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Updated: 13 जुलाई, 2018 12:50 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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'कसौटी जिंदगी की' वो धारावाहिक जिसने 8 साल तक 90 और 2000 के दशक के बच्चों से लेकर बूढ़ों को एक ऐसी प्रेम कहानी दी जिसपर यकीन करना मुश्किल हो गया. वो शो जो अपने समय से करीब 50 साल आगे था और उसपर लोग यकीन भी कर लेते थे. ये वो टीवी धारावाहिक था जिसने दशक नहीं बल्कि सदी की सबसे बड़ी विलेन कोमोलिका को जन्म दिया था. वो धारावाहिक जो एकता कपूर के कुछ यादगार सीरियल में से एक है. वो अब वापस आने जा रहा है.

इसके टीजर की शूटिंग भी हो गई है और इसमें प्रेरणा और अनुराग का रोल बिलकुल उसी तरह से बनाया जा रहा है जैसा असली कसौटी में हुआ था. 'कसौटी जिंदगी की' का वो लाल दुपट्टा और काला सूट भी बिलकुल उसी तरह फिल्माया जा रहा है जैसा कि पहले था.

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अब प्रेरणा का किरदार तो एरिका फर्नांडिस निभा रही हैं, लेकिन बाकी कास्ट कैसी है और शो में एकता कपूर किस तरह का नया ट्विस्ट लेकर आएंगी ये सोचने वाली बात होगी.

एकता कपूर ने जब नए कसौटी जिंदगी की शो की घोषणा की थी तो ये बताया था कि इसमें वो अपना पर्सनल एक्सपीरियंस शेयर करेंगी. ये तो बता दिया कि पर्सनल दुख को भी वो इस शो में जोड़ेंगी, लेकिन अनुराग बासू और प्रेरणा की जिंदगी में तो कभी खुशी आई ही नहीं ऐसे में इस नए शो को और कितना दुखी बनाया जाएगा? साथ ही वो शो जो अपने समय से पहले ही 50-100 साल आगे था आखिर उसे आखिर अब कैसे बनाया जाएगा?

एकता कपूर की कसौटी समय से बहुत आगे थी क्योंकि‍...

एकता कपूर का ये सीरियल समय से बहुत ज्यादा ही आगे था. न सिर्फ रिश्तों के मामले में बल्कि विज्ञान के मामले में भी. जो तरक्की विज्ञान ने अभी तक पूरी तरह से नहीं कर पाया है वो कसौटी जिंदगी की में पूरा कर लिया गया था. सिर्फ रिश्ते, नाते, शादी और विज्ञान ही नहीं कसौटी जिंदगी की में संयोग भी भरपूर था. कुछ बातें जो साबित करती हैं कि कसौटी अपने समय से आगे का शो था..

1. प्लास्टिक सर्जरी और एक्सिडेंट की नई परिभाषा..

हालांकि, ये सिर्फ कसौटी जिंदगी की में ही नहीं हुआ था, लेकिन कसौटी में मिस्टर बजाज का तीन बार एक्सिडेंट होता है या उन्हें मारने की कोशिश की जाती है और तीनों बार वो जिंदा मिलते हैं. दो बार तो अच्छे-खासे लीप के बाद. मिस्टर बजाज, अनुराग, प्रेरणा तीनों न सिर्फ एक्सिडेंट से बच गए, बल्कि गोली लगने से भी बच गए. अनुराग बासु भी दो बार मरकर वापस आ गए, एक बार प्लास्टिक सर्जरी करवा कर. प्लास्टिक सर्जरी से लेकर याद्दाश्त जाना, बोन मैरो ट्रांस्प्लांट सब कुछ इतना सक्सेसफुल हो गया कि यकीन करना मुश्किल हो जाए. इतनी तरक्की विज्ञान ने अभी तक नहीं की है कि किसी इंसान की शक्ल बदल जाए, उसकी आवाज़ बदल जाए और प्लास्टिक सर्जरी इस तरह सक्सेसफुल हो जाए.

2. शादी कितनी भी करो सोसाइटी स्वीकार कर ही लेगी..

अनुराग की चार शादियां, मिस्टर बजाज की दो शादियां, प्रेरणा की दो शादियां, कोमोलिका की दो शादियां, अपर्णा की दो शादियां, श्रवण की दो शादियां, सुब्रतो की दो शादियां, स्नेहा की दो शादियां और शायद अब लिस्ट को यहीं रोक देना चाहिए. क्योंकि प्रेरणा 2 यानी प्रेरणा की बेटी की बेटी भी थी और जहां तक मुझे याद है उसकी भी निहाल से दूसरी शादी हुई थी.

एक ही परिवार के इतने लोग दो या तीन शादियां करते हैं और समाज उसे स्वीकार कर लेता है. मतलब इतनी शादियां हुईं लेकिन किसी का कोई भी नुकसान नहीं हुआ.

3. शादी से पहले प्रेग्नेंसी कोई गुनाह नहीं..

अब ये वाकई बहुत आगे की सोच थी. सन 2000 के दौर में ये बात लोगों के गले नहीं उतरी थी. प्रेरणा के प्रेम को जिस तरह समाज में स्वीकार किया गया था वो दिखाना एकता कपूर के लिए वाकई हिम्मत की बात थी और यकीनन ये बात इस शो को बहुत ऊंचा बना देती है.

4. संयोग और कुदरत का खेल, एक घटी और चार दुपट्टों का मेल..

अनुराग की घड़ी ऐसी थी जिसमें प्रेरणा, अपर्णा, समंपदा और कोमेलिका सभी के दुपट्टों को फंसा ले गई थी. संयोग देखिए, कोमोलिका को छोड़कर बाकी तीनों ने लाल दुपट्टा पहला था और लाल दुपट्टा कसौटी में एक बहुत अहम भूमिका में रहा है.

