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Updated: 18 दिसम्बर, 2015 03:34 PM
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मुंबई के डांस बारों के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला संजीवनी जैसा था. ऐसा लगा मुंबई के डांस बार फिर से गुलजार हो जाएंगे. लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने उसे फिर तमाशा बना के रख दिया है. फिर से पांव जमाने के लिए अब मुंबई के बार मालिक नये आइडिया पर काम कर रहे हैं.

मुंबई में मराठी अस्मिता का फॉर्मूला ऑल टाइम हिट रहा है, इसलिए कुछ बार मालिक वही नुस्खा आजमाने की कोशिश कर रहे हैं.

भूत काल

1992 के मुंबई दंगे में उसका घर और पिता की छोटी सी दुकान लूट लिये गये - और पूरा परिवार सड़क पर आ गया.

तब उसकी उम्र महज 16 साल थी - और घर की खस्ता हालत ने उसे डांस बार में काम करने को मजबूर कर दिया. मुंबई के दीपा बार में कुछ दिनों में काम कर तरन्नुम को इतनी शोहरत मिली कि दूर दूर से उसका डांस देखने लोग आने लगे.

तरन्नुम पर एक रात में लाखों लुटाए जाने लगे और कुछ ही दिनों में वह मुंबई की करोड़पति बार डांसर बन गई.

तरन्नुम की संपत्ति का खुलासा तब हुआ जब 2005 में महाराष्ट्र सरकार के डांस बार बंद करने के फैसले के बाद उसके घर पर इनकम टैक्स का छापा पड़ा और करोड़ों की संपत्ति का पता चला.

स्टांप घोटाले के लिए कुख्यात अब्दुल करीम तेलगी ने तो टोपाज बार को रातों रात मशहूर कर दिया. कहा जाता है कि एक डांसर पर उसने एक ही झटके में 90 लाख रुपये लुटा दिये थे. हालांकि, ये कभी पता नहीं लग पाया कि वो डांसर थी कौन? तब टोपाज बार की हर डांसर की कमाई एक लाख के ऊपर होती थी.

वर्तमान काल

महाराष्ट्र सरकार के नये फरमान से डांस बार मालिक डरे हुए हैं. नये नियमों के तहत हर डांस बार में सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए जिसकी लाइव फीड नजदीकी थाने में लाइव दिखानी होगी. बार मालिकों को डर सता रहा है कि पुलिस की नजर होने से लोग डांस बार आने से कतरा सकते हैं.

एक दूसरा दृश्य संजय लीला भंसाली की फिल्म बाजीराव मस्तानी से जुड़े विवाद का है. इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश करने के अलावा आरोप है कि फिल्म में दर्शाए गए गीत 'पिंगा...' से मराठी संस्कृति को नुकसान पहुंचा है. यह लावणी है लेकिन फिल्म में एक आइटम सॉन्ग की तरह पेश की गई है.

भविष्य काल

मुंबई में अगर सर्वाइवल ऑफ फिटेस्ट की जंग छिड़े तो मराठी अस्मिता का इंजेक्शन ही उसे जिंदगी बख्श सकता है. ये मानी हुई बात है. बाल ठाकरे, राज ठाकरे और अब आदित्य ठाकरे की ताकत का आधार वही है. महाराष्ट्र की मौजूदा बीजेपी सरकार भी उसी रास्ते पर चल रही है. वरना, मराठी सिनेमा दिखाए जाने के फैसले की आलोचना के लिए शोभा डे को विशेषाधिकार हनन का नोटिस नहीं थमाया जाता.

इसीलिए कुछ डांस बार मालिक अब मराठी डांस बार के बारे में सोचने लगे हैं. आइडिया ये है कि ऐसे डांस बार में बॉलीवुड नंबर की जगह लावणी डांस पेश किये जाएंगे. लावणी डांस महाराष्ट्र का लोक नृत्य है जिसके मराठी अस्मिता से गहरे रिश्ते हैं. ऐसे डांस बार संचालक राज्य भर से लावणी कलाकारों को मुंबई लाने की कोशिश कर रहे हैं.

नये सिस्टम में लोग डंके की चोट पर डांस बार जा सकेंगे - और मामला मराठी अस्मिता से जुड़े होने के कारण उन्हें न तो नेताओं का डर होगा न पुलिस का खौफ.

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