफ भाजपा राजनीतिक विकल्प बनने की कोशिश में हैं. भाजपा तेलंगाना में हिंदुत्व के मुद्दे को बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रही है. फिलहाल की राजनीति में हिंदुत्व का असर तो है ही. हाल ही में पैगंबर पर विवादित टिप्पणी करने वाले भाजपा के निलंबित विधायक पर कार्रवाई के बाद तेलंगाना के तमाम हलकों में सरकार की कथित 'मुस्लिम परस्ती' को लेकर निशाना साधा गया था. सरेआम सड़कों पर 'सिर तन से जुदा' के नारे लगे थे. इन्हीं वीडियोज की वजह से तेलंगाना में केसीआर लोगों के निशाने पर थे.

चूंकि ब्रह्मास्त्र के खिलाफ हिंदूवादी धड़े खड़े हैं- इस बात की गुंजाइश से इनकार नहीं किया जा सकता कि प्री रिलीज इवेंट को रद्द कर केसीआर हिंदू मतों को रिझाने की कोशिश में हैं. वैसे भी भाजपा को रोकने के लिए केसीआर कई मौकों पर सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति करते देखे जा चुके हैं. हिंदुत्व मतों को आकर्षित करने के साथ ही इवेंट को अनुमति ना देकर केसीआर तेलुगु इंडस्ट्री के स्टार्स को भी एक संदेश दे रहे हैं. भाजपा के पक्ष में राजनीति करने से दूर रहें.

वैसे सोशल मीडिया पर यह भी कहा जा रहा कि केसीआर ने ब्रह्मास्त्र के मेकर्स की सहमति से ही यह सब किया है जिसमें दोनों का बराबर फायदा है. एक का राजनीतिक और दूसरे के कारोबारी हित हैं. समूचे घटनाक्रम को स्क्रिप्टेड बताने वालों की भी कमी नहीं है.

brahmastraजूनियर एनटीआर और रणबीर कपूर.

#5. तेलुगु स्टार्स क्यों करण जौहर के साथ हैं?

करण जौहर की ब्रह्मास्त्र के साथ तेलुगु स्टार्स का एक धड़ा दिख रहा है. इसमें एसएस राजमौली, चिरंजीवी कुमार, जूनियर एनटीआर और तमाम दिग्गज शामिल हैं. राजमौली दक्षिण में प्रमोट कर रहे हैं. असल में बाहुबली के समय से ही राजमौली और जौहर की ट्यूनिंग है. करण जौहर ने ही बाहुबली को हिंदी बेल्ट में बेंचा था. पिछले कुछ सालों के दौरान भारतीय सिनेमा में तेलुगु इंडस्ट्री एक ताकत के रूप में खड़ी हुई है. तेलुगु के फिल्मस्टार्स और मेकर्स इस बात को जानते हैं और साफ़ दिखता है कि भुनाने की कोशिश में भी हैं. राजमौली के साथ प्री रिलीज इवेंट में जाने से पहले प्रसिद्द फिल्म मेकर राम गोपाल वर्मा का ट्वीट काबिले गौर है. उन्होंने कहा- "तेलुगु अब नई हिंदी है."

दूसरी तरह देखें तो करण जौहर ही नहीं बोनी कपूर और फरहान अख्तर जैसे तमाम निर्माता भी अब दक्षिण की फिल्मों में पैसा लगा रहे हैं. दर्शक बॉलीवुड से खार खाए बैठा है. वह उनकी फ़िल्में ही नहीं देखना चाहता. उसने बॉलीवुड के सामने दक्षिण का बेंचमार्क खड़ा कर दिया है. अब कारोबारी जरूरतों के लिए दक्षिण बॉलीवुड की मजबूरी बनता जा रहा है. अगर देखें तो कंटेंट और स्टार पावर के मामले में साउथ खासकर तेलुगु लीडर की भूमिका लेते नजर आ रहा है.

इन सब के बावजूद ब्रह्मास्त्र की खिलाफत कमजोर नहीं हुई है. सोशल मीडिया पर कहीं भी करण जौहर एंड टीम का नाम आते ही- बायकॉट बॉलीवुड कम्प्लीटली.

लेखक

अनुज शुक्ला अनुज शुक्ला @anuj4media

ना कनिष्ठ ना वरिष्ठ. अवस्थाएं ज्ञान का भ्रम हैं और पत्रकार ज्ञानी नहीं होता. केवल पत्रकार हूं और कहानियां लिखता हूं. ट्विटर हैंडल ये रहा- @AnujKIdunia

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