फॉक्सवैगन की लग्जरी गाड़ियां भी छोड़ती हैं गैस
यह पहली नहीं फॉक्सवैगन की दूसरी चोरी है. अमेरिका की प्रदूषण कंट्रोल एजेंसी ने दावा किया है कि फॉक्सवैगन ने अपनी लग्जरी और विआईपी कारों में भी प्रदूषण जांच पास करने के लिए सॉफ्टवेयर लगा रखा है.
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अमेरिका की प्रदूषण कंट्रोल एजेंसी ईपीए ने नया आरोप लगाया है कि फॉक्सवैगन की 3 लीटर डीजल इंजन गाड़ियों में भी प्रदूषण स्तर चोरी करने का सॉफ्टवेयर लगा हुआ है. छह सिलेंडर वाले यह इंजन अमेरिका और यूरोप में दौड़ रही ज्यादातर विआईपी और लक्जरी गाड़ियों में लगा है. उदाहरण के लिए ऑडी क्वात्रो (Audi Quattro) समेत ऑडी के 5 अन्य मॉडल, पोर्श (VW Touareg) और पोर्श कायन (Porsche Cayenne) में इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल का आरोप है. अमेरिकी एजेंसी के मुताबिक कंपनी ने 2014 से शुरू कर उसके बाद के सभी मॉडल में एमीशन छिपाने के लिए सॉफ्टवेयर लगाया है.
कुछ दिन पहले ही जर्मन ऑटो दिग्गज फॉक्सवैगन ने अपने 2 लीटर डीजल इंजन, जो आमतौर पर छोटी गाड़ियों के लिए बना है, में फर्जीवाड़ा करने की बात मानी थी. इस फर्जीवाड़े के चलते कंपनी के सीईओ को अपना पद छोड़ना पड़ा और नए सीईओ ने पूरी दुनिया से माफी मांगी. बात छोटी गाड़ियों की थी, लिहाजा जर्मन कंपनी के साथ-साथ जर्मन सरकार की प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठ रहा था. लेकिन अब नए खुलासे के बाद तो शायद कंपनी को डैमेज कंट्रोल की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.
हालांकि, फॉक्सवैगन ने अमेरिकी एजेंसी ईपीए के आरोपों से इंकार करते हुए कहा है कि वह एजेंसी की जांच में पूरी तरह से मदद करेगा. गौरतलब है कि अमेरिका में फॉक्सवैगन की 2 लीटर डीजल इंजन वाली लगभग 5 लाख गाड़िया अमेरिका में दौड़ रही हैं. वहीं कंपनी के मुताबिक इन 3 लीटर इंजन से युक्त लगभग 10,000 लग्जरी डीजल गाड़ियां अमेरिका में दौड़ रही हैं. वहीं यूरोप में यह संख्या कहीं ज्यादा बड़ी है.
ईपीए के मुताबिक इन डीजल गाड़ियों में लगे सॉफ्टवेयर की मदद से यह गाड़ियां जहरीली गैस नाइट्रोजन ऑक्साइड के स्तर को टैस्ट के समय छिपा लेती हैं. वहीं वास्तव में रोड पर चलते समय यह गाड़ियां निर्धारित स्तर से लगभग 9 गुना ज्यादा नाइट्रोजन ऑक्साइड छोड़ती हैं. लिहाजा, अगली बार हॉलीवुड की फिल्मों में या दिल्ली मुंबई की सड़कों पर लंबी लग्जरी गाड़ी देखिएगा तो यह मत सोचिएगा कि यह गाड़ियां गैस नहीं छोड़ती.
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