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Updated: 06 फरवरी, 2023 08:07 PM
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बाहुबली और दंगल जैसी विशुद्ध देसी अंदाज में बनी फिल्मों ने ना सिर्फ भारत में दर्शकों का मनोरंजन किया बल्कि दुनिया के जिन हिस्सों में दिखाई गई वहां भी उन्हें हाथोंहाथ लिया गया. खासकर चीन में भारतीय फिल्मों के लिए एक अलग ही क्रेज हाल के कुछ सालों में देखने को मिला है. चीनी बॉक्स ऑफिस पर भारतीय कहानियों ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया और टिकट खिड़की पर जमकर कमाई की. अब चीनी बॉक्स ऑफिस को भुनाने के लिए एक और भारतीय फिल्म ने कमर कस ली है.

फिल्म है 'इंग्लिश विंग्लिश' जिसे साल 2012 में सिनेमाघरों में रिलीज किया गया था. फिल्म में श्रीदेवी ने मुख्य भूमिका निभाई थी. अब इसी महीने 24 फरवरी को उनकी 5वीं पुण्यतिथि पर इसे चीन में करीब 6,000 से ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज करने की तैयारी है. आश्चर्य नहीं करना चाहिए कि चीन से मिलती-जुलती सांस्कृतिक परंपरा और परिवेश में बनी फिल्म वहां के दर्शकों को लाजवाब कर दे और कमाई के मामले में भगी चीनी बॉक्स ऑफिस पर एक बड़ा कीर्तिमान बना डालें. भले ही मूल रिलीज के करीब-करीब 11 साल बाद श्रीदेवी की फिल्म चीन में रिलीज की जा रही है, मगर चीनी दर्शकों के लिए 'इंग्लिश विंग्लिश' बिल्कुल फ्रेश मानी जा सकती है.

shrideviइंग्लिश विंग्लिश में श्रीदेवी

किसी को उम्मीद नहीं थी मगर श्रीदेवी की फिल्म ने सिनेमाघरों को खचाखच भर दिया था

वैसे भारत में भी सालों पहले जब फिल्म रिलीज की गई थी, पहले किसी को भरोसा नहीं था कि साड़ी पहनने वाली एक साधारण किस्म की कम पढ़ी लिखी हाउस वाइफ की कहानी को देखने के लिए भारतीय दर्शक बेकाबू हो जाएंगे. सिनेमाघर दर्शकों से खचाखच भर जाएंगे. वह भी उस अभिनेत्री- श्रीदेवी की फिल्म जो सालों पहले सिनेमा को अलविदा कह चुकी थीं. तब इस तरह की कहानियों से कॉमर्शियल सक्सेस की उम्मीद भी कहां की जाती थी. वह दौर ही अलग था. बावजूद जब 'इंग्लिश विंग्लिश' आई उसने सभी आशंकाओं को गलत साबित किया. इंग्लिश विंग्लिश के जरिए श्रीदेवी ने करीब-करीब 15 साल बाद वापसी की थी. पॉपुलर धारा में उनके अलावा कोई ऐसा बड़ा चेहरा नहीं था- जिसमें दर्शकों को खींचने की ताकत हो. श्रीदेवी का भी स्टारडम कहां बचा था. हालांकि उनके पति की भूमिका में आदिल हुसैन जैसे मंझे हुए एक्टर थे.

10 करोड़ के मामूली बजट में और गौरी शिंदे के लेखन-निर्देशन में बनी फिल्म ने टिकट खिड़की पर तहलका मचा दिया. फिल्म ने ना सिर्फ 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई की बल्कि बेशुमार तारीफ़ बटोरी. जबकि फिल्म में मसाला एंटरटेनर नहीं थी. उसकी कहानी बेहद साफ़ और खुली हुई थी. कहानी एक ऐसी हाउस वाइफ की थी जो अपने पति और बच्चों के साथ रहती है. उसकी अपनी कोई दुनिया नहीं है. वह कम पढ़ी लिखी है. उसे अंग्रेजी नहीं आती. उसका पति और बच्चे जाने अनजाने उसका मजाक उड़ाते रहते हैं. परिवार का यह रवैया श्रीदेवी को तकलीफ पहुंचाता है और वह तय करती हैं कि अच्छी अंग्रेजी सीखकर दिखाएंगी. वह अपनी काबिलियत से ऐसा करके दिखा भी देती हैं.

श्रीदेवी ने परदे पर जिया था भारत की असंख्य महिलाओं का दर्द

असल में श्रीदेवी की कहानी भारत की असंख्य महिलाओं की कहानी भी है. जहां संपन्नता नई-नई है. पुरुष और बच्चे पढ़े लिखे और दुनिया के हिसाब से आधुनिक हैं. लेकिन समूचे परिवार का बोझ उठाने वाली साधारण हॉउस वाइफ की हालत वही हैं जहां वह थीं. उनके श्रम की कोई वैल्यू नहीं है. उलटे उनका मजाक उड़ाया जाता है. 'इंग्लिश विंग्लिश' की भावुक कहानी ने तमाम हाउस वाइफ के संघर्ष को एक जुबान दी. फिल्म में श्रीदेवी और आदिल हुसैन जैसे एक्टर्स की कहानी ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया था. गौरी शिंदे की कहानी और निर्देशन को भी खूब तारीफ़ मिली थी.

फिल्म को खूब सारे अवॉर्ड भी मिले थे. यह इंग्लिश विंग्लिश की सक्सेस का ही नतीजा था कि श्रीदेवी के करियर में एक दूसरा दमदार फेज नजर आ रहा था. इसके बाद उन्होंने हिंदी समेत कई भाषाओं में कुछ फ़िल्में कीं. टीवी भी किया. उनकी आख़िरी बेहतरीन हिंदी फिल्म साल 2017 में मॉम के रूप में सामने आई थी. हालांकि यह हिंदी सिनेमा का दुर्भाग्य था कि श्रीदेवी की असमय मौत हुई और अभिनय का एक सिलसिला हमेशा हमेशा के लिए ख़त्म हो गया. अब चीन में श्रीदेवी की फिल्म को फिर से रिलीज किया जा रहा है- वहां के दर्शक इसे किस तरह लेंगे, लोगों की नजर निश्चित ही इस पर होगी.

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