कोरोना के बाद EPFO से करोड़ों निकालती जनता पीएम मोदी की दूसरी बड़ी चुनौती है!
लॉकडाउन के इस दौर में EPFO से जिस तरह तरह लोगों की एक बड़ी संख्या ने पैसा निकाला है उसने इतना तो साफ़ कर ही दिया है कि कहीं न कहीं जनता डरी हुई है. साथ ही अब उसका ये डर देश की अर्थव्यवस्था (Economy) और सरकार के अलावा पीएम मोदी (PM Modi ) को डराने के स्तर पर आ गया है.
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कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर पूरा देश गफलत में है. बिमारी अपने पैर और न पसारे इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) को बल देते हुए लॉकडाउन (Lockdown) किया गया है. लॉक डाउन की अवधि 3 मई को समाप्त हो रही है मगर जिस तेजी के साथ बीमारों की संख्या बढ़ रही है और मौत का ग्राफ (Coronavirus deaths in India) ऊपर जा रहा है माना यही जा रहा है सरकार लॉक डाउन में ढील नहीं देगी और लोग अभी कुछ दिन और अपने अपने घरों में रहेंगे. कोरोना वायरस का सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था (Economy) पर पड़ा है और जैसे हालात बने हैं वो सरकार और जनता को विचलित करने वाले हैं. जनता का हाल हमें पता है मगर इस लॉक डाउन ने सरकार की उलझन कैसे बढ़ाई है यदि इस बात को समझना हो तो हम श्रम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले EPFO का रुख कर सकते हैं. EPFO से गुजरे महीने के दौरान 8.2 लाख लोगों ने तकरीबन 3,245 करोड़ रुपए निकाल कर सरकार को सकते में डाल दिया है.
ईपीएफओ से जिस तरह देश की एक बड़ी आबादी ने अपना पैसा निकाला है वो कई मायनों में विचलित करता है
EPFO से आई इस ख़बर के बाद इतना तो तय हो गया है कि भारतीय डरे हुए हैं और उनके इस डर का खामियाजा प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से देश की सरकार को भुगतना पड़ रहा है. गुजरे एक महीने के दौरान जिस हिसाब से लोगों ने अपने अपने खातों से पैसे निकाले हैं ये इस बात की भी तस्दीख कर देता है कि शायद लोग जल्दबाजी में हैं और उनका अपनी सरकार के प्रति भरोसा कम हुआ है.
Employees' Provident Fund Organization (EPFO) has settled around 13 lakh claims, including over seven lakh COVID-19 claims under Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana package (PMGKY) pic.twitter.com/6gNprkuUuh
— All India Radio News (@airnewsalerts) April 29, 2020
ध्यान रहे कि लॉक डाउन के इस दौर में इस जानलेवा बीमारी से निपटने और लोगों की ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए EPFO ने पीएफ से पैसे निकालने की विशेष सुविधा दी है. सरकार द्वारा दी गयी इस सुविधा का फायदा लोगों ने भी उठाया है और इस क्रम में तकरीबन 8 लाख लोग अपने पीएफ से पैसा निकाल चुके हैं.
मामले पर श्रम मंत्रालय ने कुछ आंकड़े पेश लिए हैं. यदि इन आंकड़ों पर नजर डालें तो मिलता है कि लॉक डाउन के दौरान 8 लाख से ऊपर लोगों ने EPFO और निजी पीएफ ट्रस्टों से 3, 245 करोड़ रुपए की निकासी सिर्फ एक महीने में की है. ध्यान रहे कि लोगों को हो रही परेशानियों के मद्देनजर EPFO ने गुजरे महीने की 28 तारीख को संगठित क्षेत्रों के श्रमिकों को अपने पीएफ एकाउंट से नॉन रिफेंडबल एडवांस निकालने की अनुमति दी थी.
#IndiaFightsCoronaEPFO reiterates its commitment to serving during this difficult situation. EPFO has settled 10.02 Lakh claims including 6.06 Lakh COVID-19 claims under PMGKY in just 15 working days.via NaMo App
— Rakesh Kumar Singh (@RakeshK47978609) April 29, 2020
बताते चलें कि लेबर मिनिस्ट्री की ओर से जारी हुए बयान में इस बात का जिक्र किया गया है कि, ''केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले EPFO ने कुल 12.91 लाख क्लेम का निपटारा किया है. जिसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) पैकेज के तहत 7.40 लाख कोविड-19 क्लेम भी शामिल हैं. EPFO ने अब तक कोविड-19 से जुड़े 2,368 करोड़ रुपये के दावों का निपटान किया है. ध्यान रहे कि पैसों की ये निकासी पूरी तरह से ऑनलाइन है जिससे जरूरतमंदों को एक बड़ी राहत मिल रही है.
How to avail benefit under PMGKY pic.twitter.com/vdaDveLLXn
— EPFO TAMBARAM (@epfotambaram) April 28, 2020
गौरतलब है कि PMGKY स्कीम के तहत कोविड-19 से लड़ाई के लिए लागू किये गए लॉकडाउन के दौरान वेतनभोगी तबके के लिए EPF स्कीम से निकासी का प्रावधान किया गया था. इस प्रावधान के तहत पीएफ सब्सक्राइबर्स तीन माह का वेतन और महंगाई भत्ता या पीएफ अकाउंट में मेंबर के अंशदान में जमा राशि में जो भी कम हो, उसकी निकासी कर सकते हैं. साथ ही सरकार की तरफ से ये भी कहा गया था कि यदि आपने ये राशि पीएफ खातों में से निकाली है तो इसपर आपको इनकम टैक्स भी नहीं देना होगा.
बहरहाल जिस हिसाब से लोग धड़ल्ले से अपने पीएफ खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं और जैसे इसमें निकासी हो रही है साफ़ तौर पर नुक्सान सरकार का हो रहा है. भले ही ये पैसा जनता का हो मगर जिस तरह जनता ने जल्दबाजी का परिचय दिया और एक एक मुश्त में पैसे निकाले कई सवालों के जवाब खुद बी खुद मिल गए हैं.
ये अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों के इस बर्ताव ने इतना तो साफ़ कर ही दिया है कि हम कोरोना वायरस के रूप में एक महामारी के खिलाफ एकजुट होकर नहीं बल्कि अलग अलग होकर लड़ाई लड़ रहे हैं. अब जब हालात ऐसे जटिल और लोगों का रवैया ऐसा हो हम शायद ही कभी कोरोना को परास्त कर पाएं.
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