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Updated: 26 मई, 2018 04:28 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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बीते कुछ समय से शांत पड़ा रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा एक बार फिर से गर्मा गया है और रोहिंग्या मुसलमान पुनः चर्चा में आ गए हैं. रोहिंग्या मुसलमान चर्चा में क्यों दोबारा आए इसके दो कारण हैं पहला 22 मई को बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा का यूनिसेफ की तरफ से बांग्लादेश के कॉक्स बाजार जाना और वहां रोहिंग्या मुसलमानों और उनके बच्चों के साथ फोटो खिंचाना और दूसरा एमनेस्टी इंटरनेशनल की जांच रिपोर्ट.

प्रियंका चोपड़ा, रोहिंग्या मुसलमान, हिंसा, नरसंहार  एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा के चलते एक बार फिर रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा गर्मा गया है

बात की शुरुआत प्रियंका चोपड़ा से करते हैं. प्रियंका चोपड़ा ने बीते दिनों यूनिसेफ़ के एक इवेंट के लिए रोहिंग्या मुसलमानों के बांग्लादेश स्थित शरणार्थी कैंप का दौरा किया. बताया जा रहा है कि शरणार्थी लोगों से मिलने के दौरान उनकी परेशानियां सुनकर प्रियंका भावुक हो गयीं. प्रियंका न सिर्फ लोगों से मिलीं और भावुक हुईं बल्कि उन्होंने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर दौरे की तस्वीरों के साथ इस मुद्दे पर अपने विचार रखे हैं.

अपने इंस्टाग्राम पर प्रियंका ने लिखा है कि, ''मैं आज कोक्स बाज़ार, बांग्लादेश में यूनिसेफ़ की ओर दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी कैंप का दौरा कर रही हूं. 2017 के उत्तरार्द्ध में, दुनिया ने म्यांमार (बर्मा) की रखाइन स्टेट की तरफ़ से की गयी एथनिक क्लीनज़िंग की भयावह तस्वीरें देखी थीं. इस हिंसा ने क़रीब सात लाख रोहिंग्या को सीमा पार करके बांग्लादेश में शरण लेने को मजबूर कर दिया, जिनमें से 60 फीसदी बच्चे हैं. कई महीने बाद वे आज भी असुरक्षित हैं. ऐसे शिविरों में रह रहे हैं, जहां पांव रखने की जगह नहीं है. उन्हें नहीं पता कि वे कहां जाएंगे या वे कहां के कहलाएंगे.''

प्रियंका चोपड़ा, रोहिंग्या मुसलमान, हिंसा, नरसंहार  जाहिर है प्रियंका का रोहिंग्या मुसलमानों से मिलना लोगों को रास नहीं आया और उनकी आलोचना शुरू हो गयी

रोहिंग्या शरणार्थियों की तंगहाली और अनिश्चितता के मद्देनजर प्रियंका ने ये भी लिखा है कि ''इससे भी बुरा ये है कि उन्हें नहीं पता, अगली बार खाना कब मिलेगा और जब तक उनके जीवन में थोड़ा ठहराव आएगा. बरसात का मौसम शुरू होने वाला है. अब तक जो कुछ उन्होंने बनाया है, वो सब नष्ट हो जाएगा. ये बच्चों की पूरी पीढ़ी है, जिसका कोई भविष्य नहीं है. उनके चेहरों पर मुस्कान हैं, मगर मैं उनमें सूनापन देख सकती हूं. इस इंसानी संकट की अग्रिम पंक्ति में ये बच्चे ही खड़े हैं, जिन्हें मदद की सख़्त ज़रूरत है. दुनिया को परवाह करने की ज़रूरत है. हमें परवाह करने की ज़रूरत हैं. ये बच्चे ही भविष्य हैं.'' इसके बाद प्रियंका ने रोहिंग्या शरणार्थियों की मदद के लिए यूनिसेफ़ वेबसाइट का लिंक भी शेयर किया है.

