30 की उम्र में अक्सर लोग करते हैं ये बड़ी गलती!
आज में जीना अच्छी बात है, लेकिन अगर भविष्य को लेकर बिलकुल भी चिंता न की जाए तो ये यकीनन काफी गलत साबित हो सकता है.
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30 की उम्र में मिड लाइफ क्राइसेस किसी की भी जिंदगी में आम बात है, लेकिन अगर इस समय फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं की तो यकीनन ये गलती आने वाले समय में बहुत भारी साबित हो सकती है. 50-60 की उम्र में वही पैसा काम आता है जो 30 की उम्र में जोड़ा होता है. ऐसे में कुछ फाइनेंशियल गलतियों पर ध्यान रखना चाहिए ...
1. फ्यूचर की महंगाई के बारे में सोचना...
अगर आपके पैदा होने के पहले मां-बाप की शादी में 1 लाख का खर्च आया था तो वो अब लगभग 20 लाख हो गया है. टर्म इंश्योरेंस हो या फिर आने वाले समय में किसी बड़े खर्च का बजट बनाना सब कुछ महंगाई को ध्यान में रखकर करिए. पेंशन प्लान भी ऐसा सोचकर ही लीजिए.
2. इंश्योरेंस..
हेल्थ इंश्योरेंस आसानी से लोग ले लेते हैं, कुछ को ये कंपनी की तरफ से मिल जाता है, लेकिन किसी ने कल नहीं देखा. मौत कभी किसी को बता कर नहीं आती. अस्पताल में भर्ती होने मात्र से सेविंग्स खत्म हो जाती हैं, मौत से किसी बच्चे को फ्यूचर में दिक्कत हो सकती है. इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस दोनों ही बहुत जरूरी हैं.
3. लोन और क्रेडिट कार्ड..
हमेशा उतने ही लोन लीजिए जितने के पैसे चुका सकें. सीधी सी बात है. अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड का बिल बहुत ज्यादा है तो पहले उसे चुकाएं फिर आगे लोन लें. चाहें होम लोन हो या फिर पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड का बिल, अगर सेविंग्स से ज्यादा आय का 60-70% पैसा लोन में ही खर्च हो रहा है तो उसका कोई मतलब नहीं है. घर जरूरी है, लेकिन छोटी गाड़ी में भी काम चल सकता है. लोन और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल हर छोटी-मोटी चीज़ के लिए करना सही नहीं.
4. बचत और निवेश में फर्क..
अगर पैसा खर्च नहीं कर रहे हैं और अकाउंट में रखा हुआ है तो वो बचत ठीक तो है, लेकिन उसका महंगाई से क्या लेना देना है ये भी देखिए. पैसा निवेश करना जरूरी है. निवेश के साथ-साथ महंगाई का लेखा-जोखा भी रखिए. पैसा सिर्फ सेविंग्स अकाउंट में रखना एक तरह से गलती ही होगी. अगर निवेश किया जाएगा तो पैसा बढ़ेगा. म्यूचुअल फंड, स्टॉक मार्केट, टर्म इंश्योरेंस आदि बहुत सारे विकल्प हैं जिनमें निवेश किया जा सकता है.
5. किसी एक्सपर्ट से सलाह न लेना..
अगर कोई घर बनवाता है तो पहले इंजीनियर से नक्शा बनवाता है न. ठीक वही फाइनेंशियल एडवाइस के बारे में कहा जा सकता है. एक या दो एक्सपर्ट से अपने फाइनेंस और फ्यूचर के बारे में सलाह लेना एक सही तरीका है और अगर इसे छोड़कर ये सोचा जाए कि बस हम सब कर सकते हैं तो यकीन मानिए कहीं न कहीं गलती हो सकती है.
6. ईक्विटी में एक ही बार में निवेश करना..
कुछ लोग ऐसी ईक्विटी में इन्वेस्ट करते हैं जो टैक्स में बचत कराती है. लेकिन यहां पर वो एक गलती कर जाते हैं. वो एक ही बार में ईक्विटी में इन्वेस्ट कर देते हैं. इससे उनके पैसे डूबने की आशंका बढ़ जाती है. इसलिए सबसे अच्छा तरीका ये है कि पूरे साल आप अपने निवेश को अलग-अलग जगहों पर करें.
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