Race-3 के साथ सलमान खान इस ईद नाउम्मीद तो नहीं करेंगे ?
Race 3 का ट्रेलर लॉन्च होने से पहले लग रहा था कि सलमान खान कोई बड़ा धमाका करने वाले हैं, लेकिन अफसोस कि वो धमाका नहीं बल्कि पटाखा था वो भी फुस्स निकला. जानिए वो 5 कारण जिससे 'रेस-3' निराश करने वाली फिल्म दिखाई देती है.
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15 मई को जिस तरह ट्विटर पर मजाक मजाक करते हुए सलमान खान अपने फैंस के सब्र का इम्तेहान ले रहे थे, उससे तो लग रहा था सलमान खान कोई बड़ा धमाका करने वाले हैं. लेकिन अफसोस कि वो धमाका नहीं बल्कि पटाखा था, जो फुस्स निकला. 'Race-3' का ट्रेलर देखकर ये आसानी से कहा जा सकता है कि 15 जून यानी ईद पर जिस दिन रेस-3 असल में दर्शकों से सामने होगी वो कहीं उतने ही निराश न हों.
पहले ट्रेलर देख लीजिए-
क्यों निराश करता है फिल्म का ट्रेलर-
सलमान की एंट्री -
सलमान खान की फिल्मों के ट्रेलर में जब सलमान खान की एंट्री होती है वो दर्शकों में जोश भर देती है. फिल्म 'सुल्तान' या 'टाइगर जिंदा है' का ट्रेलर देखिए, समझ जाएंगे. रेस 3 के ट्रेलर में न तो सलमान खान का डायलॉग ही बहुत असरदार था और न ही उनकी एंट्री. उनके छोटे-छोटे शॉट्स भी ऐसे नहीं थे जिन्हें देखकर जरा सा भी रोमांच पैदा होता हो.
एंट्री में इसकी उम्मीद नहीं थी
हालांकि शानदार एंट्री के बदौलत अगर फिल्में हिट होतीं तो हर कोई ट्रेलर में एंट्री शानदार ही रखता. लेकिन अगर यहां बात सलमान खान की हो रही है तो उनसे अब कुछ ज्यादा चाहते हैं फैंस. एंट्री में लोग सलमान खान की पीठ नहीं देखना चाहते और न ही उन्हें कार के अंदर बैठा हुआ और हेलमेट पहने सलमान को देखना है. सलमान खान लोकप्रियता के उस चरम पर हैं जहां अब उनका लेवल मेनटेन करना बहुत जरूरी है.
घटिया डायलॉग-
ट्रेलर ही बता देता है कि फिल्म कैसी होगी. खासतौर पर ट्रेलर में वही डायलॉग हाइलाइट किए जाते हैं जो फिल्म के बेहतरीन डायलॉग में से हों. लेकिन ट्रेलर के डायलॉग सुनकर ये कहा ही नहीं जा सकता कि वो दमदार हैं.
सलमान खान का पहला डायलॉग- 'ये रेस जिंदगी की रेस है, किसी की जिंदगी लेकर ही खत्म होगी.' किसी सूरत में अपील नहीं करता.
और उसके बाद अनिल कपूर जो कि रेस सीरीज का हिस्सा रहे हैं उनका डायलॉग- 'गुस्से में लिया हुआ डिसीज़न हमेशा नुकसान पहुंचाता है इसलिए मैंने पहले डिसीज़न लिया and now i am getting angry...very angry !!' सुनकर ऐसा लग रहा है जैसे वो सिर्फ यही बताने के लिए बोला गया है जिससे लोगों को ये पता चल जाए कि वो इस बार कॉमेडी नहीं कर रहे बल्कि 'एंग्री' ओल्ड मैन बने हैं. और हीरोइनस यानी जैकलीन और डेज़ी शाह के डायलॉग्स भी सिर्फ खानापूर्ति ही लगते हैं.
हीरो का डायलॉग ही इतना दमदार होना चाहिए कि फैंस फिल्म आने तक वो डायलॉग पॉपुलर कर दें. उदाहरण के तौर पर, जरा शाहरुख खान का डॉयलॉग याद कीजिए जो उन्होंने फिल्म 'रईस' में बोला था- 'अम्मी जान कहती थीं कि कोई धंधा....' वो उस फिल्म के ट्रेलर यहां तक कि फिल्म की जान भी था, और वो अब तक लोगों की जुबान पर है. पर यहां कोई भी ऐसा डॉयलॉग नहीं है जो याद किए जाने लायक हो.
म्यूज़िक मिसिंग-
ट्रेलर में म्यूजिक नहीं है, सिर्फ रेस सीरीज का आइकॉनिक म्यूजिक ही सुनाई देता है. शायद इस ट्रेलर के साथ कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था इसीलिए वही पुराना संगीत ही सुनवाया गया जिससे रेस सीरीज के सस्पेंस और थ्रिल का अहसास होता है.
