जैसलमेर, मैसूर की तरह फेल हो जाएंगे बिहार के एयरपोर्ट भी...
मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में 2,700 करोड़ रुपये की लागत से 4 नए एयरपोर्ट बनाने की घोषणा की है. अच्छा होता कि वे एक बार पहले यूपीए सरकार के कार्यकाल में बने एयरपोर्ट पर नजर डाल आते-
-
Total Shares
देश में सस्ती हवाई यात्रा का इतिहास दस साल पुराना ही है. अचानक से लोगों की बढ़ी दिलचस्पी को देखते हुए तत्कालीन यूपीए सरकार ने 200 नए हवाई अड्डे बनाने की योजना बनाई. कई बन भी गए और अब बोझ बन गए. देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर सिस्टम को नई दिशा देने की इच्छा रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या इस मामले में क्या यूपीए के ही रास्ते पर चलेंगे?
पहले एक नजर दुर्दशा पर
देश में ज्यादातर हवाई अड्डों पर नए टर्मिनल का विस्तार यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुआ.-सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा संचालित कुल 100 हवाई अड्डों में आधे से ज्यादा हवाई अड्डों पर इस साल एक भी शेड्यूल्ड विमान की लैंडिंग नहीं हुई है.-केन्द्र सरकार ने 2009 से अभी तक देश के 8 ऐसे हवाई अड्डों पर लगभग 326 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं जिन पर आज तक एक भी शेड्यूल्ड हवाई जहाज नहीं उतरा है.-जैसलमेर एयरपोर्ट पर 111 करोड़ रुपये की लागत से बनी नई टर्मिनल बिल्डिंग दो साल पहले बन कर तैयार हो चुकी है, लेकिन आज भी यह खाली पड़ी है.-साल भर में लगभग 3 लाख पैसेंजर क्षमता वहन करने और 180 सीटर जेट विमानों की पार्किंग की सुविधा के बावजूद अभी तक इस टर्मिनल से एक भी पैसेंजर नहीं गुजरा है.-दक्षिण भारत में हाल में बने मैसूर हवाई अड्डे पर निजी विमान कंपनी स्पाइसजेट ने पर्याप्त पैसेंजर न मिलने के कारण एक साल से अपनी उड़ान रद्द कर दी है.
मोदी सरकार का विजन और विरोधाभास
2015 की पहली छमाही में लगभग 38 मिलियन पैसेंजर हो चुके हैं. देश के प्रमुख एयरपोर्ट पर 80 फीसदी से ज्यादा पैसेंजर आते हैं और वह अपनी पूर्ण क्षमता पर काम कर रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार ने एयर पैसेंजर्स की संख्या में प्रतिवर्ष हो रहे लगभग 20 फीसदी इजाफे को देखते हुए देश में हवाई अड्डों के निर्माण में तेजी लाई है. -केन्द्र सरकार एक तरफ देश में चार बड़े एयरपोर्ट के विस्तार के लिए प्राइवेट पार्टनर की खोज जोर शोर से कर रही है, वहीं देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में दूसरा एयरपोर्ट का काम कई वर्षों से पिछड़ रहा है.इस सबके अलावा बिहार में चार एयरपोर्ट. क्या इस बारे में सरकार ने कोई सर्वे कराया है. या ये सिर्फ चुनावी शिगुफा है?
आपकी राय