 

I’m in Cox’s Bazar, Bangladesh today for a field visit with UNICEF, to one of the largest refugee camps in the world. In the second half of 2017, the world saw horrific images of ethnic cleansing from the Rakhine State of Myanmar(Burma). This violence drove nearly 700,000 Rohingya across the border into Bangladesh - 60% are children! Many months later they are still highly vulnerable, living in overcrowded camps with no idea when or where they will ever belong...even worse, when they will get their next meal. AND...as they finally start to settle and feel a sense of safety, monsoon season looms...threatening to destroy all that they’ve built so far. This is an entire generation of children that have no future in sight. Through their smiles I could see the vacancy in their eyes. These children are at the forefront of this humanitarian crisis, and they desperately need our help. The world needs to care. We need to care. These kids are our future. Pls Lend your support at www.supportunicef.org #ChildrenUprooted @unicef @unicefbangladesh Credit: @briansokol @hhhtravels

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अभी प्रियंका ने युए तस्वीर डाली ही थीं कि उन्हें लोगों ने ट्रोल करना शुरू कर दिया. ट्विटर से लेकर इंस्टाग्राम तक कई यूजर ऐसे थे जिन्हें प्रियंका का ये अंदाज बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा और उन्होंने प्रियंका के इस कदम की कड़ी आलोचना की.

माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर ऐसी हजारों ऐसी प्रतिक्रियाएं हैं जिनको देखकर साफ है कि लोगों को प्रियंका का ये अंदाज बिल्कुल भी पसंद नहीं आया. बहरहाल प्रियंका की आलोचना में ताजा नाम जुड़ा है भाजपा के वरिष्ठ नेता विनय कटिहार का. प्रियंका की यात्रा के संबंध में कटिहार ने कहा है कि प्रियंका चोपड़ा रोहिंग्या की हकीकत नहीं जानतीं. उन्हें रोहिंग्या शरणार्थियों से नहीं मिलना चाहिए था.' कटियार ने आगे कहा कि रोहिंग्यां शरणार्थियों को इस देश में रहने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जो लोग उनसे हमदर्दी रखते हैं, उन्हें भी इस देश में रहने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.

प्रियंका चोपड़ा, रोहिंग्या मुसलमान, हिंसा, नरसंहार   रोहिंग्या मुसलमान एक बड़ी समस्या के रूप में हमारे सामने हैं

रोहिंग्या के विषय पर क्या कहती है एमनेस्टी इंटरनेशनल की जांच रिपोर्ट

अभी प्रियंका पर चल रही बयानबाजी रुकी भी नहीं है और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने रोहिंग्या मुसलमानों के विषय में कई अहम खुलासे करते हुए अपनी एक जांच रिपोर्ट पेश की है. मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की जांच रिपोर्ट पर यदि यकीन करें तो पता चलता है कि रोहिंग्या मुसलमान चरमपंथियों ने पिछले साल अगस्त में दर्जनों हिंदू नागरिकों की हत्या की थी. बताया जा रहा है कि पूर्व में आरसा नाम के संगठन ने तकरीबन दो नरसंहारों में 99 हिंदू नागरिकों को मार डाला था.

आपको बताते चलें कि ये हत्याएं उसी समय हुई थीं जब म्यांमार की सेना के खिलाफ़ विद्रोह की शुरुआत हुई थी. रोहिंग्या मुसलमानों के सन्दर्भ में म्यांमार की सेना पर भी अत्याचार करने का आरोप है. ज्ञात हो कि गत वर्ष अगस्त के बाद से ही म्यांमार में 7 लाख रोहिंग्या मुसलमानों को हिंसा के कारण पलायन करना पड़ा है. साथ ही इस बवाल के चलते म्यांमार की बहुसंख्यक बौद्ध और अल्पसंख्यक हिंदू आबादी भी काफी हद तक विस्थापित हुई है.

इस विषय पर एमनेस्टी ने साफ संकेत दिए हैं कि घटना के बाद उसने बांग्लादेश और रखाइन में कई इंटरव्यू किए और उन इंटरव्यू में इस बात की पुष्टि हुई है कि अराकान रोहिंग्या सैलवेशन आर्मी (आरसा) ने दिल दहला देने वाली हत्याओं को अंजाम दिया था.

