बाबा नीम करोली: वो चमत्कारी बाबा जिन्होंने मार्क जकरबर्ग तक को हैरत में डाल दिया!
बाबा राम रहीम, राधे मां जैसे केस के बाद भले ही लोगों का बाबाओं और संतों पर से विश्वास उठ गया हो लेकिन कुछ नीम करोली बाबा जैसे लोग भी हुए हैं जिन्होंने अपने चमत्कार से कई लोगों के बिगड़े काम बनाए हैं.
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बाबा और अंधविश्वास पर आज के जमाने में कौन ही ध्यान देता है. आज के लोग बस साइंस से जुड़ी बातों पर ही यकीन करते हैं. पर अगर कोई कहे कि फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग भी 'उनके' आशीर्वाद के लिए इंडिया आये थे तो आप भी शायद ही विश्वाश करें. बाबा राम रहीम, राधे मां जैसे केसेस के बाद बाबाओं की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग चुका है.
नीम करोली बाबा...कुछ लोगों ने यह नाम सुना होगा या नहीं, पता नहीं. पर यह वह बाबा हैं जिन्होंने भूले भटके लोगों को राह दिखाई है और साथ ही मार्क जुकरबर्ग, स्टीव जॉब्स जैसी हस्तियों को भी अपना फैन बनाया है. उत्तराखंड के नैनीताल स्थित कैंची धाम में रहने वाले बाबा की महिमा बोलो या चमत्कार ये खुद वो ही बता सकते हैं.
नीम करोली बाबा जिन्होंने कई काम बनाए हैं
मार्क जुकरबर्ग ने नरेंद्र मोदी जी से बात करते हुए इस बात का जिक्र किया था कि वह बाबा नीम करोली के बहुत बढ़े भक्त हैं. और वह इनके आश्रम में भी रहने आये थे. उन्होंने बताया था कि उस समय फेसबुक की हालत कुछ खास नहीं थी पर जैसे ही वह आश्रम से आये उन्हें जैसे कुछ अलग ही मिल गया.
अब उनकी क्या पहचान है? हम सभी जानते और मानते भी हैं. कड़ी मेहनत तो सब कोई करता है पर सफल उनमें से कुछ ही लोग हो पाते हैं. सफलता के पीछे आशीर्वाद की भी काफी अहम जगह है.अब आशीर्वाद ऐसा मिल जाये जो सच में लखपति बना दे, वैसी ही कृपा बनाते है करोली बाबा.
बाबा का जन्म उत्तरप्रदेश के एक गांव में 1900 के करीब हुआ था. कहा जाता है कि 17 साल की आयु में ही बाबा को ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी. बाबा के जीवनकाल और उनकी मृत्यु के बाद भी भक्तों ने अलौकिक और दिव्य चमत्कारों का अनुभव किया.
नीम करोली बाबा का एक बहुत ही दिलचप्स किस्सा है. बाबा नीम करोली के धाम ‘कैंची धाम’ में अक्सर भंडारा चलता है एक बार भंडारे के लिए घी की कमी हो गई. सभी बाबा के पास पहुंचे और उन्हें भंडारे में घी कम पड़ने की समस्या बताई. बाबा ने भोजन में घी के बजाय शिप्रा का जल डालने की बात कही.
बाबा के सेवक भी उनका आदेश मानकर कैंची धाम के बगल में बह रही शिप्रा से जल ले आए और भोजन में इस्तेमाल किया. लेकिन यह जल घी में परिवर्तित हो गया अब यह कहानी साई बाबा जैसी ही है पर सच क्या है वह तो बस बाबा और उनके भक्त ही बता सकते हैं पर उनकी कृपा के लिए तो अब प्रधानमत्रीं भी हाजिर होते हैं.
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