5. ग्लोबल वॉर्मिंग का अनूठा नमूना..

कसौटी जिंदगी की सीरियल में कई बार पंचमेश्वर का नाम लिया गया था. चाहें अनुराग प्रेरणा की जिंदगी चल रही हो, चाहें अनुराग कोमोलिका की, चाहें अनुराग अपर्णा की, चाहें अनुराग और संपदा की. सभी बर्फबारी और पंचमेश्वर की वादियों का मजा लेते हैं. सभी हिरोइने साड़ियां पहनती हैं और कोई भी स्वेटर या जैकेट नहीं पहनता. शायद उन्हें कोई ऐसी दवा मिल गई हो जिसमें

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इस फोटो में अनुराग नंबर 2 और प्रेरणा ने मिलकर संपदा के खिलाफ एक चाल चली थी, स्नेहा, प्रेम दोनों ही वहां थे और स्नेहा तो स्लीवलेस साड़ी पहन कर बर्फ का मजा ले रही हैं.

हालांकि, इसमें बॉलीवुड फिल्मों का भी दोष है क्योंकि वहां भी ऐसा होता आया है, लेकिन कसौटी जिंदगी की में ये बहुत अच्छे से दिखाया गया है. यहां तक कि प्रेरणा और कोमोलिका का आखिरी सीन भी बर्फ के बीच हुआ है और दोनों ने ही स्वेटर नहीं पहना. और मौत फ्रॉस्टबाइट से नहीं बल्कि एक की गोली लगने से और दूसरी की गिरने से हुई.

कुछ ट्विस्ट जो 'कसौटी' को लगातार एक जैसे ट्रैक पर लाते रहे..

कसौटी जिंदगी की में ट्विस्ट और टर्न भी बहुत ज्यादा आए हैं. पर मजे की बात ये रही है कि हर ट्विस्ट पहले वाले की तरह ही रहा है और कहीं न कहीं इस शो में आगे चलकर क्रिएटिविटी का रिपीट टेलिकास्ट होता रहा है.

1. अनुराग और चार बीवियों की माया..

अनुराग बासु की किस्मत भी बड़ी अजीब थी. प्रेरणा जो एक सही लड़की मिली थी उसके साथ कभी रह नहीं पाया और बाकी तीनों पत्नियां (कोमोलिका, अपर्णा और संपदा) न सिर्फ अनुराग को मारने की कोशिश करती हैं बल्कि सीरियल की वैम्प बन जाती हैं.

कसौटी जिंदगी की, प्रेरणा बजाज, मिस्टर बजाज, अनुराग बासु, एकता कपूर, बालाजी टेलिफिल्मअपर्णा, कोमोलिका और संपदा.. अनुराग की बाकी तीन बीवियां

2. प्रेरणा की किस्मत...

अनुराग और मिस्टर बजाज के बीच झूलती प्रेरणा दो बार शादी करती हैं और कई बार मिस्टर बजाज से अनुराग और अनुराग से मिस्टर बजाज के पास जाती है, लेकिन कभी ठीक से रह नहीं पाती.

3. प्रेरणा के बच्चों की किस्मत...

प्रेरणा के बच्चे और बच्चों के बच्चे यानी स्नेहा, प्रेम, प्रेरणा 2 सभी प्रेरणा जैसी ही किस्मत लिए पैदा होते हैं. कभी शादी को लेकर कभी प्रेग्नेंसी को लेकर, कभी प्यार को लेकर सभी मिक्स एंड मैच होता रहता है.

4. मिस्टर बजाज का अकेलापन..

मिस्टर बजाज भी दो शादियां करते हैं पहली मेनका के साथ और दूसरी प्रेरणा के साथ (प्रेरणा के साथ दो बार) लेकिन आखिरी वक्त में वो अकेले ही रह जाते हैं.

अब इतनी कॉम्प्लेक्स स्टोरी जो आज से 10 साल पहले सही लगती थी अब पेचीदा ही लगेगी. पर एकता कपूर ने तो ठान ही लिया है 'कसौटी जिंदगी की' को हमारी जिंदगी में वापस लाने की.

तो क्या एकता कपूर कभी कसौटी को हमारी जिंदगी से नहीं जाने देंगी? नई क्रिएटिविटी की जगह पुरानी स्टोरीलाइन को आखिर कितनी बार बनाया जाएगा? चलिए मान लिया स्टोरी बदल जाएगी, किरदार बदल जाएंगे, लेकिन फिर भी वही प्यार-मोहब्बत, वही सास-बहु, वही षडयंत्र और वही हिरोइन. आखिर नेटफ्लिक्स और अमेजन की वेबसीरीज के जमाने में फिर वही शो क्यों? यकीनन कसौटी जिंदगी की मेरे लिए भी खास रहा है मैं भी उस शो को रोज़ देखा करती थी, लेकिन उसे बार-बार देखने की इच्छा अब नहीं है. 'इस प्यार को क्या नाम दूं', 'कुटुंभ' जैसे सीरियल भी नई कहानी के साथ वापस आए थे, लेकिन वो आखिर कितना चले?

यकीनन अगर एकता कपूर नई कसौटी में कुछ नई जिंदगी नहीं डालेंगी तो ये शो मेरे जैसे लोगों के लिए तो बेकार हो जाएगा जो कसौटी के पहले सीजन के फैन थे. अब समय बदल गया है और टीवी सीरियल की परिभाषा भी थोड़ी बदलनी चाहिए.

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श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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