कितना सच है कि सरकार हमारा बैंक में जमा पैसा छीनने जा रही है...
मोदी सरकार की तरफ से पहले नोटबंदी का सख्त कदम उठाया गया और फिर जीएसटी जैसा कड़ा फैसला लागू किया गया, अब सरकार खाताबंदी करने वाली है.
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मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही अर्थव्यवस्था में सुधार के काम शुरू कर दिए हैं. इसी के तहत नोटबंदी और जीएसटी को भी लागू किया गया. मोदी सरकार की तरफ से पहले नोटबंदी का सख्त कदम उठाया गया और फिर जीएसटी जैसा कड़ा फैसला लागू किया गया. अब सरकार खाताबंदी करने वाली है, जिससे आप अपना ही पैसा बैंक से नहीं निकाल पाएंगे. सरकार एक नया नियम ला रही है, जिससे जरूरत पड़ने पर खाताबंदी की जा सकेगी. इस अहम कदम से देश की रेटिंग, अर्थव्यवस्था की हालत और बैंकों की स्थिति तो सुधरेगी, लेकिन आम आदमी एक बार फिर से परेशानियों से जूझता हुआ दिखाई दे सकता है.
नहीं निकाल सकेंगे अपने ही पैसे
सरकार 'फाइनेंशियल रिसॉल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल 2017' (FRDI Bill) ला रही है, जो आपके पैसों पर ताला लगाने का काम करेगा. जून में ही सरकार ने इस बिल की मंजूरी दे दी है, जिससे सेविंग बैंक खाताधारकों में चिंता की स्थिति पैदा हो गई है. इस नियम के तहत अगर किसी बैंक के डूबने की स्थिति हो जाती है तो उसे कर्ज से निपटने के लिए खाताधारकों के पैसों को इस्तेमाल करने की इजाजत भी दी जा सकती है. इसका मतलब हुआ कि बैंक आपके द्वारा जमा किए पैसों का एक हिस्सा या पूरा पैसा लॉक कर सकते हैं और उससे आपना कर्ज चुका सकते हैं.
मोदी सरकार की तरफ से पहले नोटबंदी का सख्त कदम उठाया गया और फिर जीएसटी जैसा कड़ा फैसला लागू किया गया, अब सरकार खाताबंदी करने वाली है.
ऐसा हुआ तो डूब सकते हैं सारे पैसे
मौजूदा डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट, 1961 के तहत बैंक में जमा आपके अधिकतम 1 लाख रुपए का बीमा होता है. यानी बैंक के डूबने की स्थिति में आपको 1 लाख रुपए तक वापस मिल जाएंगे. भले ही आपने 1 लाख से अधिक पैसे बैंक में जमा किए थे, तो भी आपको 1 लाख रुपए ही वापस मिलेंगे. अब FRDI Bill के सेक्शन 52 के तहत आपके 1 लाख रुपए का बीमा भी कैंसिल हो सकता है. बैंक आपके सारे पैसे आपको देने से मना कर सकता है. इसका मतलब है कि आपके सारे पैसे बैंक डूबने के साथ-साथ डूब सकते हैं. हालांकि, अभी तक ऐसा नहीं हुआ है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार किसी भी बैंक की हालत खस्ता होने से पहले ही कोई न कोई सुधार वाला कदम उठाकर स्थिति को संभाल लेते हैं.
आपको फायदा या नुकसान?
आम आदमी को इस नियम के बारे में जानने के बाद यह चिंता हो रही है कि आखिर उसे इससे फायदा होगा या फिर नुकसान हो जाएगा. यह नियम आपके और देश की अर्थव्यवस्था दोनों के लिए फायदे वाला है. आपके जिन पैसों को बैंक लॉक करेगा, उसे एक निश्चित समय के लिए फिक्स डिपॉजिट या अन्य किसी स्कीम में डाल देगा. ऐसे में आपको सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आपके उन पैसों पर आपको ब्याज मिलेगा. वहीं दूसरी ओर, देश के बैंकों पर कर्ज न होने से देश की अर्थव्यवस्था भी सुधरेगी और रेटिंग एजेंसियां अच्छी रेटिंग देंगी. हालांकि, आप अपने कुछ पैसों को अपनी मर्जी से इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.