स्टोरी में इमोशन्स मिसिंग-
सलमान खान ने एक बार एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी हर फिल्म की कहानी उनके पिता सलीम खान जरूर सुनते हैं, जिससे वो उन्हें ये बता सकें कि फिल्म में कोई इमोशन छूट तो नहीं रहा. सलमान खान की ज्यादातर फिल्में या कहें कि सारी फिल्मों में कोई न कोई इमोशन ऐसा होता ही है जो दर्शकों को बांधे रखता है, चाहे वो दोस्ती हो या प्यार. लेकिन इस फिल्म में शायद सलीम खान मदद नहीं कर पाए. क्योंकि इसमें बहुत सारे इमोशन्स मिसिंग थे. जो इमोशन दिखाए गए वो भी निगेटिव थे. ट्रेलर पर फ्लैश होता है कि 'आपको दुश्मनों की जरूरत नहीं, अगर आपके पास परिवार है'. एक तरफ परिवार की बात हो रही है दूसरी तरफ उन्हें ही दुशमन बताया जा रहा है. ट्रेलर में सिर्फ एक इमोशन था- 'हिंसा'
जबरदस्ती के सीन्स-
सलमान खान की फिल्म में हीरो सलमान खान ही होते हैं. और कोई उनके आस-पास भी नहीं दिखाई देता, या दिखाया जाता. फिर चाहे वो हीरोइन ही क्यों न हो. पर रेस-3 में सलमान खान अकेले नहीं दिख रहे, बल्कि बहुतों को उन जैसा दिखाने की कोशिश की गई. जैसे- अनिल कपूर और बॉबी देओल. अनिल कपूर अब तक रेस सीरीज़ में हल्का फुल्का किरदार निभाते ही नजर आए थे पर इस बार उन्हें काफी फुटेज दी गई है. वहीं बॉबी देओल को देखकर ऐसा लग रहा है कि उन्हें दोबारा फिल्मों में काम मिलने लगे इसके लिए काफी मेहनत की गई है. सलमान खान को शर्टलेस दिखाया वहां तक तो ठीक था लेकिन बॉबी देओल को शर्टलेस दिखाने का मतलब समझ नहीं आया.
दूसरा, ट्रेलर में दबाकर एक्शन का डोज़ दिया गया है. अबु धाबी, बैंकॉक और पटाया की शानदार लोकेशन्स पर रेमो ने काफी मेहनत की है, वो दिख रहा है. लेकिन गाड़ियों के ये सीन्स हॉलीवुड फिल्म 'फास्ट एंड द फ्यूरियस' से इंसपायर हुए ज्यादा लग रहे हैं. दर्शक बड़े-बड़े हाइवेज़ और बड़ी-बड़ी गाड़ियां देखकर दर्शक ऊब गए हैं, उन्हें कुछ और चाहिए जो उन्हें अचंभित कर दे.
रेस-3 को रेस और रेस-2 से बेहतर होना ही चाहिए क्योंकि इसका नाम पिछली दोनों फिल्मों से जुड़ा है. दोनों ही फिल्मों ने शानदार प्रदर्शन किया था और एक्टिंग के मामले में तो सैफ अली खान और अक्षय खन्ना का काम आज भी याद आता है. ऐसे में सलमान खान से उतनी ही उम्मीद की जाती है कि अगर उन्होंने सैफ अली खान को रेस सीरीज़ से रिप्लेस किया है तो उन्हें उनसे बेहतर ही दिखना होगा.
एक नजर सलमान की पुरानी ईद रिलीज पर:
1. सुल्तान (2016) : 421 करोड़ रु.
2. बजरंगी भाईजान (2015) : 321 करोड़ रु.
3. किक (2014) : 232 करोड़ रु.
4. एक था टाइगर (2012) : 320 करोड़ रु.
5. बॉडीगार्ड (2011) : 230 करोड़ रु.
6. दबंग (2010) : 215 करोड़ रु.
जब ईद रिलीज के रूप में सलमान के नाम ऐसे दिग्गज हिट फिल्में मौजूद हैं, तो Race 3 पर दबाव बढ़ जाता है. खैर अभी तो बस ट्रेलर आया है, और पिक्चर पूरी बाकी है. एक महीने के बाद ये भी साफ हो जाएगा कि रेस 3 में कौन सफल होता है और कौन असफल. लेकिन सलमान के लिए बस इतना ही कहेंगे कि फिल्म 'सुल्तान' करके तो सलमान बॉलीवुड के सुल्तान बन गए लेकिन इसमें 'सिकंदर' बनकर वो बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस को जीत पाएंगे... इसमें जरा डाउट है!
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