प्रियंका चोपड़ा, रोहिंग्या मुसलमान, हिंसा, नरसंहार   बताया जा रहा है कि हिंसा की शुरुआत पहले रोहिंग्या मुसलमानों ने ही की थी

कह सकते हैं कि एमनेस्टी की ये जांच रिपोर्ट उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है जो लगातार रोहिंग्या मुसलमानों को उनका हक दिलाने के लिए जगह-जगह आंदोलन कर रहे हैं और सोशल मीडिया तक पर उनके समर्थन में हैशटैग डाल रहे हैं और कह रहे हैं कि रोहिंग्या मुसलमानों को उनका खोया हुआ अधिकार दिया जाए.

खैर अब चूंकि जब एमनेस्टी की रिपोर्ट के कारण सच सामने आ गया है तो इस पर भी लोगों की प्रतिक्रिया का आना लाजमी है. ट्विटर सेलेब्रिटियों में शुमार @Imamofpeace ने कहा है कि आज रोहिंग्या लोगों के साथ जो भी कुछ हो रहा है उसकी जिम्मेदार उनकी अपनी जिहादी मानसिकता है जिसमें उन्होंने मासूम हिन्दुओं का नरसंहार किया.

वहीं रोहिंग्या मुसलमानों पर पत्रकार कंचन गुप्ता ने जावेद अख्तर को आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट किया है कि अब जब सच्चाई सामने आ गयी है तो वो अपने बेबुनियाद तर्कों पर सफाई दें. अब चुप रहना विकल्प नहीं है.

ट्विटर पर @matthewfsmith के यूजर नेम ने भी रोहिंग्या मुसलमानों को एक गंभीर समस्या माना है. कहा जा  सकता है कि matthewfsmith ने एक अहम मुद्दा उठाया है जिसपर विचार होना चाहिए.

पत्रकार और ट्विटर सेलेब्रिटियों में शुमार जागृति शुक्ला ने भी इसे एक गंभीर मुद्दा माना है और इसपर अपनी गहरी चिंता जताई है.

बीते कुछ दिनों से ट्विटर पर सक्रिय रहकर ज्वलंत मुद्दों पर प्रतिक्रिया देकर चर्चा में रहने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री कोइना मित्रा ने भी रोहिंग्या को एक बड़ी समस्या माना है और कहा है कि इन्हें देश से जल्द से जल्द डिपोर्ट करा जाए.

मिन्हाज मर्चेंट भी ट्विटर पर तल्ख नजर आए और उन्होंने भी इस समस्या का गंभीरता से संज्ञान लिया.

ध्यान रहे कि आज रोहिंग्या मुसलमानों का पलायन न सिर्फ दुनिया के लिए बल्कि स्वयं भारत के लिए भी एक बड़ी समस्या बन गया है. चाहे जम्मू कश्मीर हो या फिर महाराष्ट्र का मुंबई और असम आज यहां बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमान वास करते हैं और लगातार इनके यहां रहने पर सवाल उठाए जा रहे हैं. अब चूंकि सच्चाई सामने आ ही गयी है तो देखना दिलचस्प रहेगा कि इनको देश से हटाने के लिए सरकार कौन से कड़े कदम उठाती है और इनके लिए क्या करती है.

अगर बात इस पर हो कि इनके साथ दुनिया का बर्ताव सही नहीं है और इन पर लगातार जुल्म किये जा रहे हैं तो यहां ये बताना बेहद जरूरी है कि आज जो कुछ भी इनके साथ हो रहा है उसके जिम्मेदार ये लोग खुद हैं. खुद ही इन्होंने मासूम लोगों की हत्या की और खुद ही विक्टिम बन कर सामने आ गए ताकी प्रियंका जैसे लोगों की नजर इन पर पड़े और ये उनके बल पर दुनिया से रहम और सहानुभूति पाएं.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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