तनुश्री का सच तो पच रहा है लेकिन उनका एटिट्यूड नहीं..
तनुश्री का इस तरह पूरे बॉलीवुड के खिलाफ बात करना, पूरे बॉलीवुड को एक ही तराजू से तोलना, और नाना के साथ काम करने वालों को दोषी ठहराना सरासर गलत है.
-
Total Shares
एक बड़ी सामान्य सी बात है कि अगर किसी को आज चोट लगती है तो उसके लिए कोई चार दिन के बाद नहीं रोता. लेकिन ये बात आज बॉलीवुड एक्ट्रेस और मिस इंडिया रह चुकीं तनुश्री दत्ता के लिए कही जा रही हैं. वो इसलिए क्योंकि तनुश्री दत्ता 10 साल पहले हुए दुर्व्यवहार के बारे में आज हर प्लैटफॉर्म पर बोल रही हैं, बल्कि मैं तो कहूंगी कि आग उगल रही हैं. उन्होंने नाना पाटेकर के खिलाफ छेड़छाड़ और हैरेसमेंट का आरोप लगाया है.
तनुश्री के साथ जो 10 साल पहले हुआ वो आज हर अखबार की सुर्खियों में हैं. पुराने वीडियो एक बार फिर वायरल होने लगे. जब एक मामला ताजा था तब शायद इसपर इतनी प्रतिक्रियाएं नहीं आईं जितनी आज आ रही है. यहां तक कि बॉलीवुड के नामी लोग आज तनुश्री के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं. लेकिन तनुश्री के अंदाज जो 10 साल पहले थे वो आज बिल्कुल अलग हैं. पहले उन्हें बोलते नहीं सुना गया था, लेकिन आज उनकी आवाज़ पंचम सुर में सुनाई दे रही है.
नाना पाटेकर के खिलाफ तनुश्री दत्ता ने शोषण का आरोप लगाया है
चूंकि 10 साल बीत चुके हैं इसका मतलब ये जरा भी नहीं है कि तनुश्री गलत कह रही हैं. गलत चाहे तब हुआ चाहे अब, पर वो उनका सच है जो 20 साल बाद भी सच ही रहेगा कि एक सीनियर अभिनेता ने उनके साथ शोषण किया (छेड़छाड़) जिसे कई मीडिया हाउस सेक्शुअल हैरेसमेंट भी कह रहे हैं. लेकिन लोगों के मन में यही सवाल है कि आखिर 10 साल बाद क्यों इस मामले को उठाया गया और आज इसपर इतनी चर्चा क्यों हो रही है. तो जवाब भी वही दे रहे हैं कि तनुश्री को पब्लिसिटी चाहिए और सुर्खियों में आने के लिए उन्होंने बड़े ही आक्रामक तरीके से इस पुराने मामले को दोबारा खोला. बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मीडिया को ये सब कुछ बताया गया.
पहले जान लीजिए कि उनके साथ हुआ क्या था- उन्हीं के शब्दों में-
''हॉर्न ओके प्लीज में मैं एक आइटम नंबर की शूटिंग कर रही थी. कॉन्ट्रेक्ट पहले ही साइन कर लिया गया था कि कपड़े, या इंटिमेट सीन पर मेरा एप्रूवल होगा. जो मुझे पसंद होगा मैं वही करूंगी. इस गाने में नाना पाटेकर पहले ही अपना शूट खत्म कर चुका था लेकिन फिर भी मेरे शूट के वक्त वो सेट पर ही रहा और दूर से घूर-घूर कर मुझे देख रहा था. मैंने विश भी किया, पर उसने कोई जवाब नहीं दिया जो मुझे बड़ा अजीब लगा. अगले दिन वो फिर से सेट पर मौजूद था जबकि उसका होना जरूरी नहीं था. वो मेरे नजदीक आने लगा. मेरी बाहें पकड़कर इधर-उधर खींचने लगा और कहा 'ओ तू इधर खड़ी रह, तू इधर खड़ी रह, मैं सिखाउंगा तुझे डांस.' उसने अजीब तरह से बात की. उसका व्यवहार देखकर मुझे बहुत परेशानी हो रही थी. गणेश आचार्य ने भी नाना का साथ दिया. मैंने इस बारे में प्रोड्यूसर डायरेक्टर से शिकायत भी की. लेकिन शिकायत सुनने के बाद बजाय कुछ करने के वो तो मुझसे नाना के साथ इंटिमेट सीन की डिमांड करने लगे. और उसके लिए दबाव भी बना रहे थे. इतनी बदतमीजी के बाद नाना के साथ कौन काम कर सकता था इसलिए मैंने मना कर दिया कि मैं काम नहीं करूंगी. और मैं सेट से चली गई. उन्होंने मीडिया को भी बुलाया और सच बात न बताकर झूठी बात कही कि मैं सेट पर टैंट्रम्स कर रही हूं. और उन्होंने ही एमएनएस को भी बुलाया जिन्होंने मेरी गाड़ी में तोड़-फोड़ की. पुलिस आई, और हमें वहां से लेकर पुलिस स्टेशन चली गई. लेकिन काउंटर एफआईआर पहले ही हो चुका था. और मेरे स्पॉटबॉय और हेयर ड्रेसर पर एफआईआर किया गया था. ये हैरेसमेंट यहीं खत्म नहीं हुआ था और एक से डेढ़ साल तक हमें पुलिस की तरफ से भी बहुत परेशान किया गया.''
