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Updated: 12 दिसम्बर, 2015 07:29 PM
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ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड. दो अलग-अलग देश लेकिन एक अजीब समानता. दोनों के राष्ट्रीय झंडे में यूनियन जैक की झलक. वर्षों पुराने उस ब्रिटिश उपनिवेश की झलक. हालांकि दोनों देशों में एक बड़ा अंतर भी है. ऑस्ट्रेलिया का अपना संविधान है जबकि न्यूजीलैंड आज भी 'रिपब्लिक' नहीं है. कहीं न कहीं ब्रिटिश पहचान न्यूजीलैंड से आज भी जुड़ी हुई है. लेकिन न्यूजीलैंड अपनी पहचान यानी अपने झंडे को बदलने की राह पर आगे बढ़ चला है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले साल जेनरल नॉलेज की किताब में आपको न्यूजीलैंड का नया झंडा दिख जाएगा. यूनियन जैक से पीछा छुड़ाने की कवायद

न्यूजीलैंड में काफी दिनों से इस बात पर चर्चा चल रही है कि अब वक्त आ गया है कि वह अपना राष्ट्रीय झंडा बदल ले. इसे लेकर वहां जनमत संग्रह का दौर जारी है. पुराने झंडे की जगह लेने के लिए पांच दूसरे झंडे दौड़ में थे. लेकिन प्रारंभिक नतीजों के अनुसार काले, उजले और नीले रंग के साथ फर्न की पत्ती वाला यह फ्लैग रेस में सबसे आगे है.

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दूसरे नंबर पर ये डिजाइन मौजूद है..

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फाइनल नतीजे 15 दिसंबर को घोषित होंगे. इसके बाद आखिरी और निर्णायक जनमत संग्रह अगले साल संभवत: मार्च में होगा. वैसे यह भी दिलचस्प है कि इतने बड़े बदलाव की बात वहां हो रही है लेकिन न्यूजीलैंड के चुनाव आयोग के अनुसार केवल 48 फीसदी लोगों ने ही अपना वोट डाला. इसका कारण ये है कि एक बड़ा तबका वहां ऐसा भी है जिसका मानना है कि अब राष्ट्रीय झंडे को बदलने का कोई मतलब नहीं है और उन्हें मौजूदा झंडे के साथ ही आगे बढ़ना चाहिए.

किसी देश की पहचान उसके राष्ट्रीय झंडे से होती है. और अगर न्यूजीलैंड अपनी पहचान को नए तरीके से गढ़ने की कोशिश में है, तो वाकई इसे एक बड़ा बदलाव माना जाना चाहिए.

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