कितना है कुल एनपीए?
जून में खत्म हुई तिमाही के आंकड़ों के अनुसार देश के 38 लिस्टेड कमर्शियल बैंकों का कुल एनपीए 8,29,336 करोड़ रुपए हो चुका है. नोटबंदी के बाद महज 6 महीनों के अंदर ही एनपीए में 1 लाख करोड़ से भी अधिक की बढ़ोत्तरी हुई. 31 दिसंबर 2016 तक 7,32,976 करोड़ रुपए का एनपीए था.
सोशल मीडिया में गफलत
FRDI Bill को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चा शुरू हो चुकी है. कुछ लोग इसे मोदी सरकार का एक अहम फैसला मान रहे हैं तो कुछ इस नियम को खराब बता रहे हैं. सोशल मीडिया पर इस नए नियम को रद्द करने की भी अपील की जा रही है और लोगों से भी इस नियम के खिलाफ खड़ा होने को कहा जा रहा है.
#SavePublicSectorBanks it’s your money, your hard earned savings, your pensions and fixed deposits that is protected in Public banks. But @narendramodi & @arunjaitely are forfeiting all that with the FRDI Bill. Wake up India and demand #FRDI bill is scrapped now.
— Leo Saldanha (@leofsaldanha) November 28, 2017
#मोदी_सरकार ला रही है #FRDI बिल....जिसके अनुसार बैंक, सरकार को #प्रायोजित करने वाले उद्योगपतियों के ऋण की वसूली जनता से करेंगे...मतलब जनता के खातों में जमा सफेद धन को बिना बताए/पूछे #जब्त कर बैंक अपना नुकसान पूरा कर सकेगा...अबकी बार #लुटेरी_सरकार
— Sachin Singla (@sachinsingla008) December 5, 2017
यह भी कहा जा रहा है कि सरकार आपके पैसों को लूटने की तैयारी कर रही है.
#SavePublicSectorBanks : PSU Banks protect your money, your hard earned savings, your pensions. But the Govt is bent on forfeiting your money through # FRDI Bill. Wake up India. Join the protest and scrap #FRDI bill.
— Soumya Datta (@SoumyaDatta7) December 2, 2017
एक यूजर ने यह भी लिखा है कि अगर यह नियम भी नोटबंदी और जीएसटी की तरह बिना किसी तैयारी के लागू कर दिया जाता है तो आम आदमी को सिर्फ भगवान ही बचा सकता है.
If #FRDI is Implemented in Same haste & without proper preparation as Other two Reforms ( #GST & #Demonetisation ) were Implemented- Then ‘ God ‘ only can help the common man ,Who has put his Hard Earned Money in Banks .????Proper application of Mind before implementing is Must????
— Loose_Bull (@loosebool) December 6, 2017
#मोदी की कुदृष्टि अब आपके "बैंक" में रखे पैसे पर भी,,, इस नए कानून #FRDI के बाद नहीं मिलेगा आपको आपका ही पैसा.????????
— Ravita Punia (@ravita4ever) December 6, 2017
#नोटबंदी और #GST लूट के बाद अब:मोदी सरकार के नए फाइनेंशियल बिल #FRDI के अनुसार अब बैंक अपनी जि़म्मेदारी को समाप्त करने या ग्राहकों के साथ नेचर आफ कॉन्ट्रैक्ट बदलने केलिए पूरी तरह आजाद होंगे.बैंक आप की अनुमति के बिना आपके बचत खाते की राशि खारिज या फिक्स्ड/शेयर आदि मे बदल सकता है pic.twitter.com/wbjR4ZnLcp
— आजाद सफर (@S_aryan_Arya) November 29, 2017
बैंक में जमा मेरी #मेहनत की कमाई #जब्त कर मोदी जी के उद्योगपति-मित्रों का #बैंक_ऋण चुकाए जाने पर मुझे ऐतराज है..उनकी #बेईमानी की कीमत मैं क्यों चुकाउँ...मैं #FRDI का विरोध करता हूं.. pic.twitter.com/nKbNXaIA6D
— Sachin Singla (@sachinsingla008) December 6, 2017
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