तनुश्री का ये व्यवहार कई सवाल खड़े करता है-
तनुश्री इस बात को तो बहुत मजबूती से कहती हैं कि उन्होंने 10 साल पहले भी इस बात को सबसे सामने रखा था लेकिन तब किसी ने उनका साथ नहीं दिया था. पर उन्हें ये कहते हुए भी सुना गया कि '10 साल पहले मैं बहुत घबराई हुई थी, मैं तब बहुत ज्यादा भावुक थी. मुझे डर था, मैं बहुत दबाव में थी, मुझे लगता था कि मैं कर क्या रही हूं और मुझे सुनेगा कौन'. लेकिन अब तनुश्री का इस तरह प्रेस कॉनफ्रेंस करके सब कुछ बताने का मतलब लोगों को समझ नहीं आ रहा. तनुश्री 10 साल पहले भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करतीं तो मीडिया उनकी बात को इसी तरह सुनता जिस तरह आज सुन रहा है. लेकिन तब उन्होंने अपनी बात इस तरह कही ही नहीं थी. क्या अपने अंदर हिम्मत भरने के लिए तनुश्री को 10 सालों का वक्त लगा? और उनमें ये विश्वास भी सालों के बाद आया कि उनकी बात जो तब नहीं सुनी गई वो अब सुनी जाएगी, ये समझ से परे है.
तनुश्री की सारी बात सच है- नाना पाटेकर की हरकत, उनका असहज होना और उनकी गाड़ी पर गुंडों का हमला. जिसके सुबूत भी यूट्यूब पर मिल जाएंगे. लेकिन तनुश्री जिस तरह से आज मीडिया में बॉलीवुड के खिलाफ बोल रही हैं वो किसी के गले नहीं उतर रहा. वो नाना के खिलाफ बोलें समझ में आता है. लेकिन उन्हें उन सभी लोगों से परेशानी हो रही है जो नाना के साथ कम कर रहे हैं. उनका कहना है कि बॉलीवुड झूठ बोलता है अगर वो मेरे साथ हैं तो फिर नाना के साथ काम क्यों कर रहे हैं. वो गुस्सा हैं, होना चाहिए. लेकिन गुस्से में दिमाग संतुलित रखना बहुत जरूरी है. उनकी ये बातें उनके खिलाफ ही माहौल बना रही हैं-
- ट्विंकल खन्ना ने तनुश्री का सपोर्ट किया तो उन्होंने कहा - 'थैंक्यू, पर आपके पति का क्या? वो तो अब भी नाना के साथ काम कर रहे हैं'
- प्रियंका चोपड़ा जो आज इंटरनेशनल सेलिब्रिटी हैं उनके समर्थन पर तनुश्री की प्रतिक्रिया काफी तीखी थी. प्रियंका ने उन्हें सर्वाइवर कहा तो उन्होंने कहा कि 'मैं सर्वाइवर नहीं मेरा अपना नाम है, मेरी अपनी कहानी है मेरा अपना सच है.' मिस इंडिया को मिस वर्ल्ड का सपोर्ट मिला और उन्होंने उसकी कद्र तक नहीं की.
- फराह खान ने एक ग्रुप फोटो इंस्टाग्राम पर शेयर की जिसमें नाना भी हैं, तो तनुश्री कह रही हैं 'फराह को खुद पर शर्म आनी चाहिए'.
- तनुश्री बड़े-बड़े अभिनेताओं को गलत कह रही हैं. उन्होंने ये भी कहा कि 'बड़े अभिनेता मेरे साथ फिल्म नहीं करना चाहते थे, क्योंकि उनकी दाढ़ी में भी तिनका था, वो असल में मुझसे डरते थे.'
- वो अमिताभ बच्चन से भी नाराज हो गई हैं जिन्होंने उनके मैटर में कुछ भी बोलने से मना कर दिया. वो पूरी इंडस्ट्री से ही नाराज हैं. उस इंडस्ट्री से जो आज उनका साथ दे रही है.
