मोदी सरकार के 2 साल में नहीं आए अडानी, अंबानी के अच्छे दिन
मोदी सरकार में दो साल से नुकसान झेल रही कंपनियों में सबसे खास अंबानी, अडानी, जिंदल और वेदांता समूह है. मोदी के कार्यकाल में इन कंपनियों ने अपनी मार्केट वैल्यू का लगभग आधे से एक-तिहाई हिस्से तक गंवा दिया है. नई सरकार से इन्हें सबसे ज्यादा उम्मीद थी.
-
Total Shares
अच्छे दिन के वादे के साथ केन्द्र में आई मोदी सरकार के कार्यकाल का दो साल पूरा होने में चन्द घंटे बचे हैं. 26 मई 2014 को मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते वक्त देश के 15 बड़े कॉरपोरेट घरानों की कुल संपदा (मार्केट वैल्यू) 37.44 लाख करोड़ रुपये थी. आज जब मोदी सत्ता में अपना दो साल पूरा करने जा रही हैं तो इन कंपनियों की हालत पतली हो चुकी है. इन दो साल में इन कंपनियों की कुल संपदा में लगभग 17 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है. यानी इन दो साल के मोदी सरकार में देश के 15 बड़े करपोरेट घरानों के अच्छे दिन फिलहाल नहीं आए.
दो साल से नुकसान झेल रही कंपनियों में सबसे खास अंबानी, अडानी, जिंदल और वेदांता समूह है जिन्होंने मोदी सरकार के कार्यकाल में अपनी मार्केट वैल्यू का लगभग 51 फीसदी गंवा दिया है. गौरतलब है कि इन 15 कंपनियों की कुल संपदा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर लिस्टेड सभी कंपनियों की कुल संपदा का एक तिहाई है. बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों की मार्कट वैल्यू फिलहाल 96 लाख करोड़ रुपये है और इसमें 15 शीर्ष कंपनियों के पास 31 लाख करोड़ रुपये से अधिक संपदा है. वहीं 2014 में इन कंपनियों की कुल संपदा 37.33 लाख करोड़ रुपये थी औऱ मोदी सरकार के एक साल पूरे होने के बाद इनकी कुल संपदा 36.5 लाख करोड़ रुपये थी.
नरेन्द्र मोदी और कॉरपोरेट जगत |
जानकारों का मानना है कि दो साल पहले मोदी सरकार की उम्मीद पर ज्यादातर कंपनियों ने अपनी कमाई का आंकलन बढ़चढ़ के किया था. अदानी और अंबानी जैसे समूहों को मोदी के अच्छे दिन के वादे पर दुनियाभर में अपने काम में अच्छे विस्तार की उम्मीद थी. लेकिन अब दो साल बाद उनका काम बढ़ने के बजाए सिमट रहा है और ऐसा इन दो साल के दौरान अर्थव्यवस्था में शिथिलता जिम्मेदार है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के सबसे नजदीकी माने जाने वाले गौतम अदानी के अदानी समूह को दुनियाभर में माइनिंग, शिपिंग और इंफ्रा कंस्ट्रक्शन सेक्टरों में बड़े काम की उम्मीद थी. अदानी ग्रुप की आज शेयर मार्केट में लिस्टेड चार कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू 57,150 करोड़ रुपये है. जबकि 26 मई 2014 में इनमें से महज तीन लिस्टेड कंपनियों की मार्केट वैल्यू 1,17,388 करोड़ रुपये थी. वहीं मोदी सरकार से अच्छी सांठगांठ के लिए माने जाने वाले अनिल अंबानी की कंपनी एडीएजी की मार्केट वैल्यू इन दो साल के दौरान 44 फीसदी कम होकर 49,081 करोड़ रुपये रह गई है.
इस सूचि में देखिए देश की टॉप कंपनियों की संपदा में गिरावट (लाख करोड़ रुपये में)
कॉरपोरेट घराना | 26 मई 2016 | 26 मई 2015 | 26 मई 2014 | मोदी सरकार में गिरावट |
मुकेश अंबानी | 3,03,371 | 2,86,877 | 3,56,778 | 15 फीसदी |
वेदांता | 1,22,521 | 1,66,919 | 2,14,400 | 43 फीसदी |
गौतम अदानी | 57,150 | 1,70,171 | 1,17,388 | 51 फीसदी |
ओ पी जिंदल | 51,301 | 56,711 | 74,232 | 31 फीसदी |
अनिल अंबानी | 49,081 | 51,970 | 87,363 | 44 फीसदी |
इस सूचि में देखिए देश की टॉप कंपनियों की संपदा में इजाफा (लाख करोड़ रुपये में)
कॉरपोरेट घराना | 26 मई 2016 | 26 मई 2015 | 26 मई 2014 | मोदी सरकार में बढ़त |
टाटा | 7,83,748 | 8,29,739 | 7,15,866 | 9.5 फीसदी |
सुनील मित्तल | 2,08,906 | 2,47,978 | 1,80,125 | 16 फीसदी |
शिव नादर | 1,07,520 | 1,42,842 | 1,00,994 | 6.5 फीसदी |
पीरामल अजय | 25,450 | 18,224 | 12,135 | 110 फीसदी |
बिड़ला (सभी) | 22,585 | 21,731 | 16,210 | 48.3 फीसदी |
आपकी राय