एक देश का आर्थिक संकट दूर कर रही है यह गुड़िया!
'चाइल्ड ऐंजल' यानी कि 'थाईलैंड की गुडिया', जिसे 'लुक थेप' भी कहा जाता है. ये गुड़ियां छोटे बच्चों के आकार जितनी बड़ी होती हैं. माना जाता है कि इनमें जान होती है और इनके साथ इंसान की तरह ही व्यवहार किया जाता है.
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घर की सुख समृद्धि के लिए लोग पूजा अर्चना को जितना जरूरी समझते हैं उतना ही यकीन टोटकों में भी करते हैं. भारत में लॉफिंग बुद्धा, कछुआ और बैंबू की पॉपुलेरिटी तो सब देख ही चुके हैं. इन चीजों में भरोसा रखने वाले लोगों के लिए शायद एक और प्रोडक्ट जल्दी ही भारतीय बाजारों में देखने मिल जाए. आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा थाईलैंड फिलहाल इसका सहारा ले रहा है.
ये है 'चाइल्ड ऐंजल' यानी कि 'थाईलैंड की गुडिया', जिसे थाईलैंड में 'लुक थेप' कहा जाता है. ये गुड़ियां छोटे बच्चों के आकार जितनी बड़ी होती हैं. कहने को तो ये गुड़िया है लेकिन इनसे इंसान की तरह ही व्यवहार किया जाता है.
सौभाग्य लाती हैं ये 'चाइल्ड ऐंजल'
थाईलैंड के लोग बौद्ध धर्म को मानने के साथ-साथ अंधविश्वासों और और काले जादू पर भी यकीन रखते हैं. लोग बाजार से गुड़िया खरीदकर लाते हैं और फिर उसमें पवित्र आत्मा का आह्वान किया जाता है. थाईलैंड की अर्थव्यवस्था इन दिनों काफी खराब स्थिति में है, ऐसे में यहां के लोग इन्हीं डॉल्स से उम्मीदें लगाए हुए हैं. इनसे होने वाले चमत्कारों के किस्से काफी प्रचलित हैं लिहाजा इनका मानना है कि ये डॉल्स ही सौभाग्य और समृद्धि लेकर आएंगी.
गुड़िया नहीं घर की सदस्य हैं
ये गुड़िया परिवार का सदस्य बनकर ही रहती हैं. इनका बाकायदा नाम रखा जाता है और घर के बच्चे की तरह ही इनका ख्याल भी रखा जाता है. खाने, पीने से लेकर कपड़े बदलना, बाल संवारना सब समय पर किया जाता है. कहीं जाना हो, रेस्टोरेंट या फिर किसी फंक्शन में, ये 'चाइल्ड ऐंजल' हर जगह साथ होती हैं. क्योंकि लोग मानते हैं कि इन गुड़ियों में जान होती है.
थाईलैंड के सेलेब्रिटीज ने जब ये दावा किया कि इन डॉल्स की वजह से ही उन्हें सफलता मिली है, इनकी डिमांड तेजी से बढ़ने लगी. ये 'चाइल्ड ऐंजल' 40 डॉलर से लेकर 2000 डॉलर तक की कीमत में उपलब्ध हैं.
भावनाओं की लग रही है कीमत
डॉल्स को घर का सदस्य मानने वाले लोगों की भावनाओं को अब बाकी लोग भुनाने लगे हैं. लोग इन डॉल्स को हमेशा अपने साथ लेकर चलते हैं, फ्लाइट में भी. लेकिन अब एक एयरलाइन कंपनी ने एलान किया है कि इन डॉल्स का अलग से टिकट लगेगा, इन्हें सीट और नाश्ता भी उपलब्ध कराया जाएगा. बस में सफर करने वालों को भी इन डॉल्स के लिए आधा टिकिट लेना होता है. इतना ही नहीं कुछ लोग तो इन गुड़ियों का इस्तेमाल ड्रग्स की स्मगलिंग में भी करने लगे हैं.
ये देश तंगी से गुजर रहा है लेकिन हजारों और लाखों की कीमत वाली ये डॉल्स धड़ल्ले से बिक रही हैं. इसके चमत्कार से देश के हालात सुधरेंगे या नहीं, ये तो वक्त बताएगा लेकिन इन गुड़ियों को बनाने वालों की तो फिलहाल चांदी है.
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