- उस गाने को छोड़ने के बाद जब राखी सावंत को उनकी जगह लिया गया तो उन्होंने इसे अपनी सबसे बड़ी बेइज्जती कहा. जब वो गाना छोड़कर चली गईं तो आखिर किसी को तो लिया ही जाता. इसमें कैसी बेइज्जती?
लेकिन तनुश्री का इस तरह पूरे बॉलीवुड के खिलाफ बात करना, पूरे बॉलीवुड को एक ही तराजू से तोलना, और नाना के साथ काम करने वालों को दोषी ठहराना सरासर गलत है.
फराह की इस तस्वीर पर तनुश्री ने कहा कि 'फराह को शर्म आनी चाहिए'
क्या तनुश्री के इस मामले को बॉलीवुड का #MeToo movement कह सकते हैं?
तनुश्री दत्ता के इस मामले की तुलना आज हॉलीवुड के #Metoo मूवमेंट से की जा रही है. हॉलीवुड के प्रोड्यूसर हार्वे विंस्टिन पर एक के बाद एक 50 से ज्यादा महिलाओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे. हार्वे पर लगे यौन शोषण के आरोपों के बाद सोशल मीडिया पर मी टू कैंपेन शुरू हो गया था. और सालों पहले हुए शोषण पर महिलाएं खुलकर सामने आईं थीं. और हार्वे को सरेंडर करना पड़ा था. पर मुझे नहीं लगता कि इसे बॉलीवुड का #Metoo मूवमेंट कहा जा सकता है. क्योंकि हॉलीवुड की अभिनेत्रियां जो अपने साथ हुए शोषण पर बात कर रही थीं वो सिर्फ अपने अपराधी के खिलाफ थीं, न कि पूरी इंडस्ट्री के. पर यहां तनुश्री पूरी इंडस्ट्री को गलत ठहरा रही हैं. उनकी नजर में सब गलत हैं.
वो सबको ये बता रही हैं कि ये सब जो वो कर रही हैं अपने लिए नहीं कर रहीं बल्कि बाकी लड़कियों के लिए कर रही हैं. वो बॉलीवुड की सच्चाई सामने लाना चाहती हैं. पर अगर बॉलीवुड से उन्हें सच में इतनी नाराज़गी थी तो फिर अपनी बहन इशिता दत्ता को क्यों मना नहीं किया इस इंडस्ट्री में आने से. इससे तो यही लगता है कि तनुश्री तब भी कन्फ्य़ूज़ थीं और आज भी कन्फ्यूज़ हैं. वो चाहती क्या हैं, वो नाना को सजा दिलवाकर न्याय चाहती हैं या फिर बॉलीवुड की सच्चाई दिखाना चाहती हैं?
बहन इशिता दत्ता के लिए ये बॉलीवुड सही कैसे हो गया?
इस पूरे मामले में तनुश्री गलत नहीं हैं लेकिन उनका व्यवहार, और चीजों को देखने समझने का तरीका रास नहीं आ रहा. ये पूरा मामला बॉलीवुड में हो रहे कास्टिंग काउच पर तो मुहर लगाता ही है, लेकिन कई सवाल जेहन में छोड़ भी जाता है कि आखिर क्यों जब हिरोइन्स के साथ इस तरह की कोई बात होती है तो वो खुलकर उसका विरोध नहीं करतीं. वो क्यों कॉम्प्रोमाइज करती हैं. तब चूंकि करियर का सवाल होता है, फिल्में छिन जाने का सवाल होता है, तो वो चुप रहती हैं और सबकुछ सह जाती हैं. लेकिन बाद में जब वो इंडस्ट्री से आउट हो जाती हैं और लगता है कि अब कुछ नहीं हो सकता तो फिर उन्हें अचानक याद आता है कि सालों पहले उनका शोषण किया गया था. और आश्चर्य भी होता है कि सालों के बाद उस वाकए का दर्द, उसका गुस्सा पहले से भी कहीं ज्यादा दिखाई देता है. (जख्म नासूर बन गया है, ये वाला डायलॉग बहुत बासी हो गया है). कुछ भी हो. अगर नाना ने तनुश्री के साथ दुर्व्यवहार किया है तो वो सरासर गलत हैं और नाना उसके दोषी भी हैं, लेकिन जिस तरह की बातें और व्यवहार तनुश्री कर रही हैं उसका समर्थन करना हर किसी के बस की बात नहीं है.
ये भी पढ़ें-
जैक स्पैरो और आमिर की समानता देखकर हंसी आ जाएगी..
लो बजट फिल्में यानी हिंदी सिनेमा के अच्छे दिन
आपकी राय